सोशल मीडिया पर एक वीडियो काफी ज़्यादा शेयर किया जा रहा है जिसमें दो लड़कियों को कुछ अन्य लड़कियां मिलकर खंभे से बांध रही दिखती है. दावा किया जा रहा है कि वीडियो में बांग्लादेशी मुसलमानों द्वारा हिंदुओं पर अत्याचार होते हुए दिखाया देखा जा सकता है.
एक महीने तक चले देशव्यापी छात्र विरोध प्रदर्शन के बाद 5 अगस्त को तत्कालीन प्रधानमंत्री शेख हसीना को सत्ता से बेदखल कर दिया गया था. लेकिन तबटक सैकड़ों लोगों की मौत हो चुकी थी. बांग्लादेश इस संकट से जूझ ही रहा था कि 5 अगस्त को तख्तापलट के बाद देश के कई हिस्सों से अल्पसंख्यक हिंदुओं पर हमले की घटनाएं सामने आने लगीं. ये विशेष वीडियो भी उसी संदर्भ में वायरल है.
प्रीमियम सब्सक्राइब्ड एक्स यूज़र सलवान मोमिका (@Salwan_Momika1) ने 7 अगस्त को ये क्लिप शेयर करते हुए लिखा: “Save the #Hindus in #Bangladesh (बांग्लादेश में हिंदुओं को बचाएं). मुसलमानों द्वारा उनका नरसंहार किया जा रहा है और उनकी महिलाओं को बंदी बनाकर बेचा जा रहा है, जैसा कि इराक में हमारे साथ हुआ था.” इस पोस्ट को 10.4 लाख से ज़्यादा बार देखा गया है और 11 हज़ार से ज़्यादा बार रिशेयर किया गया है. (आर्काइव)
Save the #Hindus in #Bangladesh.
They are being subjected to genocide by Muslims and their women are being taken captive and sold, as happened to us in Iraq. pic.twitter.com/89WgXguQJg
— Salwan Momika (@Salwan_Momika1) August 7, 2024
एक अन्य प्रीमियम सब्सक्राइब्ड एक्स यूज़र, नियाक घोरबानी (نیاک) (@GhorbaniiNiyak) ने भी उसी वीडियो को शेयर किया. इस यूज़र ने दावा किया कि संबंधित क्लिप में बांग्लादेश में मुसलमानों को अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा करते हुए दिखाया गया है. इस पोस्ट को 10.2 लाख से ज़्यादा बार देखा गया और 7,900 से ज़्यादा बार रिशेयर किया गया है. (आर्काइव)
Remember the Yazidi women who were sold as slaves by ISIS?
Now in Bangladesh, Muslims who have come to power are doing the same thing!Religion of peace! pic.twitter.com/7Fi6Xfu522
— Niyak Ghorbani (نیاک) (@GhorbaniiNiyak) August 7, 2024
फ़ैक्ट-चेक
हमने वीडियो से कई की-फ्रेम्स लिए और उनमें से कुछ फ़्रेम्स रिवर्स इमेज सर्च किया. इससे हमें 17 जुलाई की एक फ़ेसबुक पोस्ट मिली जिसमें यही वीडियो था. बंगाली में लिखे कैप्शन का हिंदी अनुवाद है, “बद्रुन्नेसा कॉलेज के नेताओं को आम छात्रों द्वारा बंधक बनाया जा रहा है.”
इससे ध्यान में रखते हुए, हमने बंगाली में एक सबंधित की-वर्डस सर्च किया. हमें जागो न्यूज़ 24 की एक न्यूज़ रिपोर्ट मिली जिसमें वायरल वीडियो का स्क्रीनशॉट था. बांग्ला में लिखे हेडलाइन का हिंदी अनुवाद है, “स्टूडेंट्स ने छात्र लीग के कार्यकर्ताओं को बांधा, कान पकड़कर उठक-बैठक कराई.”
रिपोर्ट के मुताबिक, बांग्लादेश स्टूडेंट लीग के लीडर्स को ढाका के बेगम बदरुनेसा महिला कॉलेज में छात्राओं पर विशेष प्रभाव मिला था. सभी को लगा कि उन्हें उनके अधीन रहना होगा. इसके विरोध में कुछ आंदोलनकारी स्टूडेंट्स ने उनमें से कुछ को बांध दिया और कुछ को कान पकड़ कर उठक-बैठक करायी. रिपोर्ट में ये भी बताया गया है कि कुछ देर बाद कॉलेज के शिक्षक पहुंचे और छात्र लीग के सदस्यों को वहां से निकलने में मदद की.
बांग्लादेश छात्र लीग (BCL) शेख हसीना के नेतृत्व वाली अवामी लीग की स्टूडेंट ब्रांच है, जो 5 अगस्त, 2024 को हसीना के इस्तीफे तक बांग्लादेश में 15 सालों तक सत्ता में थी. उपरोक्त घटना 17 जुलाई को ऐसे समय में हुई थी जब देश में विरोध प्रदर्शन हिंसक होने लगे थे.
शोटोबन की एक अन्य रिपोर्ट में बताया गया है कि ये घटना सभी शैक्षणिक संस्थानों में छात्र लीग कार्यकर्ताओं के बहिष्कार के आह्वान से जुड़ी थी.
हमें ढाका एज के यूट्यूब चैनल पर 17 जुलाई को पोस्ट किया गया ये वायरल वीडियो भी उसी संदर्भ में मिला, जैसा कि न्यूज़ रिपोर्ट में बताया गया है. वीडियो के टाइटल में कहा गया है: “छात्रों ने बदरुन्नेस कॉलेज छात्र लीग के नेताओं को बांध दिया.” वीडियो में 19 सेकंड पर ये देखा जा सकता है कि जिन महिलाओं को बांधा जा रहा था, उनसे कान भी पकड़वाए गए.
कुल मिलाकर, ये सच है कि वायरल वीडियो बांग्लादेश का है और विरोध प्रदर्शन से संबंधित है, लेकिन ये जुलाई 2024 का है और इसमें अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा नहीं दिखाई गई है. घटना का कोई सांप्रदायिक ऐंगल नहीं था. इस क्लिप को भ्रामक दावे के साथ शेयर किया जा रहा है.
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