केंद्र के नए कृषि कानूनों के ख़िलाफ़ देश भर में पिछले डेढ़ महीने से किसानों का आंदोलन चल रहा है. अब किसान राजधानी दिल्ली में प्रदर्शन की तैयारी कर रहे हैं. लेकिन इन्हें दिल्ली पहुंचने से रोकने के लिए दिल्ली बॉर्डर पर पुलिस व सुरक्षा बलों की तैनाती है जहां भारी मात्रा में बैरिकेडिंग भी की गयी है. 26 नवम्बर की सुबह से किसान पटियाला-अंबाला हाईवे के बैरिकेड को तोड़ते हुए और वॉटर कैनन व आंसू गैस झेलते हुए आगे बढ़ने की कोशिश कर रहे थे. ऐसे में यूथ कांग्रेस ने कुछ तस्वीरें हाल के प्रदर्शन से जोड़कर शेयर कीं. तस्वीरों में किसानों को रोकने के लिए वाटर कैनन का इस्तेमाल करते हुए देखा जा सकता है. (ट्वीट का आर्काइव)
India can never forgive the govt who treats those who feed this nation like terrorists.#FarmersProtest pic.twitter.com/uMObiNtYgh
— Youth Congress (@IYC) November 26, 2020
कांग्रेस नेता और शायर इमरान प्रतापगढ़ी ने भी ऐसी कुछ तस्वीरें ट्वीट करते हुए इन्हें किसानों के दिल्ली पहुंचने से रोके जाने का बताया. (ट्वीट का आर्काइव)
ये मेरे प्यारे देश की तस्वीर नहीं है,
हरियाणा की सरहद है ये कश्मीर नहीं है ।
रोकेगा भला कौन किसानों को आने से,
दिल्ली किसी के बाप की जागीर नहीं है ।
~इमरान प्रतापगढ़ी pic.twitter.com/6HU6Ky0kpT— Imran Pratapgarhi (@ShayarImran) November 26, 2020
पत्रकार प्रशांत कनौजिया ने भी ऐसी एक तस्वीर ट्वीट की लेकिन बाद में उन्होंने इसे डिलीट कर दिया. (ट्वीट का आर्काइव लिंक) इसके अलावा कांग्रेस नेता सरल पटेल, अर्चना डालमिया और मनीष तिवारी ने भी किसानों के प्रदर्शन के बारे ट्वीट करते हुए ऐसी ही एक तस्वीर का इस्तेमाल किया. (आर्काइव लिंक) ऐक्टर और सिंगर दिलजीत दोसांझ ने भी दो तस्वीरें ट्वीट की जिनमें से एक में वाटर कैनन का इस्तेमाल होते हुए देखा जा सकता है. (ट्वीट का आर्काइव लिंक)
फ़ैक्ट-चेक
ऑल्ट न्यूज़ ने पाया कि हाल के प्रदर्शन से जोड़कर शेयर की जा रही तस्वीरों में कम-से-कम 3 तस्वीरें पुरानी हैं. पीले रंग के बेरिकेड से रास्ता रोककर किसानों पर पानी की धाराएं मारे जाने की तीनों तस्वीरें साल 2018 में हुए किसान प्रदर्शन की हैं.
पहली तस्वीर
आसान सा रिवर्स इमेज सर्च करने से हमें 2018 की कई रिपोर्ट्स में ये तस्वीर मिलती है. 2 अक्टूबर, 2018 को छपे द हिन्दू के इस आर्टिकल में बताया गया है कि ग़ाज़ियाबाद के यूपी-दिल्ली बॉर्डर पर ये किसान बैरिकेड तोड़कर आगे बढ़ने की कोशिश कर रहे थे. इसीलिए पुलिस को आंसू गैस और वॉटर कैनन का इस्तेमाल करना पड़ा. 23 सितम्बर, 2018 को हरिद्वार से किसान क्रांति यात्रा शुरू हुई थी और इन्हें दिल्ली के किसान घाट पहुंचना था. लेकिन दिल्ली में घुसने की इजाज़त नहीं मिली. NDTV की 2 अक्टूबर, 2018 की रिपोर्ट में बताया गया है कि स्वामीनाथन आयोग रिपोर्ट लागू करने, कर्ज़ माफ़ी और गन्ने की बकाया भुगतान जैसी 15 सूत्रीय मांगों के साथ किसान प्रदेश की सीमा पर जमा हुए थे.
दूसरी तस्वीर
एक और ऐसी तस्वीर जिसे कई लोगों ने हाल के प्रदर्शन का बताया है, भी 2018 की किसान क्रांति यात्रा की है. ये दूसरे ऐंगल से ली गयी उसी समय की तस्वीर है जब किसान बैरिकेड तोड़ने की कोशिश कर रहे थे और पुलिस उन्हें रोकने के लिए वॉटर कैनन का इस्तेमाल करती दिख रही है. डेक्कन हेरल्ड की 3 अक्टूबर, 2018 की रिपोर्ट में इस तस्वीर का इस्तेमाल किया गया था.
तीसरी तस्वीर
इंडिया टीवी ने 2 अक्टूबर, 2018 के आर्टिकल में इस तस्वीर को दिल्ली में हुए किसान क्रांति प्रदर्शन का बताया था.
यानी कांग्रेस के नेताओं ने 2018 में हुए किसान प्रदर्शन की तस्वीर शेयर की और इसे हाल के प्रदर्शन का बताया. इससे पहले भी कई पुरानी तस्वीरें और वीडियो हाल की किसान रैली से जोड़कर शेयर किए गए हैं.
नीचे हालिया प्रदर्शन की कुछ तस्वीरें हैं जिसमें देखा जा सकता है कि किसानों को रोकने के लिए वाटर कैनन और आंसू गैस का इस्तेमाल किया जा रहा है.
Farmers brave water cannons, tear gas in march towards Delhi
See more pictures here: https://t.co/DTohYgUxKM pic.twitter.com/3Bnfw5X6KT
— The Indian Express (@IndianExpress) November 26, 2020
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