मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ से कथित रूप से जुड़े लोगों के खिलाफ हालिया आयकर छापे की पृष्ठभूमि में, सोशल मीडिया में वायरल एक वीडियो के बारे में दावा किया गया है कि यह उसी छापे का प्रतिनिधित्व करता है। “मध्यप्रदेश में कमलनाथ के सचिव के यहाँ से बरामद नोटों का ढेर। जिसे छापा पड़ने के बाद जलाने की भी कोशिश की गयीं। भारत एक अमीर देश है लेकिन लोग गरीब हैं।” -यह कैप्शन, उस वीडियो के साथ है, जिसमें अधजली नकदी का एक साथ रखा हुआ ढेर दिखलाया गया है। चौकीदार रोहिणी (@RohiniShah73), जिन्हें पीएम मोदी फॉलो करते हैं, उनके द्वारा किए गए इस ट्वीट को 2,000 से अधिक बार रिट्वीट और वीडियो को लगभग 30,000 बार देखा गया है(आर्काइव)।

यह वीडियो फेसबुक पर इसी रूप में इस दावे के साथ प्रसारित किया गया है, कि यह, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ के सचिव से बरामद नकदी को दर्शाता है। एक यूज़र कनक मिश्रा के अकाउंट से, इसे 63,000 से अधिक बार देखा गया (आर्काइव)।

 

Posted by कनक मिश्र on Monday, 8 April 2019

कला स्थापना का प्रतिनिधित्व करता वीडियो

अगर कोई इस वीडियो को गौर से देखे तो यह साफ दिखता है कि इसमें भारतीय रुपये नहीं, बल्कि यूरो करेंसी नोट हैं।

ऑल्ट न्यूज़ ने पहले भी इस वीडियो को खारिज किया था जब इसे तमिलनाडु के विधायक एसपी वेलुमणि, कर्नाटक कांग्रेस के मंत्री डीके शिवकुमार और भाजपा सांसद राजीव चंद्रशेखर के नाम से प्रसारित किया गया था।

यह क्लिप वास्तव में स्पेन में 2018 की एक कला स्थापना का प्रतिनिधित्व करता है। स्पेनिश कलाकार अलेजांद्रो मोन्ज द्वारा हाथ से पेंट किए गए इन नोटों का वही वीडियो, खुद उन्होंने, उनकी कलाकारी को लेकर किए गए झूठे दावे की निंदा करते हुए, अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर अपलोड किया था।

उनके पोस्ट में स्पेनिश में लिखा कैप्शन इस प्रकार है, “यह इंटरनेट के बारे में (कई) चीजों में से एक है कि कोई चीज यह जाने बिना वायरल हो सकती है कि यह क्या करता है … और फिर किसी को नहीं पता कि यह क्या है या यह किससे है। काश लोगों को पता होता कि मूर्तिकला क्या है और पता होता कि ये नोट हाथ से पेंट किए गए हैं …!!” 

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ के कथित करीबी सहयोगी के यहां आयकर विभाग ने छापेमारी की। लेकिन, इस वीडियो का हालिया छापों से कोई लेना-देना नहीं है और पहले भी, विभिन्न राजनीतिक दलों के कई नेताओं से इसे जोड़ा जा चुका है।

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About the Author

Pooja Chaudhuri is a senior editor at Alt News.