सोशल मीडिया में शेयर किये गए कुछ मेसेज, वीडियो और ऑडियो क्लिप के ज़रिए लोगों के बीच कोरोना वायरस को लेकर खौफ़ की स्थिति पैदा करने की कोशिश की जा रही है. हालांकि ये वायरल कॉन्टेंट ज़्यादातर गलत साबित हुआ है. फ़िलहाल ऑल्ट न्यूज़ को एक प्रेस रिलीज़ मिली है. दावा किया जा रहा है कि इसे भारतीय प्रधानमंत्री कार्यालय से जारी किया गया है. सोशल मीडिया यूज़र्स ने इस डॉक्युमेंट को हमारे ऑफ़िशियल व्हाट्सऐप नंबर पर भेजा है.
इस प्रेस रिलीज़ को 18 मार्च 2020 का बताया गया है और इसका टाइटल है -“नेशनल सिक्योरिटी कॉउन्सिल, प्राइम मिनिस्टर ऑफ़िस”
डॉक्युमेंट में 18 मार्च से 31 मार्च, 2020 तक “रेस्ट्रिक्टेड मूवमेंट ऑर्डर” के बारे में बताया गया है. डॉक्यूमेंट के मुताबिक, “नैशनल सिक्योरिटी कॉउन्सिल ने सरकारी एजेंसी के बीच 17 मार्च 2020 को एक को-ऑर्डिनेशन मीटिंग रखी थी जिसमें इस आदेश को धीरे-धीरे लागू करने का निर्णय लिया गया.”
प्रेस रिलीज़ में पूरी तरह से लॉकडाउन की बात कही गई है. “इसके असर को गंभीरता से लेते हुए, सभी नागरिकों को घर पर रहने की सलाह दी जाती है और अगर कुछ बुनियादी चीज़ों की ज़रूरत हो तो ही बाहर जाने की बात बताई गई है.” हालांकि ये बात ध्यान में रखने लायक है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोगों से 14 घंटे के स्वैच्छिक लॉकडाउन का आग्रह किया है.
एक यूज़र ने इस प्रेस रिलीज़ के स्क्रीनशॉट को शेयर करते हुए इसकी सच्चाई के बारे में पूछा है. यूज़र ने PMO इंडिया के ऑफ़िशियल ट्विटर हैन्डल को भी टैग किया है.
फ़ैक्ट-चेक
ऑल्ट न्यूज़ ने पाया कि वायरल हो रही प्रेस रिलीज़ को भारत सरकार ने जारी नहीं किया है. इस प्रेस रिलीज़ का भारत से कोई लेना-देना नहीं है. इस डॉक्युमेंट में ‘भारत’ या ‘भारतीय’ शब्द का कहीं ज़िक्र भी नहीं किया गया है.
गूगल पर की-वर्ड्स (“Restricted Movement Order”) से सर्च करने पर मालूम हुआ कि ये आदेश मलयेशिया सिक्योरिटी कॉउन्सिल ने जारी किया है. उसके बाद डॉक्युमेंट में मलयेशिया शब्द को सर्च करने पर हमें एक वाक्य मिला -“मलेशियाइ जो सिंगापुर/थाइलैंड/ब्रुनेई/इंडोनेशिया में काम करते हैं.” इससे ये बात साफ़ होती है कि इस डॉक्युमेंट को मलयेशिया गवर्नमेंट ने ही जारी किया है जिसमें वो अपने देश के लोगों के बारे में बात करते हैं.
18 मार्च को, सिंगापुर के एक मीडिया संगठन ‘चैनल न्यूज़ ऐशीय’ ने रिपोर्ट किया कि मलयेशिया सरकार ने बुधवार (18 मार्च) को मार्च के अंत तक वहां के लोगों के बाहर जाने और बाहर के लोगों के देश में आने पर प्रतिबंध लगाया हुआ है. जानकारों के मुताबिक, सभी विदेशी लोगों को रेस्ट्रिक्टेड मूवमेंट के तहत देश में प्रवेश करने पर प्रतिबंध लगा दिया है. इसमें मलयेशिया में स्थायी रूप से रहने वाले सिंगापुर के लोग भी शामिल हैं. उन पर भी प्रतिबंध लगाया गया है. इसी प्रेस रिलीज़ को मलय भाषा में भी PMO मलयेशिया की वेबसाइट पर देखा जा सकता है.
‘प्रेस इन्फॉर्मेशन ब्यूरो (PIB)’ के फ़ैक्ट-चेक विभाग ने इस प्रेस रिलीज़ को नकार दिया और बताया कि PMO इंडिया ने ऐसी कोई प्रेस रिलीज़ जारी नहीं की है.
Claim: A Press Release regarding movement restriction is widely getting circulated on #WhatsApp claiming to be of Government of India.#PIBFactCheck: No such Press Release has been issued by @PMOIndia. pic.twitter.com/6CQOJUhSpG
— PIB Fact Check (@PIBFactCheck) March 19, 2020
चैनल न्यूज़ एशिया के ट्रैकर के मुताबिक, देश के कुल COVID-19 पाज़िटिव केसेज़ की संख्या 1,180 तक पहुंच गई है.
तो इस पड़ताल में हमने पाया कि मलयेशिया की सरकार द्वारा ‘प्रतिबंध मूवमेंट ऑर्डर’ के लिए जारी किया गया डॉक्युमेंट भारतीय सोशल मीडिया में PMO इंडिया का बताकर शेयर किया जा रहा है.
सत्ता को आईना दिखाने वाली पत्रकारिता का कॉरपोरेट और राजनीति, दोनों के नियंत्रण से मुक्त होना बुनियादी ज़रूरत है. और ये तभी संभव है जब जनता ऐसी पत्रकारिता का हर मोड़ पर साथ दे. फ़ेक न्यूज़ और ग़लत जानकारियों के खिलाफ़ इस लड़ाई में हमारी मदद करें. नीचे दिए गए बटन पर क्लिक कर ऑल्ट न्यूज़ को डोनेट करें.
बैंक ट्रांसफ़र / चेक / DD के माध्यम से डोनेट करने सम्बंधित जानकारी के लिए यहां क्लिक करें.