शेयर की जा रही एक वीडियो क्लिप में राहुल गांधी को कहते हुए सुना जा सकता है, “महात्मा गांधी ने अहिंसा का विचार प्राचीन भारतीय दर्शन से, इस्लाम से लिया”. ये वीडियो 9 मार्च, 2021 को एक ट्विटर यूज़र ने शेयर करते हुए लिखा है, “राहुल गांधी का मूर्खतापूर्ण ज्ञान”.

फ़ेसबुक पर भी ये वीडियो शेयर किया जा रहा है.

Another Scam…

Mahatma Gandhi picked up the idea of Non-Violence from our ancient Indian philosophy, from ‘Islam’ – Rahul Gandhi

Posted by The Real Nationalist – Nation First on Wednesday, 10 March 2021

2019 से वायरल

फ़र्ज़ी समाचार वेबसाइट पोस्टकार्ड न्यूज़ के संस्थापक, जिन्हें प्रधानमंत्री मोदी ट्विटर पर फॉलो करते हैं, उन लोगों में शामिल हैं जिन्होंने ये वीडियो शेयर किया था.

ये वीडियो पाकिस्तानी-कनाडाई लेखक तारिक फ़तह ने भी शेयर किया.

सच क्या है?

सोशल मीडिया पर वायरल क्लिप एक लंबे वीडियो से लिया गया छोटा हिस्सा है. राहुल गांधी ने जो कहा, उसका पूरा संदर्भ जानने के लिए ऑल्ट न्यूज़ ने इस पूरे वीडियो को देखा.

ताहुल गांधी जो कहते हैं, वो ये रहा –

“हिंसा के, गुस्से के इस वातावरण में, और आप यह हर जगह देखते हैं, आप इसे संयुक्त राज्य (अमरीका) में देखते हैं, आप इसे यूरोप में देखते हैं, आप इसे मध्य-पूर्व में देखते हैं. गुस्से के इस वातावरण में, जवाब भारत के पास है. भारत के पास, न केवल भारत के लिए, बल्कि पूरे ग्रह (पृथ्वी) के लिए जवाब देने का खाका है. अहिंसा हमारे डीएनए में है. और ये कोई 50 साल से नहीं है. महात्मा गांधी अहिंसा के महान प्रतिपादक थे. लेकिन महात्मा गांधी जी ने अहिंसा का यह विचार हमारे महान धर्मों, हमारे महान गुरुओं से लिया. महात्मा गांधी ने अहिंसा का यह विचार प्राचीन भारतीय दर्शन से, इस्लाम से, ईसाई धर्म से, यहूदी धर्म से, प्रत्येक उस महान धर्म से लिया, जिनमें यह स्पष्ट लिखा है कि हिंसा से यहां किसी को कुछ भी हासिल होने में मदद नहीं मिलेगी.”

राहुल गांधी के भाषण में ये हिस्सा 23 मिनट 37 सेकंड से नीचे दिए गए वीडियो में देखा जा सकता है.

इस वीडियो से स्पष्ट है कि राहुल गांधी भारत की महिमा का बखान कर रहे थे, जब उन्होंने ये कहा कि दुनियाभर में हो रही हिंसा और गुस्से का समाधान अहिंसा के भारतीय दर्शन में है. उन्होंने कहा कि अहिंसा दुनिया के हर महान धर्म से प्रेरित थी. कहीं भी उन्होंने किसी एक धर्म का ज़िक्र नहीं किया, जैसा सोशल मीडिया पर वायरल क्लिप्ड वीडियो और उसके साथ का संदेश में दावा किया गया है.

ऑल्ट न्यूज़ ने भ्रामक सूचनाओं के कई उदाहरण बताए हैं, जिनमें, राजनीतिक दलों/व्यक्तियों को — जो बीजेपी के विरोध में हैं — इस्लाम धर्म के पक्ष में और इस प्रकार हिंदू-विरोधी दिखाने के प्रयास किए गए हैं. हाल ही एक भ्रामक वीडियो में दावा किया गया कि विधानसभा चुनावों के बाद राहुल गांधी अपना धर्म बदलकर इस्लाम अपना लिया था. एक और वीडियो क्लिप इस दावे से वायरल हुई कि कन्हैया कुमार ने लोगों से इस्लाम में परिवर्तित होने की अपील की. तारिक फ़तह ने फोटोशॉप की हुई एक तस्वीर शेयर करके उसमें — एक मदरसा शिक्षक द्वारा इस्लाम को हिन्दू धर्म से श्रेष्ठ दिखलाते हुए — होने का दावा किया. तारिक फ़तह ने एक झूठी कहानी भी शेयर की और दावा किया कि मुस्लिमों ने कांग्रेस की जीत को मनाने के लिए पाकिस्तानी झंडा लहराया.

इसे सोशल मीडिया में शेयर करने वाले अन्य लोग

दक्षिणपंथी हैंडल्स के कई अन्य ट्वीट कहते हैं कि राहुल गांधी ने महात्मा गांधी के अहिंसा के दर्शन की प्रेरणा के रूप में सिर्फ इस्लाम का ज़िक्र किया था.

 

कई दक्षिणपंथी पेजों ने यह वीडियो इसी दावे के साथ शेयर किए।

इंटरव्यू और भाषणों के वीडियो को क्लिप करना और उन्हें असली संदर्भ से अलग रूप में प्रस्तुत करना, भ्रामक सूचनाओं को बढ़ावा देने का आसान तरीका है. ऑल्ट न्यूज़ ने ऐसे कई उदाहरणों को खारिज किया है, जिनमें, किसी लंबे वीडियो में से आधा अधूरा हिस्सा शेयर कर एक भ्रामक तस्वीर प्रस्तुत करने के लिए शेयर किया जाता है. सोशल मीडिया यूज़र्स को ऐसे क्लिप्ड वीडियो, जिनमें वक्ता के कथन का पूरा प्रसंग न हो पर विश्वास करने को लेकर सावधान रहना चाहिए.

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