सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल है जिसमें एक पुलिस अधिकारी के साथ एक व्यक्ति बहस कर रहा है और धमकी दे रहा है. दावा किया जा रहा है कि ये घटना मध्य प्रदेश में हुई थी. आरोप है कि एक कांग्रेस नेता और उनके समर्थकों ने पुलिस को धमकी दी. क्योंकि पुलिस अधिकारी ने उन्हें पाकिस्तान समर्थक नारे लगाने से रोकने की कोशिश की थी.

इस वीडियो को ट्विटर पर शेयर करते हुए यूज़र हर्ष व्यास ने दावा किया कि मध्यप्रदेश में एक कांग्रेस नेता ने पाकिस्तान जिंदाबाद नारा लगाने से रोकने वाले पुलिसकर्मियों के साथ ऐसा व्यवहार किया.” (आर्काइव लिंक)

कई और यूज़र्स ने भी इसी दावे के साथ ये वीडियो ट्वीट किया जैसे कि ‘@engineerssahab‘, ‘@sanjaymakwan62‘, ‘@KailasSanatani‘ और ‘@mukeshgavel‘ शामिल हैं.

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ये वीडियो फ़ेसबुक पर भी कई लोगों ने इसी दावे के साथ पोस्ट किया है.

फ़ैक्ट-चेक

गूगल पर सर्च करने से ऑल्ट न्यूज़ को नवंबर 2022 की इंडिया टुडे की रिपोर्ट मिली जिसमें यही वीडियो शेयर किया गया था. रिपोर्ट के मुताबिक, वीडियो में माइक्रोफ़ोन लिए दिख रहा व्यक्ति, पूर्व कांग्रेस विधायक आसिफ खान हैं और ये घटना दिल्ली के शाहीन बाग इलाके में हुई थी.

कई रिपोर्ट्स में घटना को लेकर ये कहा गया है कि आसिफ़ खान ने कथित तौर पर राज्य चुनाव आयोग से परमिशन लिए बिना ही अपनी बेटी अरीबा खान के समर्थन में एक सभा आयोजित की थी. अरीबा खान दिल्ली नगर निगम चुनाव में कांग्रेस की उम्मीदवार थीं. बाद में घटना के संबंध में आसिफ खान को दो अन्य लोगों के साथ भारतीय दंड संहिता की धारा 186 और 353 के तहत गिरफ्तार किया गया था. ये धाराएं एक लोक सेवक को उनके कर्तव्यों के निर्वहन से रोकने के इरादे से किया गया हमला या आपराधिक बल से संबंधित हैं.

रिपोर्ट में पाक समर्थक नारे लगाने का कोई ज़िक्र नहीं है. असल में इस घटना के बारे में कई रिपोर्ट्स पब्लिश की गई हैं. लेकिन उनमें से किसी में भी इस तरह के नारे लगाए जाने का ज़िक्र नहीं है.

हमने सार्वजनिक रूप से मौजूद वीडियो की भी जांच की. झगड़े के दौरान अलग-अलग इंस्टैंस से ये स्पष्ट है कि वहां जो नारा लगाया जा रहा था वो “आसिफ़ खान जिंदाबाद” था. उदाहरण के लिए, द टाइम्स ऑफ़ इंडिया की वीडियो रिपोर्ट में 37 सेकंड पर ‘आसिफ़ खान जिंदाबाद’ का नारा सुनाई देता है. इसके अलावा, वीडियो में 1 मिनट 5 सेकेंड और 1 मिनट 23 सेकेंड पर, माइक्रोफ़ोन के पास एक बच्चा नारा लगाना शुरू करता है. लेकिन वो अचानक बीच में ही रुक जाता है, दोनों मामलों में माइक में ‘आसिफ़ खान’ वाले हिस्से सुनाई देते हैं.

इसके अलावा, इस मामले में दर्ज़ FIR की कॉपी की जांच करने पर हमें इस सभा के दौरान पाक समर्थक नारे लगाए जाने का कोई ज़िक्र नहीं मिला. FIR की PDF कॉपी आप यहां पर देख सकते हैं.

कुल मिलाकर, पिछले साल दिल्ली के पूर्व कांग्रेस विधायक आसिफ़ खान और एक पुलिस अधिकारी के बीच हुई झड़प का वीडियो ग़लत रूप से मध्य प्रदेश की घटना बताकर शेयर किया गया. और झूठा दावा किया गया कि जब कांग्रेस नेता ने पाकिस्तान समर्थक नारे लगाए तो एक पुलिस अधिकारी ने उन्हें रोकने की कोशिश की जिसकी वजह से पुलिस अधिकारी को धमकाया गया.

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