ब्रेकिंगः भदोही, उत्तर प्रदेश में कथित रूप से #Muslims द्वारा स्वामी #Vivekananda की मूर्ति का सिर अलग किया गया/नष्ट किया गया। क्या भारत सऊदी अरब है? मीडिया चुप है।(अनुवाद)” यह शंखनाद ने ट्वीट किया। शंखनाद सोशल मीडिया पर मौजूद उन अकाउंट में से एक अकाउंट है जो सबसे ज्यादा जहर उगलते हैं। फ़ेसबुक पर उसके 13 लाख से अधिक फॉलोअर हैं और ट्विटर पर 17 हजार 4 सौ फॉलोअर हैं और यह अकाउंट साप्रंदायिक नफरत पैदा करने के एकमात्र उद्देश्य से झूठे वीडियो और फोटो फैलाते हुए कई बार पकड़ा जा चुका है। क्या यह अकाउंट फिर से अपनी घटिया साजिशें रच रहा है?

Shankhnaad breaking statue of swami vivekananda beheaded/ destroyed allegedly by Muslims in Bhadohi UP Is India Saudi Arabi Media Silent

26 अक्टूबर को भदोही, उत्तर प्रदेश में सदर कोतवाली, न्‍यू बाजार रोड में स्वामी विवेकानंद की एक मूर्ति खंडित पाई गई, जिसका सिर मूर्ति के बगल में जमीन पर पड़ा हुआ था। अपेक्षाकृत रूप से कम जानी-पहचानी वेबसाइट, अखंड भारत न्यूज ने सबसे पहले इस मामले की सूचना दी थी। इस रिपोर्ट में दावा किया गया कि किसी असामाजिक तत्व ने स्वामी विवेकानंद की मूर्ति को विखंडित कर दिया था और बाद में उसकी गिरफ्तारी हुई। पत्रिका ने भी 27 अक्टूबर को इस घटना की रिपोर्ट दी और कहा कि जिला प्रशासन ने नई मूर्ति लगवाने का वादा किया है।

हालांकि किसी भी समाचार रिपोर्ट में आरोपी के धर्म के बारे में कुछ नहीं बताया गया था, लेकिन सोशल मीडिया पर इस मामले को साप्रंदायिक रंग दे दिया गया और फ़ेसबुक और ट्विटर पर यह दावा करते हुए पोस्ट अपलोड की जाने लगीं कि इस घटना के पीछे मुस्लिम समुदाय से जुड़े लोगों का हाथ है। शंखनाद द्वारा किए गए ट्वीट को यह लेख लिखने के समय तक सर्वाधिक 2600 से अधिक बार रीट्वीट किया जा चुका है।

vivekananda-statue-facebook-twitter

अपेक्षाकृत रूप से थोड़ी कम लोकप्रिय वेबसाइट, Topyaps.com ने शंखनाद के ट्वीट का उल्लेख करते हुए इस नाम से एक स्टोरी प्रकाशित की, “यूपी के भदोही में ISIS स्टाइल में स्वामी विवेकानंद की मूर्ति तोड़ी गई।” Topyaps.com की इस कहानी में पहले से प्रचलित समाचार के बिलकुल विरोधाभासी संकेत दिए गए है। इस कहानी के पहले पैरा में लिखा गया, “किसी व्यक्ति के राजनीतिक संबंध चाहे किसी से भी हों, स्वामी विवेकानंद के लिए सम्मान को नकारा नहीं जा सकता है। हालांकि, अति वाम और हिन्दू विरोधी धार्मिक कट्टरपंथियों के अलावा, कोई भी स्वामी विवेकानंद का अपमान करने के बारे में सोच भी नहीं सकता है। कुछ असामाजिक तत्वों ने सदर कोतवाली, न्यू बाजार रोड, भदोही, उत्तर प्रदेश में स्वामी विवेकानंद की मूर्ति को विखंडित किया है।

हालांकि, जब एक ट्विटर यूज़र ने ट्विटर पर यूपी पुलिस को टैग करते हुए कार्रवाई करने को कहा तो भदोही पुलिस के ट्विटर अकाउंट ने यह कहते हुए उत्तर दिया कि आरोपी पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है, उसका नाम प्रेमचंद गौतम, पुत्र श्री नीरज गौतम है। भदोही पुलिस ने यह भी बताया कि आरोपी को 26 अक्टूबर को दोपहर 12.55 पर गिरफ्तार कर लिया गया था।

Bhadohi Police

BoomLive.in जिसने सबसे पहले इस दावे की तथ्‍यात्‍मक जाँच की थी, उनकी ओर से भी भदोही के अतिरिक्त एसपी, श्री संजय कुमार से इस दावे के बारे में बात की गई। श्री संजय कुमार ने सोशल मीडिया पर किए जा रहे इस दावे को पूरी तरह से झूठा बताया और कहा कि आरोपी मानसिक रूप से कमजोर था।

एक और दिन, एक और अफवाह, कुछ और दक्षिणपंथी हिन्दुत्ववादी अकाउंट जो अपने नफरत के एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए झूठ का सहारा ले रहे हैं। आखिर शंखनाद जैसे अकाउंट के पीछे मौजूद असामाजिक तत्वों का पर्दाफाश पुलिस कब करेगी? किस समय ट्विटर द्वारा अंतिम रूप से ऐसे अकाउंट को बंद करने का निर्णय लिया जाएगा जो नफरत फैलाने के लिए लगातार झूठी खबरें फैलाते हैं? कौन जिम्मेदार होगा अगर लगातार संदिग्ध गतिविधि करने वाले इन लोगों की अफवाह की वजह से एक और दंगा भड़क जाता है?

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