साइक्लोन बिपरजॉय के गुजरात में दस्तक देने से पहले, रिपब्लिक भारत की न्यूज़ ऐंकर स्वेता त्रिपाठी ने बुधवार की रात भारतीय टेलीविज़न पर ही तूफान ला दिया. रिपब्लिक भारत चैनल पर इस तूफान का मंज़र देखने को मिला. उन्होंने शो में जो किया वो अपने आप में एक गंभीर आपदा थी.

गुरुवार शाम करीब 7 बजे गंभीर चक्रवाती तूफान बिपरजॉय की वजह से सौराष्ट्र और कच्छ की खाड़ी के तटीय क्षेत्रों में भारी बारिश, तेज हवाओं और लहरें उठी जिससे लैंडफ़ॉल हुआ. बीबीसी की रिपोर्ट है कि दो देशों के 1 लाख 50 हज़ार से ज़्यादा लोगों को इस लैंडफ़ॉल से पहले संभावित क्षेत्रों से निकाला गया था.

इस लैंडफ़ॉल से घंटों पहले गुजरात में मौसम की स्थिति पर रिपोर्ट करते हुए श्वेता त्रिपाठी ने एक बुलेटिन होस्ट किया. इस प्रसारण का क्लिप देखते ही देखते सोशल मीडिया पर वायरल हो गया. असली परिदृश्य की एक नक़ल पेश करने और तूफानी हवाओं के काल्पनिक प्रभाव दिखाने के लिए वो स्टूडियो में एक छतरी के साथ बड़ी मुश्किल से खड़ी रह पा रही थीं. इसके बाद वो इधर-उधर मुड़ने लगीं, झुकने और लड़खड़ाने लगीं. ये सब बहुत ही मज़ाकिया था और दयनीय भी. मज़ाकिया इस तरह के हरकत के कारण और दयनीय इसलिए क्योंकि ये हजारों लोगों के जीवन को प्रभावित करने वाली एक प्राकृतिक आपदा का व्यंग्य बन गया.

नोएडा स्टूडियो के अंदर खड़ी होकर उन्होंने कहा, “ये देखिए.. इस वक्त द्वारका हम पहुंच चुके हैं,  गुजरात के द्वारका में इतनी तेज़ी से हवाएं चल रही है कि खड़ा होना भी मुश्किल हो रहा है..क्योंकि बिपरजॉय तूफान जो आ रहा है.. बिपरजॉय तूफान जो 150 किलोमीटर की रफ़्तार से आपको बताएं..जो हवाएं चल रही है कि खड़ा होना बोलना मुश्किल हो रहा है. और जो ये बिपरजॉय तूफ़ान है इसलिए कहा जा रहा है लोगों से की पोर्ट से दूर रहिए, हवाएं जो है वो यहां पर खुद को कैसे अब इंसान संभालेगा ये सवाल है और इसलिए तैयारियां हैं अंदाजा लगाइए कि बिपरजॉय जब यहां पर आएगा 150 किलोमीटर की रफ़्तार से जब वो यहां पर पहुंचेगा लैंडफ़ॉल होगा तो यहां देखिये..क्या होगा क्या होगा ये अंदाज़ा आप लगाइए और इसलिए मैं कह रही हूं सावधान रहिए..क्योंकि अगर आप सावधान नहीं हुए तो फिर कुछ ऐसी ही हालत हो सकती हैं. यहां पर जो पेड़ हैं वो उखड़ रहे हैं, यहां जो चीज़े हैं वो अव्यवस्थित हैं लेकिन इसके लिए तैयारियां कैसी हैं, NDRF की टीमें कैसे तैनात हैं, चलिए मेरे साथ मैं बताती हूं..” इस दौरान वो अपनी हरकतों को जारी रखती हैं.

सिर्फ न्यूज़ ऐंकर के तमाशे के साथ ये पूरी बात की खत्म नहीं हुई.

बैकग्राउंड में 2022 फ़्लोरिडा तूफान का वीडियो दिखाया गया

ऐंकर के पीछे जो विज़ुअल्स दिखाए जा रहे थे वो सितंबर 2022 से फ्लोरिडा में आए तूफान ‘इयान’ के थे. हमने वाशिंगटन पोस्ट का एक वीडियो देखा. लाल रंग की बिल्डिंग और पेड़ों की हलचल रिपब्लिक भारत के ब्रॉडकास्ट में पीछे चल रहे वीडियो से पूरी तरह मेल खाती है.

वाशिंगटन पोस्ट के वीडियो डिस्क्रिप्शन में कहा गया है: “29 सितंबर को लिया गया वीडियो, विनाशकारी हवाओं और विनाशकारी बाढ़ के साथ तूफान इयान की वजह से फ़ोर्ट मायर्स, Fla। को टकराते हुए देखा जा सकता है.”

यहां रिपब्लिक भारत के ब्रॉडकास्ट और वाशिंगटन पोस्ट के स्क्रीन-ग्रैब्स की तुलना की गई है:

जैसा कि पता चला है,बुलेटिन न सिर्फ अनुचित तरीके से पेश किया गया था, बल्कि फ़ैक्ट के आधार पर भी ये ग़लत था. फ्लोरिडा के एक पुराने वीडियो को गुजरात में आए चक्रवात बिपरजॉय के विजुअल्स के रूप में दिखाया गया. क्यूंकि, सनसनीखेज के चक्कर में सच्चाई या फ़ैक्ट्स कहां मायने रखते हैं!

रिपब्लिक ऐंकर द्वारा हवाई सर्वेक्षण

बुलेटिन में ऊपर बताए हिस्से से ठीक पहले, इसी ऐंकर को VFX की मदद से एक हेलिकॉप्टर के अंदर दिखाया गया था जो नीचे के समुद्री तूफान का सर्वेक्षण कर रही थीं.

उन्होंने कहा, “ये माना जा रहा है कि तूफान कराची के ऊपर से भी निकलेगा, फिर सबसे ज़्यादा जो असर है वो गुजरात में होगा गुजरात में लैंडफ़ॉल कहां होगा वो मैं बता रही हूं ये जो पोर्ट है.. जहां से हम इस वक्त गुज़र रहे हैं यही वो जखाऊ पोर्ट का एरिया है जहां पर आकर सबसे पहले ये तूफान ज़मीन पर टकराएगा. ज़मीन से जब ये टकराएगा तो माना जा रहा है कि इसकी रफ़्तार है वो 150 किलोमीटर प्रति घंटे होगी अगर ये इससे कम हो जाता है तो फिर तूफान ये हल्का पड़ जाएगा लेकिन अगर ये हवाएं और तेज हो गईं तो फिर क्या होगा उसको लेकर जो तैयारियां की गई हैं वो क्या हैं? चलिए ज़रा वो बताती हूं.”

अगले फ़्रेम में स्क्रीन पर ‘तूफान’ चलाया जाता है और वो एक छाता पकड़े हुए दिखतीं हैं. हालांकि बैकग्राउंड में फ्लोरिडा तूफान का वीडियो चल रहा होता है. “विलिंग सस्पेन्शन ऑफ़ डिसबिलीफ़” एक ऐसी चीज़ है जिसे अब तक क्रिएटिव आर्ट के काम का आनंद लेने के लिए ज़रूरी समझा जाता था. लेकिन इस पूरे बुलेटिन को देखना दर्शकों की ‘विलिंग सस्पेन्शन ऑफ़ डिसबिलीफ़’ क्षमता का एक गंभीर परीक्षण है.

बेतुके सनसनीखेज का ये पहला उदाहरण नहीं है

ये पहली बार नहीं है जब ऐंकर श्वेता त्रिपाठी ने पत्रकारिता की सारी मर्यादाओं को ताक पर रख दिया हो. अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत के बारे में रिपब्लिक की महीनों लंबी ‘इन्वेस्टीगेशन’ के हिस्से के दौरान उन्हें अभिनेत्री रिया चक्रवर्ती के घर के बाहर एक चौकीदार और अन्य लोगों को धमकाते हुए देखा गया था.

बुलेटिन के दूसरे हिस्से में उन्हें रिया चक्रवर्ती के घर के गेट के बाहर रिपोर्ट करते हुए भी देखा गया है. वो कहती हैं, “रिया चक्रवर्ती, थोड़ा तो शर्म कीजिए… यही सवाल हमने किया हमने रिया चक्रवर्ती से कि ‘आपका ड्रग्स कनेक्शन क्या है?”

अपने पूर्व पार्टनर सुशांत सिंह राजपूत की मौत के बाद रिया चक्रवर्ती का मीडिया ट्रायल और विच-हंट भारतीय टेलीविजन पत्रकारिता के इतिहास में सबसे निचले स्तर में से एक था.

इसके बाद, सितंबर 2020 में श्वेता त्रिपाठी ने मुंबई की सड़कों पर अभिनेत्री दीपिका पादुकोण की कार का पीछा किया, ताकि उनसे उनकी ‘ड्रग एडिक्शन’ के बारे में सवाल पूछा जा सके. ये मामला सुशांत सिंह राजपूत की मौत पर चैनल की ‘इन्वेस्टीगेशन’ से भी जुड़ा था. बुलेटिन में, उन्हें ये चिल्लाते हुए सुना जा सकता है, “ब्लैक कार, ब्लैक कार …” फिर, जैसे ही टीवी चैनल की गाड़ी अभिनेत्री दीपिका पादुकोण की कार के करीब आती है, वो कार की खिड़की से बाहर निकलते हुए चिल्लाती है, ‘दीपिका पादुकोण, हमें बताइए, क्या आप ड्रग्स लेती हैं’? दूसरी कार के शीशे बंद होते हैं.

व्यूर्स को फ़ॉर ग्रांटेड लेना

किसी भी चीज को ‘ब्रेकिंग न्यूज’ के रूप में पेश करने की इस प्रवृत्ति में ये विश्वास निहित है कि हम जो कुछ भी दिखाएंगे व्यूर्स उसे स्वीकार करेंगे. टाइम्स नाउ नवभारत भी इस मामले में पीछे नहीं रहा. चैनल ने प्रज़ेंटर श्वेता श्रीवास्तव को एक हेलिकॉप्टर के अंदर दिखाते हुए वीडियो जारी किया जिसमें उन्होंने इस आपदा पर रिपोर्ट किया.

व्यूर्स को ग्रांटेड लेने की इसी आदत से रिपब्लिक के एडिटर-इन-चीफ़ अर्नब गोस्वामी ने 2021 में अपने शो में दावा किया था कि उन्हें काबुल के दो मंजिला सेरेना होटल की पांचवीं मंजिल पर चल रही गतिविधियों के बारे में खुफिया जानकारी मिली थी. और इसी सनसनीखेज लालसा से मजबूर होकर टाइम्स नाउ के टॉप एडिटर नविका कुमार और राहुल शिवशंकर एक फर्ज़ी व्हाट्सऐप फ़ॉरवर्ड के झांसे में आकर 2020 में गलवान संघर्ष के बाद ‘मृत चीनी सैनिकों’ के 30 नाम पढ़े थे.

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About the Author

Indradeep, a journalist with over 10 years' experience in print and digital media, is a Senior Editor at Alt News. Earlier, he has worked with The Times of India and The Wire. Politics and literature are among his areas of interest.