भाजपा सदस्य सुरेंद्र पूनिया ने एक अख़बार के फ्रंट पेज जैसी दिखने वाली तस्वीर शेयर की जिसकी हेडलाइन थी, “साइबराबाद पुलिस ने शहर में संतरों की बिक्री पर लगाया बैन”. पूनिया ने तस्वीर के साथ एक भड़काऊ कैप्शन भी लिखा है कि, “ऑरेंज भी बदनाम हुआ सेकुलरिज्म डार्लिंग तेरे लिए…लगता है कुछ राज्यों की पुलिस शरिया कानून लागू करने लगी है. अब वो दिन दूर नहीं जब ये एक दिन सिंदूर, मंगलसूत्र, बिंदी और ॐ पर भी बैन लगा देंगे! सिकुलरिज़म ज़िंदाबाद” (ट्वीट का आर्काइव) इस ट्वीट पर डिलीट किए जाने से पहले 14,000 लाइक्स थे और करीब 4,000 लोगों ने इसे रीट्वीट किया था.

कुछ और लोगों ने भी इस खबर को सही मानकर ये तस्वीर शेयर की.

ट्विटर हैंडल @theskindoctor13 ने पहले यह तस्वीर ट्वीट की थी और साइबराबाद पुलिस को टैग किया था.

व्यंग्य को मान बैठे सच

पूनिया पेपर की उस कटिंग में उन चीजों को देखने से चूक गए जिनसे यह पता चलता है कि वह कम्प्यूटर की मदद से व्यंग्य के लिए तैयार की गई तस्वीर है. अख़बार का नाम ‘Deccan Cbronicle’ और नीचे कोने में दाईं तरफ ‘satire by @theskindoctor13’ साफ़ लिखा हुआ है.

शरिया और ‘सिकुलरिज्म’ के साथ सम्बंध जोड़ने की जल्दी में पूनिया ने वह व्यंग्यात्मक लाइन भी नीचे नहीं पढ़ी जिसमें लिखा था, “UNESCO ने साइबराबाद पुलिस को दुनिया की सबसे सेकुलर पुलिस घोषित किया.”

ट्विटर यूज़र @theskindoctor13 जिसका एक नाम नीलम सिंह भी है, उसने झारखण्ड में एक फल विक्रेता के खिलाफ मुकदमा होने के जवाब में ऐसी ही नकली क्लिप बनाई थी जिसमें होर्डिंग पर ‘हिन्दू फ्रूट शॉप’ लिखा हुआ था. यह मामला तेलंगाना में सामने आया भी था. एक यूज़र ने पुलिस को टैग करते हुए ट्वीट किया कि अट्टा पुर में सब्ज़ी बेचने वाले अपने ठेलों पर भगवा झंडे लगा रहे हैं. इसके रिप्लाई में साइबराबाद पुलिस ने राजेन्द्र नगर पुलिस को टैग किया था. इस पर कई भाजपा नेता भड़क गए, यहां तक कि विधायक अरविंद धरमपुरी ने पूछा कि पुलिस स्टेशन को टैग करने का क्या मतलब है?

साइबराबाद पुलिस ने अखबार की व्यंग्यात्मक तस्वीर बनाने के आरोप में @theskindoctor13 पर मामला दर्ज किया है.

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