मणिपुर में कई महीनों से चल रही हिंसा पर विपक्षी पार्टियों ने केंद्र और मणिपुर में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार को कटघरे में खड़ा कर दिया. लेकिन इस मुद्दे पर केंद्र की NDA सरकार ने खुलकर कभी नहीं बोला. मामले ने तब तूल पकड़ लिया जब 2 महिलाओं को निर्वस्त्र करके घुमाने और उनके यौन सोशन का वीडियो वायरल हो गया. आनन-फानन में सरकार ने सोशल मीडिया कंपनियों को निर्देश जारी किया कि महिलाओं को नग्न कर परेड कराने का वीडियो शेयर नहीं किया जाए. इस वीडियो ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया. वीडियो के वायरल होने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी इसपर बयान देना पड़ा. हालांकि, विपक्षी पार्टियों का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सदन में चर्चा से भाग रहे हैं. उनका कहना है कि मणिपुर में हो रही हिंसा पर बहस हो और प्रधानमंत्री सदन के भीतर मणिपुर हिंसा पर जवाब दें. इसको लेकर दोनों सदनों में विपक्षी पार्टियों के सांसदों ने जमकर नारेबाज़ी की और हंगामा किया, इसी क्रम में आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह को समूचे मानसून सत्र से निलंबित कर दिया गया.

इन सब के बीच विपक्षी पार्टियों ने एक रणनीति ने तहत प्रधानमंत्री को मणिपुर के मुद्दे पर चर्चा करने के लिए विवश करने के लिए उनके खिलाफ़ संसद में अविश्वास प्रस्ताव लाया. चूंकि रूल 198 के मुताबिक जब अविश्वास प्रस्ताव लाया जाता है तो पहले बहस होती है और बाद में वोटिंग कराई जाती है. वोटिंग से पहले सरकार पर लगे आरोपों पर सबसे अंत में प्रधानमंत्री सफाई देते हैं. 26 जुलाई 2023 को कांग्रेस पार्टी से लोकसभा सांसद गौरव गोगोई ने सदन में अविश्वास प्रस्ताव पेश किया.

इसे रिपोर्ट करते हुए न्यूज़ एजेंसी ANI ने 26 जुलाई 2023 को अपने यूट्यूब चैनल पर एक वीडियो अपलोड किया जिसका टाईटल है, “Lok Sabha Speaker ने No Confidence Motion को दी मंजूरी, विपक्षी दलों ने लगाए ‘Chak De INDIA’ के नारे”. इस वीडियो के थंबनेल पर लिखा है, “अविश्वास प्रस्ताव मंजूर होते ही गूंजा ‘चक दे इंडिया’ भड़क गए स्पीकर.”

इस वीडियो में लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला ने सदन को सूचित किया कि उन्हें कांग्रेस पार्टी से लोकसभा सांसद गौरव गोगोई से मंत्री परिषद में अविश्वास प्रस्ताव प्राप्त हुआ है, इसके बाद उन्होंने गौरव गोगोई से अविश्वास प्रस्ताव के लिए सदन की अनुमति लेने का अनुरोध किया. गौरव गोगोई ने अपने स्थान पर खड़े होकर मंत्री परिषद में विश्वास का अभाव प्रकट किया जिसके बाद स्पीकर ने सभी सदस्यों से अनुरोध किया कि जो भी इस प्रस्ताव की अनुमति दिए जाने के पक्ष में हैं वो अपने स्थान पर खड़े हो जाएं. विपक्षी पार्टी के सांसदों ने अपने स्थान पर खड़े होकर इस प्रस्ताव की अनुमति दिए जाने का समर्थन किया. इसके बाद स्पीकर ने सबों को बैठने का इशारा किया और कहा, “इस प्रस्ताव की अनुमति दी जाती है, मैं सभी दलों के नेताओं से चर्चा कर कर और नियमों के तहत उचित समय पे चर्चा करने की तिथि से आपसब को अवगत करा दूंगा.” इसके बाद सदन में ‘चक दे इंडिया’ के नारे लगते हैं. इसके तुरंत बाद लोकसभा स्पीकर गुस्से में नज़र आ रहे हैं और कह रहे हैं, “माननीय सदस्यगण, सदन की गरिमा रखो. ये भारत की संसद है, आप इतने पुराने दल हो, आपका इस तरह का व्यवहार ठीक लगता है क्या? कुछ गरिमा बनाए रखो, आप गरिमा को गिराना चाहते हो सदन में? इतने साल में साशन करने के बाद आपको ये व्ययहार सिखाया है?”

इस वीडियो के जरिए यह दर्शाने की कोशिश की गई है कि लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला अविश्वास प्रस्ताव मंजूर होने के बाद ‘चक दे इंडिया’ के नारे लगने पर भड़क गए. (आर्काइव लिंक)

ANI के इनपुट पर News24 ने भी ये वीडियो यूट्यूब चैनल पर अपलोड करते हुए ऐसा ही दावा किया. (आर्काइव लिंक)

जनसत्ता ने भी एडिटेड वीडियो अपने यूट्यूब चैनल पर अपलोड किया. (आर्काइव लिंक)

लाइव हिंदुस्तान ने भी एडिटिड वीडियो अपने यूट्यूब चैनल पर अपलोड किया. (आर्काइव लिंक)

One India ने भी ANI के इनपुट पर यही वीडियो चलाया. (आर्काइव लिंक)

सियासी पिच नाम के यूट्यूब चैनल ने भी वीडियो अपलोड करते हुए ऐसा ही दावा किया. इस वीडियो के टाइटल में लिखा है – लोकसभा में गूंजा “चक दे इंडिया” भड़क गए स्पीकर (आर्काइव लिंक)

दो वीडियो के अलग-अलग हिस्से को काटकर जोड़ा गया है

हमने संसद टीवी पर मौजूद 26 जुलाई 2023 के लोक सभा की कार्यवाही का वीडियो देखा तो पाया कि ANI ने सदन की दो अलग-अलग समय के वीडियो को काटकर इस प्रकार जोड़ा है जिससे ऐसा लगता है कि ओम बिड़ला अविश्वास प्रस्ताव मंजूर होने के बाद ‘चक दे इंडिया’ के नारे लगने पर भड़क गए. साथ ही ANI ने अपने यूट्यूब चैनल पर अपलोड किए गए वीडियो के साथ भ्रामक थंबनेल जोड़ा.

लोकसभा स्पीकर द्वारा गुस्से में संसद के सदस्य को गरिमा बनाए रखने की बात कहे जाने वाला वाकिया 12 बजकर 5 मिनट पर होता है जब सदन में विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह बोल रहे होते हैं. इस दौरान गृहमंत्री अमित शाह सदन में आते हैं तो विपक्षी पार्टी के सांसद ‘इंडिया फ़ॉर मणिपुर’ के नारे लगाने लगते हैं. डॉ. जितेंद्र सिंह का वक्तव्य खत्म होने के बाद स्पीकर ओम बिड़ला गुस्से में कहते हैं, “माननीय सदस्यगण, सदन की गरिमा रखो. ये भारत की संसद है, आप इतने पुराने दल हो, आपका इस तरह का व्यवहार ठीक लगता है क्या? कुछ गरिमा बनाए रखो, आप गरिमा को गिराना चाहते हो सदन में? इतने साल में साशन करने के बाद आपको ये व्यवहार सिखाया है?” ये हिस्सा नीचे दिए गए वीडियो में 4 मिनट 15 सेकंड से देखा जा सकता है. इस वीडियो के नीचे कोने में समय 12 बजकर 5 मिनट दिख रहा है.

 

अब बात करते हैं कि ‘चक दे इंडिया’ के नारे कब लगे थे. दरअसल, कांग्रेस से लोकसभा सांसद गौरव गोगोई अविश्वास प्रस्ताव पेश करने के बाद विपक्षी पार्टियों के सांसदों ने अपने स्थान पर खड़े होकर प्रस्ताव की अनुमति दिए जाने का समर्थन किया. इसके बाद लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला द्वारा अविश्वास प्रस्ताव की अनुमति दिए जाने पर सदन में ‘चक दे इंडिया’ के नारे लगे. नारे लगाए जाने के बाद स्पीकर ने सांसद मनीष तिवारी को पुकारा. नारे लगाए जाने का ये वाकया 12 बजकर 8 मिनट पर होता है. नीचे दिए वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि स्पीकर ‘चक दे इंडिया’ नारे के बाद भड़के नहीं थे बल्कि सांसद मनीष तिवारी को उनका वक्तव्य देने के लिए पुकारा था.

सदन की कार्यवाही के इस हिस्से के वीडियो को काटकर ‘चक दे इंडिया’ के नारे के बाद जोड़ा गया है. यानी, ANI ने 12 बजकर 8 मिनट के बाद 12 बजकर 5 मिनट का वीडियो काटकर इस प्रकार जोड़ा जिससे ऐसा लगता है कि लोकसभा स्पीकर ‘चक दे इंडिया’ के नारे लगने पर भड़क गए. इसके अलावा ANI ने अपने वीडियो के साथ भ्रामक थंबनेल भी जोड़ा.

कुल मिलाकर, ANI ने एडिटेड वीडियो के सहारे झूठा दावा किया कि अविश्वास प्रस्ताव मंजूर होने के बाद ‘चक दे इंडिया’ के नारे लगने पर भड़क गए स्पीकर. इसी दावे को कई अन्य मीडिया आउटलेट्स ने आगे बढ़ाया.

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