कई राईटविंग एक्स (ट्विटर) यूज़र्स ने 2 मिनट 15 सेकंड का एक वीडियो शेयर किया है. इसके साथ दावा किया जा रहा है कि बांग्लादेश में एक हिंदू शिक्षक पर शारीरिक हमला करके उसका उत्पीड़न किया गया.

5 अगस्त को शेख हसीना सरकार के पतन के बाद पड़ोसी देश से हिंदुओं पर हमले की ख़बरें सामने आई हैं. ये वीडियो भी उसी संदर्भ में शेयर किया जा रहा है.

वीडियो में दिखाया गया है कि कई लोग एक बुज़ुर्ग व्यक्ति के साथ मारपीट कर रहे हैं. वे पहले उसकी शर्ट के कॉलर पर सिगरेट के पैकेट चिपका देते हैं, फिर उसे एक गिलास से पीने के लिए मजबूर करते हैं और अंत में एक बोतल से कुछ उसके शरीर पर उड़ेल देते हैं. वीडियो में एक कमेंटेटर सामने आता है और कहता है कि जिस व्यक्ति के साथ दुर्व्यवहार किया जा रहा है,वो अजीमपुर गर्ल्स कॉलेज के गणित के एक लोकप्रिय शिक्षक गौतम पाल हैं जिन्हें इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया जा रहा है. कमेंटटेटर के इस दावे के साथ वीडियो अचानक खत्म हो जाता है कि हिंदू शिक्षकों को टारगेट किया जा रहा है.

इस्कॉन कोलकाता के उपाध्यक्ष राधारमण दास ने इसी दावे के साथ वीडियो को शेयर किया. ध्यान दें कि ये नियमित तौर पर सांप्रदायिक ग़लत सूचनाएं शेयर करते हैं.

इस ट्वीट के आधार पर न्यूज़ 18 और ABP न्यूज़ ने भी बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ़ हिंसा बताकर खबर पब्लिश कर दी.

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इस क्लिप को Keh Ke Peheno (@coolfunnytshirt), बाबा बनारस (@RealBababanaras), ब्लडी मीडिया (@bloody_media), अजीत भारती (@ajeetbharti) जैसे यूज़र्स ने भी हिंदू-शिक्षक को परेशान करने के दावे के साथ शेयर किया.

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लेखक और अर्थशास्त्री संजीव सान्याल ने राधारमण दास के ट्वीट को कोट करते हुए ट्वीट किया, “बेशक @dwnews और @BBCWorld जैसे चैनलों का मानना ​​है कि बांग्लादेश में “छात्रों” का ये व्यवहार बिल्कुल उचित है. ये नाज़ी जर्मनी से किस तरह अलग है?? या शायद हिंदुओं के साथ ये व्यवहार उसी तरह उचित समझा जाता है जैसे @dwnews पत्रकारों के पूर्वजों ने यहूदियों के साथ किया था.”

फ़ैक्ट-चेक

हमने देखा कि वायरल वीडियो के फ्रेम पर ‘चपाई एक्सप्रेस’ लिखा हुआ है. चपाई नवाबगंज उत्तर-पश्चिमी बांग्लादेश में राजसाही डिवीजन के अंतर्गत आने वाला एक ज़िला है. हमने बंगाली में एक सबंधित की-वर्डस सर्च किया. हमें चपाई नवाबगंज नागरिक निकाय के कार्यालय में हुई एक घटना पर कई रिपोर्ट्स मिलीं. इन रिपोर्ट्स में ऐसी तस्वीरें हैं जो वायरल वीडियो में हो रहे उत्पीड़न से मेल खाती हैं.

bdnews24.com की एक रिपोर्ट के मुताबिक, सोमवार, 19 अगस्त 2024 को युवाओं के एक समूह ने चपैनवाबगंज नगर पालिका में एक सरकारी अधिकारी को उसके कार्यालय की दराज में सिगरेट के दो पैकेट मिलने के बाद इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया. अधिकारी की पहचान नागरिक निकाय के इंजीनियर, एक कार्यकारी तौफ़ीक इस्लाम के रूप में की गई थी. उनके खिलाफ़ कार्रवाई का नेतृत्व छात्र आंदोलन के स्थानीय नेता इस्माइल हुसैन सिराज़ी ने किया था.

नगर निगम के कार्यकारी अधिकारी मामून और राशिद का हवाला देते हुए, bdnews24.com की रिपोर्ट में कहा गया है कि घटना के बाद तौफ़ीक इस्लाम ‘बेहोश’ हो गया और उसे अस्पताल ले जाया गया. रिपोर्ट में कहा गया है कि छात्र कार्यकर्ताओं ने दो अन्य नगर निगम अधिकारियों को सफ़ेद पेपर पर त्याग पत्र लिखने के लिए भी मजबूर किया था.

Banglatribune.com की एक अन्य रिपोर्ट में इन्हीं घटनाओं के बारे में बताया गया है और कहा गया है कि कार्यकारी अभियंता तौफ़ीक इस्लाम ने अस्पताल से घर लौटने के बाद कार्यालय जाना बंद कर दिया है.

हमें इस घटना पर मीडिया आउटलेट स्वदेश प्रतिदिन की एक वीडियो रिपोर्ट भी मिली. इस रिपोर्ट में युवाओं का नेतृत्व करने वाले इस्माइल हुसैन सिराज़ी का दावा है कि नागरिक निकाय के अधिकारियों ने स्वेच्छा से इस्तीफा दे दिया था. नीचे इस घटना के वीडियो रिपोर्ट का एक स्क्रीनशॉट है.

कुल मिलाकर, ये स्पष्ट है कि भारतीय सोशल मीडिया यूज़र्स द्वारा इस घटना को ग़लत तरीके से सांप्रदायिक ऐंगल दिया जा रहा है. ये बांग्लादेश में किसी हिंदू पर हमले का मामला नहीं है. वीडियो में बांग्लादेश के राजसाही डिवीजन के चपाई नवाबगंज में छात्र प्रदर्शनकारियों द्वारा तौफ़ीक इस्लाम नामक एक नगरपालिका इंजीनियर को परेशान करते हुए दिखाया गया है.

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About the Author

Indradeep, a journalist with over 10 years' experience in print and digital media, is a Senior Editor at Alt News. Earlier, he has worked with The Times of India and The Wire. Politics and literature are among his areas of interest.