सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल है जिसमें कुछ लड़के सड़क के किनारे धान के खेत से रद्दी पासपोर्ट उठा रहे हैं. यूज़र्स ये वीडियो शेयर करते हुए दावा कर रहे हैं, “जिस प्रकार गुजरात में बेट द्वारका के पास हजारों अवैध मुसलमान बसे थे उस आधार पर अंदाजा लगाया जा सकता है कि देश में सैकड़ों कसाब बसाए जा चुके हैं.”

राईटविंग राजनीतिक कार्यकर्ता, विश्व हिंदू परिषद की सदस्य और हिंदुत्व संगठन भगवा क्रांति सेना की अध्यक्ष, साध्वी प्राची ने 28 मार्च, 2023 को अपने फ़ेसबुक पेज पर इसी दावे के साथ ये वीडियो पोस्ट किया. आर्टिकल लिखे जाने तक इस वीडियो को 96 लाख से ज़्यादा बार देखा गया है और उसके बाद से इंटरनेट पर काफी वायरल है.

 

जिस प्रकार गुजरात में बेट द्वारका के पास हजारों अवैध मुसलमान बसे थे उस आधार पर अंदाजा लगाया जा सकता है कि देश में सैकड़ों कसाब बसाए जा चुके हैं –

हमको एक प्रण लेना होगा की हम हिंदू राष्ट्र बनाकर रहेंगे और इसमें आप सहयोग कीजिए बागेश्वर धाम सरकार इस ग्रुप से जुड़िये और अपने मित्रों को जोड़िए वहाँ अपने विचार रखिए ग्रुप से जुड़ने के लिए 👉

अगर आप कट्टर सनातनी है तो आप सभी ग्रुप से जुड़ सकते है
ग्रुप से जुड़ने के लिए नीचे लिंक पर क्लिक कर सकते है

https://www.facebook.com/groups/939179403881272/?ref=share_group_link

Posted by Sadhvi Prachi on Tuesday, 28 March 2023

ट्विटर यूज़र सत्य सनातन ऑफ़िशियल ने इसी कैप्शन के साथ ये वीडियो ट्वीट किया है. आर्टिकल लिखे जाने तक इस ट्वीट को 13 हज़ार से ज़्यादा बार देखा गया है.

एक और ट्विटर हैंडल @bageshwarBaba ने भी इसी दावे के साथ ये वीडियो ट्वीट किया. इस ट्वीट को आर्टिकल लिखे जाने तक 10 हज़ार से ज़्यादा व्यूज़ मिले हैं.

कई और राईटविंग ट्विटर हैंडल्स जैसे @shribhagavasena, @Eagle__View, और @Kamlesh14221399 ने भी इसी कैप्शन के साथ ये वीडियो ट्वीट किया है जिसमें दावा किया गया कि गुजरात में बेट द्वारका के पास अवैध मुस्लिम रह रहे हैं.

This slideshow requires JavaScript.

फ़ैक्ट-चेक

ऑल्ट न्यूज़ ने InVid टूल का इस्तेमाल करके वीडियो के फ़्रेम्स को रिवर्स-सर्च किया. हमें मार्च 2018 की कई न्यूज़ रिपोर्ट्स मिलीं. इन रिपोर्ट्स में द टाइम्स ऑफ़ इंडिया, द ट्रिब्यून, द हिंदुस्तान टाइम्स और जागरण शामिल हैं.

द ट्रिब्यून ने रिपोर्ट किया था कि 258 पासपोर्ट हरियाणा में सिरसा ज़िले के कालांवाली इलाके में चकेरियन से लकरांवाली गांव तक सड़क के किनारे लावारिस पाए गए. साइट पर जाकर दस्तावेज बरामद करने वाले कालांवाली पुलिस स्टेशन के SHO ओम प्रकाश के हवाले से कहा गया कि पासपोर्ट उस वक़्त में वैध थे.

पंजाब केसरी ने 10 मार्च 2018 के वायरल वीडियो के स्क्रीन ग्रैब के साथ एक वेब रिपोर्ट पब्लिश की.

द ट्रिब्यून ने कालांवाली पुलिस स्टेशन के तत्कालीन SHO श्री ओम प्रकाश से संपर्क किया ताकि घटना के बारे में पता लगाया जा सकें.

ऑल्ट न्यूज़ को यूट्यूब पर द सड़कनामा नाम के एक स्थानीय ऑनलाइन समाचार चैनल की रिपोर्ट मिली. वीडियो में रिपोर्टर ने कालांवाली पुलिस स्टेशन का दौरा किया और उन लोगों से बातचीत की जिनके पास ये पासपोर्ट थे. उनमें से एक का कहना है कि वीज़ा बनवाने के लिए उसने एक एजेंट को अपना पासपोर्ट और कुछ पैसे दिए थे. कुछ दिनों बाद कंपनी बंद हो गई.

इस वीडियो में 3 मिनट 38 सेकेंड पर तत्कालीन SHO ओम प्रकाश इस पूरे मामले के बारे में बताते हैं.

उन्होंने कहा, ”कल, दिनांक 10.3.2018 को गांव चकेरिया से सूचना मिली थी कि गांव चकेरिया से और ल्करावली रोड के ऊपर कुछ पासपोर्ट बिखरे पड़े हैं. तुरंत जा के पब्लिक के सामने उनको कब्जा पुलिस में लिया गया है. अभी मेरे पास लुधियान से 2-4 आदमी आए उन्होंने बतलाया है कि एक लुधियाने (पंजाब) के अंदर SSO प्राइवेट लिमिटेड नाम की एक कंपनी वीज़ा लगाने के लिए खुली थी, तो उन्होंने जब ऐड अख़बार में डाली तो हमने उनके पास ये पासपोर्ट अपने जमा करा दिए. कुछ समय बाद वहां किसी व्यक्ति का वीज़ा ग़लत लगने के कारण हंगामा हो गया कंपनी का, और कंपनी वालों ने वहां से ऑफ़िस बंद कर दिया था. उसके बाद कंपनी वालों ने सूचना दी थाने के अंदर, ये पासपोर्ट जो है वहां से गुम हो चुके हैं. हमने इन्हें कब्जे में ले लिए हैं और जैसे भी आगे नियमानुसार पासपोर्ट ऑफ़िस को सुचना दे दी जाएगी. जांच चलने के बाद जैसे भी नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी.”

कुल मिलाकर, न्यूज़ रिपोर्ट्स और पुलिस के बयान से साफ है कि सड़क किनारे पासपोर्ट मिलने की वायरल क्लिप हरियाणा के सिरसा ज़िले का पुराना वीडियो है. घटना 2018 की है. यानी, गुजरात में मुस्लिमों की अवैध बसेरों की ख़बर निराधार और झूठी है.

वंश शाह ऑल्ट न्यूज़ में इंटर्न हैं.

डोनेट करें!
सत्ता को आईना दिखाने वाली पत्रकारिता का कॉरपोरेट और राजनीति, दोनों के नियंत्रण से मुक्त होना बुनियादी ज़रूरत है. और ये तभी संभव है जब जनता ऐसी पत्रकारिता का हर मोड़ पर साथ दे. फ़ेक न्यूज़ और ग़लत जानकारियों के खिलाफ़ इस लड़ाई में हमारी मदद करें. नीचे दिए गए बटन पर क्लिक कर ऑल्ट न्यूज़ को डोनेट करें.

बैंक ट्रांसफ़र / चेक / DD के माध्यम से डोनेट करने सम्बंधित जानकारी के लिए यहां क्लिक करें.