कर्नाटक विधानसभा चुनावों में कांग्रेस की ज़ोरदार जीत के संदर्भ में सोशल मीडिया पर एक तस्वीर शेयर की जा रही है जो हिंदी न्यूज़ चैनल आजतक के फ़ेसबुक लाइव के स्क्रीनशॉट की तरह दिखती है. तस्वीर में उत्तर प्रदेश में चुनावों का प्रसारण किया जा रहा था और कर्नाटक और नगर निकाय के लिए वोटों की गिनती की जा रही थी. इस स्क्रीनशॉट में ‘शबनम खातून’ नामक एक फ़ेसबुक अकाउंट के कमेंट को हाईलाइट किया गया है जिसमें हिंदी में लिखा है, “कांग्रेस की जीत हम मुसलमानों की जीत है. मैं खुद तीन बार वोट डालकर आई थी बुर्का पहनकर.”
ट्विटर पर खुद को बीजेपी महिला मोर्चा की राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी और बीजेपी दिल्ली की प्रवक्ता बताने वाली यूज़र नीतू डबास ने 14 मई को ये तस्वीर इस कैप्शन के साथ ट्वीट की: “#शबनम #खातून ने तीन बार वोट डाला बुर्का पहनकर… ” (आर्काइव)
#शबनम #खातून ने तीन बार वोट डाला बुर्का पहनकर… pic.twitter.com/ca1xIPWnf2
— Neetu Dabas 🇮🇳 (@INeetuDabas) May 14, 2023
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल के कार्यालय द्वारा फ़ॉलो किए जाने वाले विष्णु मिश्रा नामक ट्विटर यूज़र ने भी इसी कैप्शन के साथ ये तस्वीर ट्वीट की. इस ट्वीट को आर्टिकल लिखे जाने तक 1,93,000 से ज़्यादा बार देखा गया और 3 हज़ार से ज़्यादा बार रीट्वीट किया गया है. (आर्काइव)
#शबनम #खातून ने तीन बार वोट कीया बुर्का पहनकर pic.twitter.com/6n0l8m8UC5
— VISHNU MISHRA (@VISHNUK35030487) May 14, 2023
शालिनी कुमावत, जो अक्सर मुस्लिम समुदाय पर निशाना साधते हुए और राईट विंग के समर्थन में कंटेंट शेयर करती हैं, ने भी उसी दिन ये तस्वीर इस कैप्शन के साथ ट्वीट की: “शबनम खातून खुद 3 बार वोट डाल कर आयी थी, कॉग्रेस को जीतना तो था ही.” ट्वीट को 15 हज़ार से ज़्यादा बार देखा गया और इसे 1 हज़ार लाइक्स मिलें और 800 बार रीट्वीट किया गया. (आर्काइव)
शबनम खातून खुद 3 बार वोट डाल कर आयी थी, कॉग्रेस को जीतना तो था ही pic.twitter.com/iL98QZ0Onh
— Shalini kumawat ( हिन्द की नारी ) (@ShaliniKumawat0) May 14, 2023
कई और सोशल मीडिया यूज़र्स ने भी फ़ेसबुक और ट्विटर पर ये तस्वीर ऐसे ही दावे के साथ ट्वीट की.
फ़ैक्ट-चेक
की-वर्ड्स सर्च करने पर हमें ‘शबनम खातून’ का फ़ेसबुक अकाउंट मिला और इस प्रोफ़ाइल को स्क्रॉल करने पर पता चला कि उन्होंने पहली पोस्ट कर्नाटक चुनाव से एक दिन पहले 9 मई को की थी. इससे पहले अकाउंट से सिर्फ बर्थडे पोस्ट, प्रोफ़ाइल पिक्चर और कवर फ़ोटो अपडेट पोस्ट किए जाते थे. दिलचस्प बात ये है कि अकाउंट द्वारा बर्थडे अपडेट पोस्ट में कहा गया है कि ‘शबनम खातून’ का जन्म साल 1920 में हुआ था.
‘शबनम खातून’ की पहचान की पुष्टि करने के लिए हमने उनकी प्रोफ़ाइल तस्वीर को रिवर्स इमेज सर्च किया जिससे हमें एक ट्विटर अकाउंट मिला, जो कि पत्रकार संजुक्ता बसु का है. उन्होंने 2021 में ये तस्वीर पोस्ट की थी. ‘शबनम खातून’ की प्रोफ़ाइल तस्वीर में असल में पत्रकार संजुक्ता बसु की तस्वीर है.
एक पोस्ट में, ‘शबनम खातून’ राहुल गांधी के साथ पोज़ देती हुई दिखी और कैप्शन में लिखा है: “अभी तो झांकी है, 2024 अभी बाकी है. राहुल गांधी नेक्स्ट पीएम.”
इस तस्वीर को गूगल पर रिवर्स सर्च करने पर हमें एक पोस्ट मिला जहां संजुक्ता बसु ने राहुल गांधी के साथ अपनी एक तस्वीर शेयर की थी. ये वही तस्वीर है जिसे ‘शबनम खातून’ नामक अकाउंट से पोस्ट किया गया है. इस ट्वीट को 2020 में राहुल गांधी के जन्मदिन पर शेयर किया गया था. (आर्काइव)
Dear Rahul Gandhi wish you a very happy birthday. You are the most resilient, courageous and humble leader India has seen. You are the hero India needs but doesn’t deserve. Just stay the way you are. Don’t change. #HappyBirthdayRahulGandhi pic.twitter.com/xFz25OmTyJ
— Sanjukta Basu (@sanjukta) June 18, 2020
इस फ़ेसबुक अकाउंट में पत्रकार संजुक्ता बसु द्वारा अपने ट्विटर प्रोफाइल पर पोस्ट किए गए वीडियो का भी इस्तेमाल किया गया है. आप फ़ेसबुक अकाउंट के दो स्क्रीनशॉट्स और संबंधित ट्विटर वीडियो आगे देख सकते हैं:
यानी, ये साफ है कि फ़ेसबुक पर ‘शबनम खातून’ नामक का एक फर्ज़ी अकाउंट है जिसमें फर्ज़ी पहचान बनाने के लिए पत्रकार संजुक्ता बसु की तस्वीरों और वीडियोज़ का इस्तेमाल किया गया है.
इस फर्ज़ी यूज़र ने फ़ेसबुक पर एक वीडियो भी शेयर किया जिसे असल में 3 मई, 2022 को एक इंस्टाग्राम यूज़र @bhagwasach ने पोस्ट किया था. वीडियो में जनवरी, 2020 में संजुक्ता बसु और उनकी टीम जिसे ‘जनाना एनसेंबल’ कहा जाता है, को शाहीन बाग में नागरिकता (संशोधन) अधिनियम (CAA) के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करते हुए देखा जा सकता है. यूज़र, भगवासच ने संजुक्ता बसु का मज़ाक उड़ाते हुए एक अलग गीत के साथ वीडियो एडिट किया और फ्रेम में उनके नाम का ज़िक्र करते हुए एक टाइपो भी बनाया. ये एडिटेड वीडियो ‘शबनम खातून’ के फ़ेसबुक पेज पर भी है.
वहीं असली वीडियो को कई लोगों ने 2020 में सोशल मीडिया पर पोस्ट किया था. संजुक्ता बसु ने खुद उसी साल बाद में एक ट्वीट में इस वीडियो का लिंक शेयर किया था. (आर्काइव)
This was our first ever performance, at Shaheen Bagh. We were a group that got together impromptu, none of us knew each other before, and we debuted with barely 10 days of rehearsal. The video has 5 lakh views, 28k Likes and 600 Dislikes. Watch 🙂 https://t.co/fp3CMluCrP
— Sanjukta Basu (@sanjukta) November 28, 2020
हमने ये भी देखा कि फर्ज़ी फ़ेसबुक अकाउंट का नाम बदल दिया गया है, पहले इसका नाम ‘महात्मा गांधी’ था.
एक और पोस्ट में ‘शबनम खातून’ ने मज़ाकिया अंदाज में मुस्लिम लोगों को मदर्स डे विश किया. उन्होंने लिखा: “चार-चार अम्मियों वाले मेरे तमाम कौमी भाइयों को मदर्स डे के हवाले से ढेर सारा मुबारकबाद.”
फर्ज़ी अकाउंट की पहली पोस्ट में से एक ‘कालिया’ नाम की फ़िल्म का पोस्टर है. इसमें पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान और उत्तर प्रदेश भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत, संजुक्ता बसु की तस्वीरों का इस्तेमाल किया गया है.
वायरल स्क्रीनशॉट भी फ़ेक है.
आगे हमने वायरल स्क्रीनशॉट की जांच फेसबुक लाइव वीडियो के कमेंट सेक्शन से की. हमने कुछ बाते नोटिस की:
- जब भी फ़ेसबुक पर कोई पेज या प्रोफ़ाइल लाइव होता है, तो वीडियो के ऊपर बाईं ओर लाल रंग में ‘LIVE’ का सिंबल दिखाई देता है, साथ ही उस समय लाइव देखने वाले दर्शकों की संख्या भी दिखाई देती है – जैसा कि पहले में दाईं ओर की तस्वीर में दिखाया गया है, लेकिन वायरल स्क्रीनशॉट में ऐसा कोई मार्क नहीं है.
- अगर लाइव-स्ट्रीम खत्म होने के बाद स्क्रीनशॉट लिया जाता है, तो वीडियो के टॉप बाईं ओर ‘LIVE’ का सिंबल दिखाई नहीं देगा, लेकिन कमेंट्स में टाइम दिखता है कि किस टाइम पर ये कमेंट्स किए गए थे. इसे दूसरी स्लाइड में दिखाया गया है.
- हमने ये भी नोटिस किया कि कमेंट्स करने वालों के प्रोफ़ाइल नामों के आगे बैज का फ़ॉर्मेट (उदाहरण के लिए, ‘टॉप कॉमेंटेटर’ या ‘टॉप फ़ैन’) असली कमेंट सेक्शन वाले स्क्रीनशॉट से अलग हैं.
कुल मिलाकर, ये साफ़ है कि वायरल तस्वीर और अकाउंट ‘शबनम खातून’ दोनों ही फर्ज़ी हैं. लाइव-स्ट्रीम के इस स्क्रीनशॉट में हेरफेर की गई है. और इसे झूठे दावे के साथ शेयर किया गया है. इसके अलावा, ‘शबनम खातून’ के फ़ेसबुक अकाउंट में किसी दूसरे अकाउंट के कंटेंट का इस्तेमाल किया जाता है.
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