सोशल मीडिया पर एक वीडियो क्लिप खासी वायरल हो रही है. इसमें कुछ बंदूकधारी लोग पुलिस की गाड़ी के पास दिखाई देते हैं जो कि कुछ देर में रिहाइशी इलाके में चल रहे हैं. बाद में हमको दिखाई देता है कि एक आदमी बेहोशी की हालत में सड़क के किनारे पड़ा हुआ है.
भारतीय फ़िल्म ऐक्टर कंगना रनौत की बहन रंगोली चंदेल ने एक वीडियो ट्वीट किया. इसमें तीन आदमी दिखाई दे रहे हैं जिनके पास बंदूकें हैं और वो एक पुलिस की गाड़ी के पास खड़े हैं. इसके बाद वो एक गली में चले जाते हैं. ये ट्वीट 11 फ़रवरी को किया गया था. रंगोली ने लिखा – “इस बीच चीन में लगभग 25 हज़ार लोग मर चुके हैं. ये लोग वायरस से संक्रमित लोगों को गोली मार रहे हैं.” रंगोली के इस ट्वीट को 2 हज़ार से ज़्यादा रीट्वीट मिल चुके हैं.
Meanwhile over 25,000 killed they have started shooting down all the people with the virus in China… this is so sad 🥺🥺🥺 pic.twitter.com/IfVWMUuSw6
— Rangoli Chandel (@Rangoli_A) February 13, 2020
फ़ैक्ट चेक
वीडियो को अगर हम ध्यान से देखें तो मालूम पड़ेगा कि इसमें कम से कम 4 अलग-अलग वीडियोज़ एक के बाद एक दिखाई देते हैं. इन सभी अलग-अलग क्लिप्स को मिलाकर ये एक वीडियो बनाया गया है. इस आर्टिकल में हम इन चार अलग-अलग वीडियोज़ का फैक्ट चेक करेंगे. साथ ही रंगोली के ट्वीट में किये गए दावे की भी पड़ताल करेंगे.
- पहली क्लिप – 3 शख्स पुलिस की कार के बगल में खड़े हैं और अपनी बंदूकें लोड कर रहे हैं. (टाइम – 0:00 से 0:15)
- दूसरी क्लिप – पहली क्लिल्प में दिख रहे वही 3 लोग एक अपार्टमेंट कॉम्प्लेक्स में घुस रहे हैं. उनके हथियार उनके बगल में दिखाई देते हैं. (टाइम – 00:16 से 00:21)
- तीसरी क्लिप – मेडिकल वर्कर्स बीमारों को अटेंड कर रहे हैं और कई सारे लोग आस-पास से गुज़र रहे हैं. (टाइम – 00:22 से 00:35)
- चौथी क्लिप – सड़क के किनारे 2 लोग दिख रहे हैं. इसमें से एक मरा हुआ मालूम पड़ता है. आस-पास मेडिकल वर्कर्स और कई लोग मौजूद हैं. (टाइम – 00:36 से 00:57)
किसी ने भी प्रोटेक्टिव मास्क नहीं पहने हैं
बीबीसी में 6 फ़रवरी 2020 को छपी एक रिपोर्ट के अनुसार चीन के अधिकारियों ने दूसरे देशों से ये अपील की थी कि उन्हें प्रोटेक्टिव फेस मास्क मुहैया करवाएं जाएं. रिपोर्ट में लिखा है – “चीन में फ़ेस मास्क को समय समय पर बदलते रहने की हिदायत जारी की गई है. मेडिकल टीम्स को दिन में कम से कम 4 बार फेस मास्क बदलना होगा. सिर्फ़ इस एक काम के लिए ही हर दिन लगभग 2 मिलियन (20 लाख) मास्क चाहिए होंगे. वुहान के मुख्य अस्पतालों में ये नियम लागू किया गया है.” रिपोर्ट में ये भी लिखा हुआ है कि आम जनता भी मास्क का भरपूर इस्तेमाल कर रही है. उन्होंने निर्देश जारी किये जाने का इंतज़ार नहीं किया है.
नीचे हमने एक वीडियो रिपोर्ट लगाई है जो कि न्यू यॉर्क टाइम्स के हवाले से है. इसका टाइटल है – “वुहान के रहने वाले कोरोना वायरस से कैसे निपट रहे हैं.” इस रिपोर्ट में वुहान में रहने वाले लगभग हर शख्स की मास्क पहने हुए तस्वीर कई दफ़ा दिखाई गई है. इसलिए इन डराने वाले हालातों में, जब हर कोई मास्क पहना हुआ नज़र आता है, हुबेई प्रांत के वुहान में रहने वाले लोग बिना मास्क के दिखाई दें, ऐसा लगभग असंभव है.
तीसरे सीक्वेंस में ऐसे लोग साफ़ देखे जा सकते हैं जो मास्क नहीं पहने हुए हैं और उन लोगों के पास खड़े हैं जिन्हें मेडिकल अटेंशन दिया जा रहा है.
ऐसे ही चौथी क्लिप में भी ऐसे लोग देखे जा सकते हैं जिन्होंने मास्क नहीं पहना हुआ है.
अगर हम वीडियो के साथ किये जा रहे दावों को सच मान लें तो ऐसे मरीज़ जो ज़मीन पर पड़े हुए हैं, कोरोना वायरस से ग्रसित हैं जिन्हें पुलिसवालों ने मार दिया. ऐसे में आम लोगों का कोरोना वायरस से ग्रसित मरे हुए लोगों के आस-पास बिना मास्क के खड़े होना समझ से परे है.
अब हम उन दृश्यों के बारे में बात करते हैं जो कि ये दावा करते हैं कि वुहान की पुलिस वायरस से ग्रसित लोगों को मार रही है. सभी क्लिप्स के बारे में हम एक-एक कर के बात करते हैं.
क्लिप्स 1 और 2
पहली और दूसरी क्लिप में 3 लोग एक जैसे कपड़ों में दिखाई देते हैं. नीचे दिए गए स्क्रीनशॉट में हमें ‘पुलिस’ लिखा हुआ दिखाई दे रहा है और साथ ही चीन की पुलिस का चिन्ह भी दिखाई पड़ता है.
पहली और दूसरी क्लिप में बस इतना ही दिखाई पड़ता है कि कुछ लोग हैं जो कि बंदूकों से लैस हैं और अपार्टमेंट्स से घिरी हुई एक गलीनुमा सड़क पे चल रहे हैं.
असल में दूसरी क्लिप अलग से भी ख़ूब वायरल हुई है. इसके साथ ये दावा किया जाता है कि 3 अज्ञात लोग जिनके पास बंदूकें हैं और जो कि प्रोटेक्टिव मास्क पहने हुए हैं, वुहान में किसी जगह पर देखे गए हैं. ये क्लिप 1 फ़रवरी 2020 से वायरल है.
हमें एक ट्वीट मिला जो कि चीन की भाषा में लिखा गया था. इसमें कहा गया है कि ये 2018 का वीडियो 2 लोगों का है जो पागल कुत्तों को ढूंढ रहे हैं. कुत्तों ने 2 लोगों को काटा था. ये ज़ेजियांग प्रान्त के यीवू का सड़क था. 2 फ़रवरी 2020 को किये गए ट्वीट में लिखा हुआ है – “ये तो पक्का है कि इस वीडियो में जो आवाज़ सुनाई दे रही है वो यीवू की बोली है.”
CGTN ने इस वीडियो के स्क्रीनशॉट ट्वीट किये और बताया कि यीवू की पुलिस ‘कोरोना वायरस से ग्रसित लोगों को गोली मार रही है’ दावा करने वाले सभी वीडियो फ़ेक हैं. पुलिस के अनुसार हथियारबंद पुलिसवाले सिर्फ़ पागल कुत्तों के पीछे पड़े हुए थे. पुलिस का कहना था कि इस वीडियो को एडिट कर के ग़लत ढंग से पेश किया गया है.
Police in Yiwu, Zhejiang said online video alleging them “shooting people sick with #coronavirus that refuse to be evacuated” is fake
The police said the video was “maliciously” manipulated with separate scenes since the armed officers were only dealing with a rabid dog pic.twitter.com/10NLLX7B1I
— CGTN (@CGTNOfficial) February 13, 2020
यीवू शहर ज़ेजियांग प्रांत के जिन्हुआ ज़िले में पड़ता है. वीडियो में दिखाई दे रही पुलिस की कार का नंबर है ‘G1796’. इसमें G जिन्हुआ के लिए इस्तेमाल होता है. हमने जिन्हुआ के कई और पुलिस वाहनों से ये बात कन्फ़र्म की.
क्लिप 3
इस क्लिप में भी बैकग्राउंड में कुछ ऐसी आवाज़ें सुनाई देती हैं जो कि गोली चलने की आवाज़ कही जा सकती हैं. लेकिन यहां ये ध्यान रखना ज़रूरी है कि वीडियो में आप ऐसे पुरुषों को ही देख सकते हैं जो कि संभवतः बचाव के कपड़े पहने हुए डॉक्टर्स हैं और ज़मीन पर पड़े हुए लोगों की मदद कर रहे हैं. हांलाकि पीछे एक गोली की आवाज़ सुनाई ज़रूर देती है लेकिन गोली चलती हुई दिखाई कभी भी नहीं देती.
एक ओर जहां ये बताया जा रहा है कि वीडियो में लोगों को मारा जा रहा है, वहीं वीडियो में हमें कोई भी हड़बड़ी जैसी कोई गतिविधि दिखाई नहीं देती. ऐसा होना बहुत हद तक संभव नहीं है. इसके साथ ही पूरे वीडियो में कहीं भी खून नहीं दिखाई देता है.
चीनी भाषा के एक कीवर्ड को ट्विटर पर सर्च करने के बाद हमें इसी वीडियो का एक लम्बा हिस्सा मिला. इसे 26 जनवरी 2020 को ट्वीट किया गया था. ट्वीट में लिखा हुआ था कि ये दृश्य वुहान के ग्रामीण इलाके का है जहां लोगों के पास अस्पताल जाने के साधन नहीं हैं. कहा गया कि पीछे से आती गोली चलने जैसी आवाज़ असल में नए साल पर होती आतिशबाज़ी की आवाज़ है.
武汉周圍很多農村人,被感染后进不了医院,只有醫护上门,也無法確診,最終死在家里!這些死亡病例肯定是不会統計进官方肺炎死亡人数的!背景中是欢庆新年的烟花爆空,而他們死得绝望無辜!歷史也許永遠不会有真相! pic.twitter.com/bw5co9vuk3
— 财经冷眼 (@charles984681) January 26, 2020
ट्वीट के जवाब में एक यूज़र ने इस बात पर ज़ोर देते हुए कहा कि ये बोली वुहान तो क्या पूरे हुबेई प्रांत की नहीं है. हम इस वीडियो की असल लोकेशन नहीं ढूंढ पाए.
क्लिप 4
फ़्रांस 24 ऑबज़र्वर्स की टीम ने इस वीडियो की पड़ताल की और उन्हें मालूम चला कि इस वीडियो का कोरोना वायरस से कोई लेना देना नहीं है. ये असल में वुज़ू नाम के एक छोटे से शहर में हुए एक एक्सीडेंट का वीडियो है. ये शहर वुहान से 200 किलोमीटर पूर्व में स्थित है. फ़्रांस 24 ऑबज़र्वर्स ने एक स्थानीय नागरिक से बात की जिसने इस बात की तस्दीक की कि ये एक मोटरसाइकिल एक्सीडेंट का वीडियो है. ये एक्सीडेंट 29 जनवरी, 2020 को सियूं स्कूल के सामने हुआ था. उसने इस घटना का एक और वीडियो फ़्रांस 24 ऑबज़र्वर्स को दिया.
“ज़ैन्ग ने हमें इसी वीडियो का जो एक और वर्ज़न भेजा उसके अंत में हमें सेकंड के कुछ हिस्से के लिए एक और दृश्य दिखाई देता है जो पहले नहीं दिखा था. वीडियो रोकने पर हम देख सकते हैं कि सड़क के किनारे चलने की जगह पर जहां एक व्यक्ति गिरा हुआ है, उससे कुछ दूर ही एक दोपहिया गाड़ी भी पड़ी है. वीडियो में 00:04 पर ये भी देख सकते हैं कि पेड़ के किनारे लगे कंक्रीट की जाली को भी कुछ नुकसान हुआ है.”
इसके साथ ही हमें एक ट्वीट मिला जो कि कोरोना वायरस से जुड़े ग़लत दावों को झूठा बताता है. ट्वीट में मालूम चला कि एक्सीडेंट में 2 नाबालिग़ शामिल थे जिसमें से एक की मौके पर ही मौत हो गई थी और दूसरे को घायल अवस्था में अस्पताल ले जाया गया.
地点:湖北省黄梅县五祖镇思源学校对面
事件:两个未成年的骑摩托车太快。撞上路沿石失控。骑摩托车的死了坐摩托车重伤的送医院。
完全是驾驶人自己的过失。
造谣人称暴力执法将驾驶员打死,望各位理智。 pic.twitter.com/wGcppBTVEz— wenhao.hong (@RyPllPIchQEmrP1) February 1, 2020
ऑडियो के साथ छेड़छाड़
अगर आप ध्यान से सुनेंगे तो मालूम चलेगा कि तीसरी क्लिप में जो आतिशबाज़ी की आवाज़ आती है, वही आपको यहां नीचे दिए वीडियो में सुनाई देगी. ये 21 सेकंड का वीडियो ट्विटर पर 4 फ़रवरी, 2020 को पोस्ट किया गया था.
At Wuzu Town, Huangmei County in #Hubei , a woman was said to have shot dead after she attempted to break the blockade set up to contain #coronavirus . 湖北省黄梅县五祖镇 , 据说这名妇女因强闯 #武汉肺炎 封锁线被警察打死。#CoronavirusOutbreak
何不 #全民自救 #全民互救 ? pic.twitter.com/HqEvzSknz2— 曾錚 Jennifer Zeng (@jenniferatntd) February 4, 2020
लेकिन जैसा कि पहले सामने रखे गए तथ्यों और ऊपर दिए गए वीडियो से मालूम चलता है कि कहीं भी गोली नहीं चली है. इसलिए ये कहा जा सकता है कि तीसरी क्लिप में पटाखे चलने का वीडियो अलग से डाला गया है.
चीन में 25 हज़ार लोगों को मार दिए जाने का बेबुनियाद आरोप
एक तरफ़ तो हर जगह ये फैलाया गया है कि चीन में कोरोना वायरस से ग्रसित 25 हज़ार लोगों को मार दिया गया है. वहीं इस बात को रिपोर्ट करते हुए किसी भी मीडिया से कोई भी ख़बर सामने नहीं आई है. चाइना ग्लोबल टेलीविज़न नेटवर्क के ट्रैकर के अनुसार इस आर्टिकल के लिखे जाते वक़्त तक चीन में कोरोना वायरस के कुल 59,882 केस रिपोर्ट हुए हैं. हॉन्ग-कॉन्ग में हुई 1 मौत समेत अब तक 1300 लोगों की मौत हो चुकी है.
ऑल्ट न्यूज़ ने इससे पहले एक और ख़बर की सच्चाई सामने रखी थी जिसमें ये झूठा दावा किया गया था कि चीन ने कोरोना वायरस के 20 हज़ार मरीज़ों को मारने के लिए कोर्ट से इजाज़त मांगी थी.
हम अब तक क्या जानते हैं? – कई जगहों के अलग-अलग वीडियो के टुकड़ों को मिलाकर एक वीडियो बनाया गया है. इसमें पटाखे फूटने के ऑडियो को भी अलग से डाला गया है. इस सब के माध्यम से ये प्रोपोगेन्डा फैलाने की कोशिश की जा रही है कि चीन में 25 हज़ार कोरोना वायरस के मरीज़ों को मार दिया गया है. ऑल्ट न्यूज़ को अपनी पड़ताल में मालूम चला कि इसमें से एक क्लिप चीन के वुज़ू शहर में हुए एक एक्सीडेंट की है. साथ ही बंदूकों से लैस पुलिसवालों की क्लिप्स यीवू शहर में पागल कुत्तों से निपटते पुलिसवालों की है. बची हुई एक क्लिप की लोकेशन तो अब तक नहीं मालूम चली है लेकिन ट्विटर पर काफ़ी वक़्त पहले अपलोड हुए वीडियोज़ के आधार पर ये ज़रूर कहा जा सकता है कि उसमें गोली चलने जैसी आवाज़ असल में गोली कि नहीं बल्कि पटाखे फूटने की है.
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