कर्नाटक स्टेट फ़ुटबॉल टीम का एक वीडियो इस दावे के साथ वायरल है कि उन्हें ‘हाल ही में’ संतोष ट्रॉफ़ी जीतने के बाद मुख्यमंत्री आवास के बाहर फ़ुटपाथ पर इंतजार कराया गया.

ट्विटर यूज़र @Somashekar2054 के बायो के मुताबिक वो ‘वकील, और भाजपा कार्यकर्ता’ हैं. इन्होंने ये वीडियो ट्वीट करते हुए लिखा, “कर्नाटक राज्य फ़ुटबॉल टीम ने हाल ही में सऊदी अरब में संतोष ट्रॉफ़ी जीती और *मुख्यमंत्री द्वारा इन खिलाड़ियों के साथ ऐसा व्यवहार किया गया.” वायरल क्लिप में एक व्यक्ति कह रहा है कि खिलाड़ियों को संतोष ट्रॉफ़ी के साथ बाहर इंतजार कराया गया और सीएम तीन घंटे के बाद आए. (आर्काइव)

ये ध्यान दिया जाना चाहिए कि कर्नाटक के वर्तमान मुख्यमंत्री, कांग्रेस के सिद्धारमैया हैं. इन्होंने 20 मई को शपथ ली थी. यानी, खिलाड़ियों के साथ इस कथित व्यवहार के लिए स्वाभाविक रूप से सिद्धारमैया की आलोचना की जा रही है.

अक्सर ग़लत सूचनाएं शेयर करने वाले यूज़र, @MithilaWaala ने भी इसी दावे के साथ ये वीडियो ट्वीट किया. उन्होंने लिखा, ‘ये वही सीएम हैं जो हमेशा अपने पांव पर खड़े होकर पप्पू प्रियंका और सोनिया को नमन करने को तैयार रहते हैं.’ बाद में उन्होंने ये ट्वीट डिलीट कर दिया. (आर्काइव)

कई अन्य लोगों ने भी वायरल क्लिप को इसी तरह के कैप्शन के साथ ट्वीट किया.

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फ़ेसबुक पर भी ऐसे ही दावों के साथ ये वीडियो शेयर किया जा रहा है.

फ़ैक्ट-चेक

देश में खेल की शासी निकाय अखिल भारतीय फ़ुटबॉल महासंघ (AIFF) के तहत संतोष ट्रॉफ़ी, स्टेट एसोसिएशन और गवर्मेंट इंस्टीट्युशन द्वारा स्टेट लेवल नेशनल फ़ुटबॉल प्रतियोगिता है. इस साल, 4 मार्च को रियाद के किंग फहद इंटरनेशनल स्टेडियम में 76वीं राष्ट्रीय फ़ुटबॉल चैम्पियनशिप में कर्नाटक ने मेघालय को 3-2 से हराकर संतोष ट्रॉफ़ी का चैंपियन बना था. कर्नाटक ने पिछली बार 54 साल पहले खिताब जीता था और इस साल उनकी जीत खास थी क्योंकि वे विदेशी धरती पर राष्ट्रीय चैंपियनशिप जीतने वाली पहली टीम बने.

मार्च में कर्नाटक के मुख्यमंत्री भाजपा के बसवराज बोम्मई थे.

इंटरनेशनल बिजनेस टाइम्स की 18 मार्च की एक रिपोर्ट के मुताबिक, कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने विजेता कर्नाटक टीम से कुछ मिनटों की मुलाकात से पहले डेढ़ घंटे तक इंतजार कराया था.

हमने गूगल मैप्स पर बोम्मई के बेंगलुरु निवास की तलाश की. उनके घर का गूगल स्ट्रीट व्यू वायरल क्लिप में दिख रही बिल्डिंग से मेल खाता है, जिससे ये बात साबित होती है कि खिलाड़ी सच में पूर्व सीएम के घर के बाहर इंतजार कर रहे थे. नीचे गूगल स्ट्रीट व्यू के स्क्रीनशॉट और वायरल क्लिप के फ्रेम की तुलना दी गई है.

इंटरनेशनल बिजनेस टाइम्स की रिपोर्ट में बोम्मई के साथ टीम की तस्वीर भी शामिल है. हमने देखा कि तस्वीर में दिख रहे कई लोग वायरल वीडियो में भी दिखते हैं.

हमने वीडियो में दिख रहे एक शख्स की पहचान धनराज धुर्वे के रूप में की जिन्होंने 8 जून को अपने यूट्यूब चैनल पर वायरल वीडियो का पूरा वर्जन अपलोड किया था. वीडियो के टाइटल का हिंदी अनुवाद है, “भारतीय फ़ुटबॉल और खिलाड़ी निरादर और अपमान के लायक नहीं हैं, हमेशा हम ही क्यों?” वीडियो में इस बारे में बात की गई है कि कैसे भारतीय फ़ुटबॉल खिलाड़ियों को अपने देश और अपने संबंधित राज्य के लिए जीतने के बाद भी सम्मान और मान्यता नहीं मिलती. अभी वायरल हो रहा हिस्सा यूट्यूब वीडियो के 3 मिनट 8 सेकेंड से शुरू होता है.

वायरल दावों पर प्रतिक्रिया देते हुए धनराज ने ट्विटर पर ये साफ किया कि उन्होंने सिर्फ ‘फ़ुटबॉल खिलाड़ियों के पक्ष में’ बात की थी, किसी राजनीतिक दल के बारे में नहीं. उन्होंने आरोप लगाया कि राजनीतिक दल उनके वीडियो का इस्तेमाल अपने एजेंडे के लिए कर रहे हैं.

ऑल्ट न्यूज़ से बात करते हुए उन्होंने कहा, “ये घटना मार्च की है जब कर्नाटक ने सऊदी अरब में संतोष ट्रॉफ़ी जीती थी और बीजेपी के मुख्यमंत्री ने टीम को अपने घर आमंत्रित किया था. मैंने खिलाड़ियों के साथ दुर्व्यवहार के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए वीडियो बनाया था, लेकिन ये दुख की बात है कि ये भाजपा बनाम कांग्रेस विवाद में बदल गया.

कुल मिलाकर, संतोष ट्रॉफ़ी जीतने के बाद पूर्व मंत्री बवसराज बोम्मई के घर के बाहर इंतजार कर रहे कर्नाटक के फ़ुटबॉल खिलाड़ियों की एक क्लिप इस ग़लत दावे के साथ वायरल है कि ये हाल की घटना है और टीम का अपमान करने के लिए वर्तमान मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की आलोचना की जा रही है.

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About the Author

Student of Economics at Presidency University. Interested in misinformation.