सोशल मीडिया पर इस समय ये दावा ज़ोरों शोरों से किया जा रहा है कि शाइन कुमार नामक एक भारतीय सेना के जवान पर केरल में कुछ अनजान लोगों के एक ग्रुप ने हमला किया था. हमलावरों ने कथित तौर पर उसके हाथों को टेप से बांध दिया और उसकी पीठ पर हरे रंग से ‘PFI’ (जिसका मतलब पॉपुलर फ्रंट ऑफ़ इंडिया है जो एक प्रतिबंधित इस्लामी कट्टरपंथी संगठन है) लिख दिया. कोल्लम ज़िले के कडक्कल शहर की पुलिस ने सेना के जवान की शिकायत के आधार पर मामला दर्ज किया. इस कथित घटना ने देश में सुर्खियां भी बटोरीं. साथ ही टाइम्स नाउ, इंडिया टुडे, द टाइम्स ऑफ़ इंडिया, द हिंदू और ANI सहित प्रमुख मीडिया आउटलेट्स ने इस घटना पर रिपोर्ट पब्लिश की. ज़ी न्यूज़ ने इस मामले पर अपनी कवरेज का देते हुए ये टाइटल रखा, “बैन PFI…केरल में सक्रिय कैसे ? सेना के जवान के साथ की मारपीठ.”

भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता अनिल के. एंटनी ने एक राईट विंग हैंडल के ट्वीट को कोट करते हुए लिखा, “कल केरल के कोल्लम में असामाजिक उपद्रवियों द्वारा एक सेवारत जवान के साथ मारपीट की गई. उसके हाथ बांध दिए गए और उसकी पीठ पर पेंट से PFI लिख दिया गया. दु:ख और दहशत वाली बात है कि हमारे सशस्त्र बल के जवान जिनकी बहादुरी और बलिदान के लिए हम उनके बहुत आभारी हैं, उन्हें भी केरल में कोई सुरक्षा नहीं मिलती है.” उन्होंने राज्य में सत्तारूढ़ पार्टी केरल CPI (M) और कांग्रेस नेता राहुल गांधी की आलोचना की जिनमें से किसी ने भी मामले पर “अपनी आवाज़ नहीं उठाई.” (आर्काइव)

केरल के भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के सुरेंद्रन ने एक ग्राफ़िक ट्वीट किया जिसमें S कुमार की पीठ पर लिखे PFI की तस्वीर है. ग्राफ़िक में मलयाली भाषा में ये भी कहा गया है कि सैनिक को बांध कर पीटा गया और उसके शरीर पर PFI लिखा गया. (आर्काइव)

बीजेपी कार्यकर्ता C T रवि ने घटना पर टाइम्स नाउ की रिपोर्ट ट्वीट करते हुए लिखा, “एक चौंकाने वाली घटना में भारत की सेना के एक सेवारत सैनिक, S कुमार को केरल के कोल्लम ज़िले में PFI संगठन के आतंकवादियों द्वारा बेरहमी से पीटा गया. इसके बाद जिहादियों ने हमारे सैनिक S कुमार की पीठ पर PFI लिखा. अब समय आ गया है कि केरल की कम्युनिस्ट सरकार इन आतंकवादियों के खिलाफ बेरहमी से कार्रवाई करे.” (आर्काइव)

हिंदू सेवा केंद्र के संस्थापक प्रतीश विश्वनाथ और राईट विंग प्रभावकार अंशुल सक्सेना ने भी यही दावा ट्वीट किया. हालांकि ये ट्वीट्स आर्टिकल लिखे जाने तक हटा दिए गए हैं.

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राईट विंग प्रोपेगेंडा आउटलेट ऑपइंडिया की एक रिपोर्ट में ज़िक्र किया गया है कि “रविवार 24 सितंबर की रात कोल्लम के पास चनापारा में पॉपुलर फ्रंट ऑफ़ इंडिया (PFI) के आतंकवादियों द्वारा एक भारतीय सेना के जवान को कथित तौर पर क्रूरतापूर्वक प्रताड़ित किया गया था.” उन्होंने आगे दावा किया कि PFI के गुंडों ने उस व्यक्ति को लात मारी, उसके हाथ सेलो टेप से बांध दिए, उसे लगातार पीटा, और उसकी पीठ पर आतंकवादी समूह का नाम PFI भी लिख दिया. इसके बाद हमलावर मौके से भाग गए. (आर्काइव)

फ़ैक्ट-चेक

इस मामले का अपडेट आने पर ऑल्ट न्यूज़ को पता चला कि सेना के जवान पर कथित हमले की साजिश खुद ‘पीड़ित’ ने ही रची थी. न्यूज़ नाइन की एक डिटेल रिपोर्ट का टाइटल है, “कोल्लम में ‘PFI हमला, सेना के जवान ने ‘फ़ेमस’ होने के लिए अपराध की साजिश रची थी. उसके दोस्त ने ये कबूल किया. इस आर्टिकल के मुताबिक, जोशी नाम के सेना के दोस्त ने कथित तौर पर कडक्कल पुलिस के सामने ये कबूल किया कि शाइन कुमार की रिक्वेस्ट पर उन्होंने ही उनकी पीठ ‘PFI’ लिखा था.”

जोशी के मुताबिक, शाइन मशहूर होना चाहते थे. जोशी ने पुलिस के सामने कबूल किया, “उन्होंने मुझसे PFI लिखने के लिए कहा. मैंने DFI सुना और उसे लिखा. फिर उन्होंने मुझसे इसे मिटाकर PFI लिखने को कहा. फिर उसने पूछा कि क्या मैं उसे पीट सकता हूं. मैं उस हालत में (जाहिरा तौर पर शराब के नशे में) ऐसा नहीं कर सका. उन्होंने कहा कि वो नीचे लेट जाएगा और मुझसे उसे खींचने के लिए कहा. मैं उसके वजन के कारण ऐसा भी नहीं कर सका.” पुलिस ने जोशी के घर से इस घटना में इस्तेमाल किया गया पेंट और टेप भी बरामद किया.

कोल्लम ग्रामीण के एडिशनल SP आर.प्रतापन नायर ने इस मामले पर बयान देते हुए कहा, “उन्होंने कडक्कल पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज़ कराई और जांच के दौरान पता चला कि उनकी शिकायत झूठी थी. उसी के आधार पर आज उन्हें गिरफ़्तार भी कर लिया गया और उसके एक दोस्त (जोशी) को भी गिरफ़्तार कर लिया गया. वो सेना के जवान हैं और इस संबंध में राष्ट्रीय अटेंशन चाहते थे कि इसके बाद उन्हें इस घटना के एवज में कुछ मिलेगा. वो इसके लिए एक उपयुक्त पोस्ट पाना चाहते थे…”

आगे दिए गए वीडियो में शाइन और जोशी को कडक्कल पुलिस पकड़कर ले जाती हुई दिख रही है.

कुल मिलाकर, सोशल मीडिया पर कई यूज़र्स द्वारा किए गए दावों से उलट, शाइन कुमार नामक सेना के जवान पर असल में हमला हुआ ही नहीं था. S कुमार और उसके दोस्त जोशी ने फ़ेमस होने के लिए इस अपराध की साजिश रची थी. S कुमार ने जोशी से अपनी पीठ पर ‘PFI’ लिखने को कहा था. ये दोनों फिलहाल हिरासत में हैं.

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About the Author

Student of Economics at Presidency University. Interested in misinformation.