सोशल मीडिया पर दो व्यक्तियों की एक तस्वीर इस दावे के साथ वायरल है कि ये 4 मई को मणिपुर में दो कुकी महिलाओं के साथ हुई घटना के आरोपी हैं. इन व्यक्तियों को RSS की वर्दी – काली टोपी, सफेद शर्ट और घुटने तक की लंबाई वाली भूरे रंग की पतलून पहने देखा जा सकता है.
CPI (M) पोलिट ब्यूरो सदस्य और पूर्व सांसद सुभासिनी अली ने ये तस्वीर ट्वीट करते हुए लिखा, “ये मणिपुर के आरोपी हैं. इन्हें कपड़ों से पहचानो.” इस तस्वीर और मणिपुर की घटना के बीच संबंध दिखाने के लिए वायरल वीडियो के दो स्क्रीनशॉट टॉप पर लगाए गए हैं. (आर्काइव)
@thenisiraj नामक यूज़र ने एक आरोपी की गिरफ़्तारी के बारे में बीबीसी तेलुगु के आर्टिकल के स्क्रीनशॉट के साथ इन दोनों व्यक्तियों की तस्वीर ट्वीट की. इस रिपोर्ट में गिरफ़्तार किए गए व्यक्ति की तस्वीर और वायरल वीडियो का स्क्रीनशॉट शामिल है. कैप्शन में यूज़र ने RSS पर बैन लगाने की मांग की. (आर्काइव)
ஆர் எஸ் எஸ் டவுசர்ஸ் நாட்டின் அவமானகரமான இயக்கம். உடனே இதை தடை செய்ய வேண்டும்… pic.twitter.com/C6ii1HbKfz
— Theni Siraj (@thenisiraj) July 23, 2023
वेरिफ़ाईड हैन्डल ‘@profapm’ ने भी यही दावा ट्वीट किया. ट्वीट में दोनों व्यक्तियों की वायरल तस्वीर, आरोपियों की गिरफ़्तारी के बारे में पब्लिश एक न्यूज़ रिपोर्ट के स्क्रीनशॉट के साथ ट्वीट की गई. (आर्काइव)
नमसते सदा वत्सले मातृभूमे
मां की भूमि को छूकर नमन करने वाले गुबरैले pic.twitter.com/gmUfO20KbA
— prof dr Arun Prakash Mishra 🇺🇲 (@profapm) July 22, 2023
CPIM तेलंगाना के ऑफ़िशियल पेज से भी इसी दावे के साथ तस्वीरें फ़ेसबुक पर पोस्ट की गईं. पोस्ट तेलगु में है जिसका हिन्दी अनुवाद है
, “#ये दोनों वही संस्कारी व्यक्ति हैं जिन्होंने मणिपुर में महिलाओं को नग्न करके घुमाया. ये RSS की सिखाई गई संस्कृति है.” CPIM विजाग ने भी ये तस्वीर फ़ेसबुक पर इसी दावे के साथ पोस्ट की.
ये तस्वीर सोशल मीडिया पर मलयालम भाषा में भी वायरल है और यूज़र्स दावा कर रहे हैं कि तस्वीर में दिख रहे दो लोगों में से एक को गिरफ़्तार कर लिया गया है.
फ़ैक्ट-चेक
ऑल्ट न्यूज़ ने देखा कि वायरल तस्वीर में दाईं ओर मौजूद शख्स असल में मणिपुर बीजेपी के प्रदेश उपाध्यक्ष चिदानंद सिंह हैं. चिदानंद सिंह, अपने बेटे और चचेरे भाई के साथ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, इंफ़ाल ज़िला द्वारा आयोजित ‘पथ संचलन’ कार्यक्रम में शामिल हुए थे. उन्होंने अक्टूबर 2022 में फ़ेसबुक पर ये तस्वीरें पोस्ट की थी.
असली आरोपी को थौबल ज़िले से गिरफ़्तार किया गया है. उसकी पहचान 32 साल के हेराडास के रूप में की गई है. वायरल वीडियो में वो हरे रंग की टी-शर्ट पहने नज़र आता है.
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तस्वीर के वायरल होने के बाद, चिदानंद सिंह ने ट्विटर पर स्पष्ट किया कि शेयर की जा रही तस्वीर उनकी और उनके बेटे की है. वायरल दावों में से एक को कोट करते हुए उन्होंने लिखा, “शर्म करो…मैं चिदानंद सिंह हूं, आप मेरे और मेरे बेटे की तस्वीर का इस्तेमाल करके RSS और मेरे परिवार की छवि खराब करने के अपने मकसद को पूरा नहीं कर सकते. मैं और मेरा परिवार कभी भी ऐसे जघन्य अपराध में शामिल नहीं हुए. क्या बेवकूफों वाली हरकत है.” भ्रामक ट्वीट को बाद में डिलीट कर दिया गया लेकिन आप उस ट्वीट का आर्काइव यहां देख सकते हैं.
चिदानंद सिंह ने मणिपुर के पुलिस महानिदेशक को एक लेटर भी लिखा. लेटर में अधिकारियों से उन फ़ेसबुक ग्रुप्स और ट्विटर एकाउंट्स के एडमिनिस्ट्रेटर और मेंबर्स के खिलाफ़ कानूनी कार्रवाई करने का अनुरोध किया गया जिन्होंने ये भ्रामक जानकारी शेयर की थी. उन्होंने कुछ ऐसे हैंडल्स का ज़िक्र किया जिन्होंने इस वायरल दावे को आगे बढ़ाया था. उन्होंने लिखा, “वायरल वीडियो से ली गई एक तस्वीर को मेरे (चौधरी चिदानंद सिंह) और मेरे बेटे चौधरी सचिनानंद सिंह के RSS वर्दी पहनी तस्वीरों के साथ एडिट किया गया है और आरोप लगाया गया है कि हम इस घटना में शामिल हैं. मेरी और मेरे बेटे की साथ वाली तस्वीर, मेरे फ़ेसबुक पेज से डाउनलोड की गई थी. इस मामले के संबंध में एक FIR दर्ज़ की गई है.”
Thanks a lot to @manipur_police, like minded friends, fact checking media groups/ individuals for your kind support. A FIR has been registered against those who spreads false propaganda to defame RSS n my family. Truth will prevail. pic.twitter.com/BckbnnaRkw
— Chidananda Singh (@ChChidananda) July 24, 2023
मणिपुर पुलिस ने ट्वीट कर बताया कि चिदानंद सिंह की शिकायत पर साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया है.
along with a caption that they were directly involved in the crime was uploaded in various social media platform.
2/3
— Manipur Police (@manipur_police) July 23, 2023
चिदानंद सिंह ने वायरल दावे की एक फ़ैक्ट-चेक रिपोर्ट भी कोट-ट्वीट की.
बाद में सुभाषिनी अली ने साफ किया कि उनका दावा ग़लत था और उन्होंने इसके लिए माफी मांगी. उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा, ”मुझे बेहद दुख है कि मैंने उन 2 व्यक्तियों के बारे में एक ग़लत ट्वीट रीट्वीट किया जिनकी पहचान मणिपुर में दो महिलाओं के खिलाफ हुई यौन हिंसा मामले में आरोपी के रूप में की जा रही थी. मैं अनजाने में हुई इस ग़लती के लिए बिना शर्त माफी मांगती हूं.”
कुल मिलाकर, RSS की वर्दी में मणिपुर बीजेपी उपाध्यक्ष और उनके बेटे की एक तस्वीर इस ग़लत दावे के साथ वायरल है कि वो 4 मई को मणिपुर में कुकी महिलाओं के साथ हुए यौन उत्पीड़न के मामले के आरोपी व्यक्तियों में से हैं. भाजपा नेता ने ट्विटर पर वायरल दावों को पूरी तरह ग़लत बताया और ग़लत सूचना फ़ैलाने वालों के खिलाफ मामला दर्ज किया.
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