हाल ही में एक याचिका के बाद वाराणसी कोर्ट ने ज्ञानवापी मस्जिद के अंदर वीडियोग्राफ़ी और सर्वे का आदेश दिया था. इस सर्वे के बाद हिन्दू पक्ष के वकील ने दावा किया कि उन्हें मस्जिद के अंदर तालाब में शिवलिंग मिला है. वहीं दूसरी तरफ, मुस्लिम पक्ष का कहना है कि वो शिवलिंग नहीं बल्कि वज़ुखाने के बीच लगा फव्वारा है. इस ख़बर के बाद शिवलिंग की एक तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल है. इसे शेयर करते हुए दावा किया जा रहा है कि ये ज्ञानवापी मस्जिद में सर्वे के दौरान मिला है.
एक ट्विटर यूज़र ने ये तस्वीर ट्वीट करते हुए लिखा कि ज्ञानवापी मस्जिद में हिंदू देवी-देवताओं की मूर्तियों के अवशेष मिले हैं, जो इस बात को पुख्ता तौर पर साबित करते हैं कि ज्ञानवापी हमारा है. इतिहास कहता है कि मुगलों ने हज़ारों प्राचीन मंदिरों को नष्ट कर दिया था. (आर्काइव लिंक)
#ज्ञानवापी_मंदिर हमारा था है और सृष्टि के अंत तक रहेगा क्योंकि अब वहाँ #BabaMilGaye है।
Remnants of idols of Hindu deities have been found in Kashi Gyanvapi Mosque, which firmly proves that Gyanvapi Hamara Hai.
History Says that Mughals destroyed thousands of ancient temples. pic.twitter.com/0v2zB5miMd— 🚩 राजेश मदान🚩 (@rajeshmadaan13) May 17, 2022
सुप्रीम कोर्ट के वकील वैभव त्रिपाठी ने ये तस्वीर ट्वीट कर तंज कसते हुए कहा कि मुगल वास्तुकला अद्भुत है. उन्होंने हमेशा पहले तहखाने में एक प्राचीन हिंदू मंदिर बनवाया. इसे शेयर करते हुए ‘ज्ञानवापी मंदिर’ का हैश टैग लगाया गया. (आर्काइव लिंक)
फ़ेसबुक यूजर विक्रम गुप्ता ने श्री काशी विश्वनाथ वाराणसी मंदिर दर्शन ग्रुप में वायरल तस्वीर शेयर करते हुए लिखा कि मिल गए नंदी के आराध्य शिव.
इसी प्रकार कई अन्य यूज़र्स ने भी इसी दावे के साथ ये तस्वीर ट्वीट की. (लिंक 1, लिंक 2, लिंक 3, लिंक 4)
फ़ैक्ट-चेक
ऑल्ट न्यूज़ ने वायरल तस्वीर को यांडेक्स पर रीवर्स इमेज सर्च किया. हमें भारत के तत्कालीन केंद्रीय पर्यटन और संस्कृति मंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल का 29 मई 2020 का ट्वीट मिला. ट्वीट में ये तस्वीर शेयर करते हुए बताया गया था कि वियतनाम के माय सन साइट पर संरक्षण का काम शुरू है. इस साइट पर कुल 7 बड़े मंदिर हैं जिसमें से 3 पर भारतीय पुरातत्व विभाग काम कर रहा है. साइट पर विभाग के अधिकारियों को राजा इंद्रवर्मन द्वारा स्थापित मंदिर के गर्भगृह में 9वीं शताब्दी का शिवलिंग मिला.
राजा इंद्रवर्मन द्वारा स्थापित मंदिर के गर्भगृह में 9वीं शताब्दी का शिवलिंग संरक्षण कार्य में @ASIGoI के अधिकारियों को मिला, जिसकी ऊँचाई 80 से.मि और लंबाई 2.31 मि. हैं।
यह शिवलिंग रुद्रभागा और योनि पीठ शिल्पकला का उदाहरण है जो भारत और वियतनाम के सांस्कृतिक संबंधों को दर्शाता है। pic.twitter.com/QkHD3Y19oc
— Office of Shri Prahlad Singh Patel (@pspoffice) May 29, 2020
की-वर्ड्स सर्च करने पर हमें भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर का 28 मई 2020 का ट्वीट मिला. इसमें वायरल तस्वीर वाला शिवलिंग मौजूद है. ट्वीट में उन्होंने लिखा था कि भारत के पुरातत्व विभाग द्वारा चाम मंदिर परिसर, माई सन साइट, वियतनाम में चल रहे संरक्षण परियोजना में 9वीं CE का मोनोलीथिक सैंडस्टोन शिवलिंग मिला है.
Reaffirming a civilisational connect.
Monolithic sandstone Shiv Linga of 9th c CE is latest find in ongoing conservation project. Applaud @ASIGoI team for their work at Cham Temple Complex, My Son, #Vietnam. Warmly recall my visit there in 2011. pic.twitter.com/7FHDB6NAxz
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) May 27, 2020
इन सब जानकारी के आधार पर हमने गूगल सर्च किया. हमें वियतनाम के न्यूज़ पोर्टल वियतनाम प्लस की एक रिपोर्ट मिली. इसमें वियतनाम के सरकारी न्यूज़ एजेंसी VNA के हवाले से लिखा है कि वियतनामी और भारतीय विशेषज्ञों को सांस्कृतिक विरासत स्थल माई सन सैंक्चुअरी में स्थित चाम मंदिर परिसर में संरक्षण अभियान के दौरान 9वीं शताब्दी का एक शिवलिंग मिला.
कुल मिलाकर, वियतनाम में संरक्षण अभियान के दौरान भारतीय पुरातत्व विभाग को मिला शिवलिंग वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद का बताकर शेयर किया गया.
सत्ता को आईना दिखाने वाली पत्रकारिता का कॉरपोरेट और राजनीति, दोनों के नियंत्रण से मुक्त होना बुनियादी ज़रूरत है. और ये तभी संभव है जब जनता ऐसी पत्रकारिता का हर मोड़ पर साथ दे. फ़ेक न्यूज़ और ग़लत जानकारियों के खिलाफ़ इस लड़ाई में हमारी मदद करें. नीचे दिए गए बटन पर क्लिक कर ऑल्ट न्यूज़ को डोनेट करें.
बैंक ट्रांसफ़र / चेक / DD के माध्यम से डोनेट करने सम्बंधित जानकारी के लिए यहां क्लिक करें.