“لاشیں گرتی دی مو مسلمانو نہتے رشمیریوی کی 30 لاشیں ئرائ گئیں آجج۔ (देखें मुस्लिमों के शव, 30 कश्मीरियों की आज गोली मारकर हत्या” – अनुवादित), इस संदेश को फेसबुक पेज, नया पाकिस्तान विथ इमरान खान ने एक वीडियो के साथ साझा किया है। वीडियो में पुलिस को घुटनों पर बैठकर लोगों पर बंदूक ताने हुए देखा जा सकता है। कुछ लोगों को नारेबाज़ी करते हुए भी सुना जा सकता है। इसके बाद, पुलिसकर्मियों ने लोगों पर कुछ गोलियां भी दागीं। गोली चलने के बाद, दो व्यक्ति को ज़मीन पर गिर जाते हैं और कुछ पुलिसकर्मी उन्हें लेने के लिए स्ट्रेचर के साथ भागते हुई भी दिख रहे हैं। वीडियो के साथ दावा किया जा रहा है कि कश्मीर में 30 लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी गई।
#تازہ ترین.
لاشیں گرتی دیکھو مسلمانو 😢😢😢
نہتے کشمیریوں کی 30 لاشیں گرائ گئیں آج۔ امت پھر بھی خاموش 😢😢😢😢 pic.twitter.com/Qy66vFZbFI— اپنا ڈوگی ناڑا (@WiZaf1TVJZNa0gb) August 9, 2019
यह वीडियो फेसबुक पर भी समान दावे के साथ प्रसारित है कि 30 कश्मीरी प्रदर्शनकारी को आज मार दिया गया है।
एक सेवानिवृत्त पाकिस्तानी वायु सेना के मार्शल शाहिद लतीफ़ ने भी वीडियो साझा करते हुए दावा किया कि यह जम्मू-कश्मीर में आम नागरिकों पर गोलीबारी करने वाले भारतीय सेना का वीडियो है।
This video can be old or recent. The world must watch how Indian occupation forces are firing straight bullets on unarmed civilians who are out on streets against violation of the human rights in Indian Occupied Jammu and Kashmir. Criminal silence of the UN has no justification. pic.twitter.com/NBqv3PH2Fl
— Air Marshall Shahid Latif – (Retd) (@AMShahidLatif) August 9, 2019
झारखंड का मॉक ड्रिल वीडियो
ऑल्ट न्यूज़ ने जुलाई 2018 में इस वीडियो की पड़ताल की थी और हमने अपनी जांच में पाया था कि वीडियो 31 अक्टूबर, 2017 को खूंटी पुलिस (झारखंड) द्वारा आयोजित एक मॉक ड्रिल का है। 1 नवंबर, 2017 को अपलोड किये गए इस वीडियो के कैप्शन में लिखा हुआ है –“खूंटी पुलिस का मॉक ड्रिल” -अनुवादित।
अगर कोई व्यक्ति वीडियो के पीछे सुनाई दे रही आवाज़ों को ध्यान से सुने तो पता चलता है कि यह वीडियो वास्तविक नहीं बल्कि एक नाटक है। घोषणा में स्पष्ट रूप से लोगों को इस नाटक के बारे में बताया जा रहा है। वीडियो को बारीकी से देखने पर हमने वीडियो में दिख रही दुकान का बोर्ड देखा, जिसमें लिखा हुआ है -“जगदम्बा स्टील”।
ऑल्ट न्यूज़ से बातचीत के दौरान, जगदम्बा स्टील के मालिक ने हमें इस बात की पुष्टि की थी, कि 31 अक्टूबर, 2017 को उनकी दुकान के बाहर पुलिस द्वारा मॉक ड्रिल किया गया था। आप इस वीडियो पर की गई हमारी विस्तृत तथ्य जांच यहां पर पढ़ सकते हैं।
निष्कर्ष के तौर पर, 2017 में झारखंड पुलिस द्वारा आयोजित मॉक ड्रिल के वीडियो को फेसबुक पर 30 कश्मीरियों को गोली मारने के दावे से साझा किया जा रहा है। पिछले साल भी, इस वीडियो को कश्मीरी लोगों को गोली मारने के गलत दावे से साझा किया गया था।
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