एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है. इसमें पुलिसवाले लोगों को पकड़कर ज़मीन पर लिटाये हुए है. इसे शेयर करते हुए दावा किया जा रहा है कि जर्मनी में रिकार्ड दर महंगाई और एनर्जी के शॉर्टेज के विरोध में प्रदर्शन कर रहे लोगों को पुलिस ने पीटा.
प्रोक्योरनेट के सीईओ गुरबक्श सिंह चहल ने भी वीडियो शेयर करते हुए ऐसा ही दावा किया. (आर्काइव लिंक)
WATCH: #BNNGermany Reports
In Germany, police use force to disperse protestors, causing outrage as they fight for higher prices, inflation, and the cost of living. pic.twitter.com/46DMzbo5sq
— Gurbaksh Singh Chahal (@gchahal) October 17, 2022
जॉन हॉपकिंग्स यूनिवर्सिटी के ईकोनॉमिस्ट स्टीव हानके ने वीडियो शेयर करते हुए दावा किया कि जर्मन पुलिस ने बढ़ती मंहगाई के विरोध में प्रदर्शन कर रहे नागरिकों को पीटा. (आर्काइव लिंक) इस ट्वीट को पेटीएम के फाउंडर विजय शेखर शर्मा ने भी रीट्वीट किया.
रिपब्लिक वर्ल्ड ने वीडियो के साथ वायरल दावे के आधार पर आर्टिकल में दावा किया कि जर्मन पुलिस ने महंगाई के खिलाफ़ प्रदर्शन कर रहे लोगों को पीटा. (आर्काइव लिंक)
ट्विटर यूज़र द पोल लेडी ने भी वीडियो ट्वीट करते हुए ऐसा ही दावा किया. (आर्काइव लिंक)
ये वीडियो इसी दावे के साथ सोशल मीडिया पर वायरल है.
फ़ैक्ट-चेक
वायरल वीडियो के फ़्रेम्स को रिवर्स इमेज सर्च करने पर हमें 2 वेब पोर्टल्स TVP Info, Fakt और Interia के रिपोर्ट मिले. हमने इन रिपोर्ट्स को इंग्लिश में ट्रांस्लेट किया तो पाया कि ये वीडियो जर्मनी में दो फुटबॉल क्लब FC St. Pauli और Hamburger SV के फैन्स के बीच हुए झड़प के बाद पुलिस की कार्रवाई का है. यानी, इस वीडियो का जर्मनी में चल रहे महंगाई के खिलाफ़ प्रोटेस्ट से कोई संबंध नहीं है.
नीचे दिए गए इमेज कम्पेरिजन में इसे बेहतर देखा जा सकता है.
इस मुद्दे पर 14 अक्टूबर को फ़ुटबॉल क्लब St. Pauli ने ट्वीट करते हुए पुलिस की कार्रवाई पर स्पष्टीकरण की मांग की.
Auf dem Heiligengeistfeld hat es einen massiven Polizeieinsatz gegeben, mehrere Personen wurden verletzt. Angesichts vorliegender Videos und Augenzeugenberichten stellt sich die dringende Frage nach der Verhältnismäßigkeit. Der FC St. Pauli fordert Aufklärung.#fcsp #fcsphsv
— FC St. Pauli (@fcstpauli) October 14, 2022
इस मुद्दे पर हेमबर्ग पुलिस ने ट्वीट थ्रेड जारी करते हुए बयान दिया. पुलिस के मुताबिक, वे फुटबॉल फैंस के बीच टकराव को रोकने की कोशिश कर रहे थे. पुलिस ने उग्र फैंस को हिरासत में लिया. वायरल वीडियो फैन्स को हिरासत में लिए जाने के समय का है जिसमें पुलिस शारीरिक हिंसा करते दिख रहे हैं. पुलिस के मुताबिक, ये स्पष्ट नहीं है कि पुलिस को ये रूख क्यों अपनाना पड़ा. लेकिन हेमबर्ग पुलिस का कहना है कि आमतौर पे ये तब होता है जब कोई पुलिस की कार्रवाई में सहयोग नहीं करता. इसकी जांच चल रही है.
Teile dieser Gruppe wurden dabei in Gewahrsam genommen.
Ein im Internet kursierendes Video zeigt eine solche Ingewahrsamnahme, bei der ein Polizist Zwang in Form von körperlicher Gewalt anwendet. #FCSPHSV#Einsatztwittern
— Polizei Hamburg (@PolizeiHamburg) October 14, 2022
हेमबर्ग पुलिस ने 14 अक्टूबर और 17 अक्टूबर को मामले से जुड़ा दो प्रेस रिलीज जारी किया था.
कुल मिलाकर, रिपब्लिक वर्ल्ड, स्टीव हानके, गुरबक्श सिंह चहल समेत कई सोशल मीडिया यूज़र्स ने एक वीडियो शेयर करते हुए झूठा दावा किया कि जर्मनी में महंगाई के विरोध में प्रदर्शन कर रहे लोगों को पुलिस ने पीटा. जबकि असल में वायरल वीडियो जर्मनी में दो फुटबॉल क्लब फैंस के बीच हुए झड़प के बाद हुए पुलिस की कार्रवाई का है.
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