कुछ तस्वीरों का कोलाज जिसमें सड़क पर बिखरी नोटें दिख रही हैं, वायरल हो रहा है. एक फ़ेसबुक यूज़र ने इन तस्वीरों को शेयर करते हुए लिखा है, “इटली में लोगों ने अपनी दौलत सड़कों पर फेंक दी। उनका कहना है कि ये किसी काम की नहीं।” इसी मेसेज के साथ कई यूज़र्स ने इन तस्वीरों को फ़ेसबुक और ट्विटर पर शेयर किया है.

एक और ट्विटर यूज़र ने इन तस्वीरों को पोस्ट करते हुए अंग्रेजी में लिखा है, “इटली के लोगों ने पैसा सड़कों पर फेंक दिया है. उनका कहना है कि जब इन पैसों से ज़िंदगी नहीं ख़रीदी जा सकती तो ये किस काम की हैं.” (Italians threw their money on the streets saying it is of no use, since you can’t even buy life with your own money.)

कुछ ऐसे ही तस्वीरों की पुष्टि के लिए ऑल्ट न्यूज़ को ऑफ़िशियल एंड्रॉयड ऐप पर कई रिक्वेस्ट्स मिलीं.

फ़ैक्ट-चेक

पहली और दूसरी तस्वीर

ऑल्ट न्यूज़ ने इन तस्वीरों का रिर्वस इमेज सर्च किया. पता चला कि ये वेनज़ुएला की तस्वीरें हैं. 11 मार्च, 2019 को मेरिडा में बिसेनटेनारियो बैंक लूटा गया था. एक ट्विटर हैंडल @ConflictsW ने वायरल तस्वीरों के अलावा उसी एरिया की कुछ और भी तस्वीरें पोस्ट की थी. इस ट्विटर हैंडल को Aurora Intel मैनेज करता है जो दुनिया भर में होने वाली ऐसी घटनाओं को ट्रैक करने के लिए जाना जाता है.

वेस्टर्न जर्नल‘ की 13 मार्च, 2019 की वीडियो रिपोर्ट में एक ट्वीट को दिखाया गया है, जिसमें वही तस्वीरें दिखती है. इसके अलावा ये तस्वीरें 12 मार्च, 2019 को सोशल मीडिया साइट Imgur पर भी पोस्ट की गयी थीं.

वेनज़ुएला की न्यूज़ वेबसाइट ‘Maduradas‘ ने इस घटना की तस्वीरों और ट्वीट्स को शामिल कर 12 मार्च, 2019 को एक आर्टिकल पब्लिश की थी. इस आर्टिकल में वेनेज़ुएला के एक पॉलिटिशियन विलियम डेविला और एक फ़ोटो जर्नलिस्ट नेली बेलेन इज़ारज़ के ट्वीट भी शामिल किए गए हैं.

तीसरी तस्वीर

ऑल्ट न्यूज़ ने इसका गूगल रिवर्स इमेज सर्च किया, पता चला कि ये तस्वीर 17 मार्च, 2019 को Imgur पर पोस्ट की गयी थी. पोस्ट के अनुसार ये तस्वीर वेनेज़ुएला की है. हालांकि, ऑल्ट न्यूज़ इस तस्वीर के प्रमाणिक सोर्स का पता नहीं लगा पाया है. संभावना है कि ये मेरिडा में हुई उसी लूट की घटना का हो क्यूंकि एक तो इसमें समानता दिखती है और दूसरा, ये उसी समय से इंटरनेट पर मौजूद है.

पाकिस्तान में इटली के पूर्व राजदूत स्टेफानो पोंटेकोवो ने एक ट्वीट को फ़ेक न्यूज़ बताते हुए कोट-ट्वीट किया है. इस ट्वीट में इटली के लोगों द्वारा कोरोना वायरस महामारी के दौरान पैसा सड़कों पर फेंकने की बात करते हुए वही तस्वीरें शेयर की गयी थी.

यहां ये ध्यान देने वाली बात है कि वेनज़ुएला की अर्थव्यवस्था संकट में बनी हुई है. राष्ट्रपति निकोलस मादुरो और इससे पहले ह्यूगो चावेज़, जिनकी मौत 2013 में हो गयी थी, के शासनकाल से भुखमरी और बेरोजगारी की स्थिति है. ‘BBC’ की फ़रवरी, 2019 की रिपोर्ट में कहा गया है, “विपक्ष के नेशनल असेंबली के अध्ययन के मुताबिक नवंबर 2018 तक 12 महीनों में वार्षिक मुद्रास्फीति की दर 1,300,000% तक पहुंच गई. पिछले साल कीमतें औसतन हर 19 दिनों में दोगुनी हो रही थीं. जिससे वेनेजुएला के लोगों को खाना और ज़रूरत की बुनियादी चीज़ें खरीदने के लिए संघर्ष करना पड़ा.” आर्थिक संकट की इस स्थिति ने देश की मुद्रा को काफ़ी हद तक प्रभावित किया है. दिसंबर 2019 में, ‘अलजज़ीरा’ के रिपोर्ट में बताया गया है कि कैसे वेनेजुएला के कुछ लोग ऐसी करेंसी, जिसकी वैल्यू कम हो गयी है, उसका शिल्प बना रहे हैं. ताकि उसी से कुछ आमदनी हो सके.”

हमने तीसरे तस्वीर में दिख रहे हरे रंग के नोट की तुलना 50 बोलिवर से की और जैसा कि देखा जा सकता है ये एक ही तरह के दिखते हैं.

Bolívar Fuerte देश की पुरानी मुद्रा है जिसे अगस्त 2018 में Bolivar Soberano से बदल दिया गया था. दिसम्बर 2018 तक Bolívar Fuerte के सभी करेंसी नोटों को चलन से निकाल दिया गया था. मार्च 2019 में बैंक लूटा गया उस समय Bolívar Fuerte का कोई मोल नहीं था. इससे ये पता चलता है कि सड़क पर ये नोट क्यूं बिखरे पड़े हैं. इन तस्वीरों की पड़ताल अमरीकी फ़ैक्ट-चेक संगठन ‘स्नूप्स’ ने भी की है.

इस तरह सोशल मीडिया पर इन तस्वीरों के साथ किया गया दावा गलत साबित होता है. इटली के सड़कों पर कोरोना वायरस के संक्रमन से हुए मौतों से निराश होकर लोग अपने घरों से पैसे नहीं फेंक रहे हैं.

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🙏 Blessed to have worked as a fact-checking journalist from November 2019 to February 2023.