“शायद….जो लोग विदेश में रहते हैं और जो लोग विदेश जाते-आते रहते हैं, आज भारत के पासपोर्ट की जो इज्जत है आज भारत के पासपोर्ट की जो ताकत है शायद ही पहले कभी इतनी ताकत किसी ने अनुभव की होगी। “ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने हाल ही में टाइम्स नाउ को अपने साक्षात्कार में यह बयान दिया। क्या इस तरह के दावे के पीछे कोई सच्चाई है? ऑल्ट न्यूज ने भारतीय पासपोर्ट की स्तिथि के बारे में प्रधानमंत्री मोदी के दावे पर एक त्वरित तथ्य जांच करने का फैसला किया।
Maybe the people who live abroad and those people who keep travelling abroad, they will know the respect that the Indian Passport carries today: PM @narendramodi #PMModiSpeaksToTimesNow @RShivshankar @navikakumar @PMOIndia @BJP4India https://t.co/cf51HRM8Tv pic.twitter.com/ruzPisCCk6
— TIMES NOW (@TimesNow) January 21, 2018
निम्नलिखित साक्षात्कार के कुछ अंश हैं, जिसमें प्रधानमंत्री मोदी जी को देश की छवि के बारे में पूछा गया था, जिसका उन्होंने जवाब दिया।
नविका कुमार (टाइम्स नाउ): प्रधानमंत्री जी, आप भारत की इमेज बाहर के देशों में जाकर बढ़ाने की कोशिश करते हैं, लेकिन हमारे यहाँ के कुछ लीडर्स हैं जो बाहर जाते हैं और जो इंडियन बाहर सेटल हैं उनको जाके कहते हैं कि भारत में सबकुछ बहुत ख़राब चल रहा है आपकी मदद की जरुरत है, आप वापस आइये कुछ मदद करिये भारत में सब डूबता जा रहा है। उनसे आप क्या कहेंगे?
पीएम मोदी: “शायद….जो लोग विदेश में रहते हैं और जो लोग विदेश जाते-आते रहते हैं, आज भारत के पासपोर्ट की जो इज्जत है आज भारत के पासपोर्ट की को ताकत है शायद ही पहले कभी इतनी ताकत किसी ने अनुभव की होगी। आज एयरपोर्ट पर इन्टर होते ही इमीग्रेशन ऑफिसर के पास जब भारत का पासपोर्ट कोई रखता है तो बड़े शान के साथ, सामने वाला बड़े गर्व के साथ उसे देखता है। ये हर कोई बताता है हर कोई कहता है दुनिया में आज हम; मैं समझता हूँ कि सत्य यही है। ”
पासपोर्ट की ताकत इसके उपयोगकर्ता के दूसरे देशों की यात्रा करने की स्वतंत्रता से जुड़ा है। सौभाग्य से हमें यह डेटा आसानी से मिल गया। विश्व आर्थिक मंच, जहां प्रधानमंत्री नेतृत्व करते हैं ने “सबसे शक्तिशाली पासपोर्ट” कहा जाने वाला सर्वे साझा किया है।
#BestOf: Germany has the most powerful #passport in the world https://t.co/eYuV8xGzi4 #travel pic.twitter.com/VO4pt72Z30
— World Economic Forum (@wef) January 21, 2018
WEF का ट्वीट हेन्ले एंड पार्टनर्स वीजा प्रतिबंध सूचकांक पर आधारित है, जो यात्रा की आजादी के अनुसार देशों की एक वैश्विक रैंकिंग है, इसमें यह देखा जाता है कि आप किस देश का पासपोर्ट लेकर बिना वीज़ा के कितने देशों में जा सकते हैं। यह फर्म दुनिया के सभी देशों और क्षेत्रों के वीजा विनियमों का विश्लेषण कर एक ऐसा सूचकांक प्रस्तुत करता है जो प्रत्येक देश को दूसरे देशों की संख्या से जोड़ता है जिससे कि उनके नागरिक दुसरे देशों की वीजा प्राप्त किए बिना यात्रा कर सकते हैं। यह सूचकांक अन्तर्राष्ट्रीय वायु यातायात संघ (आईएटीए) के सहयोग से तैयार किया गया है, जो यात्रा की जानकारी का विश्व का सबसे बड़ा डाटाबेस रखता है। हेनले एंड पार्टनर्स के समूह के अध्यक्ष डॉ. क्रिश्चियन एच कलीन ने WEF द्वारा उद्धृत करते हुए कहा है कि “ जहाँ तक वैश्विक गतिशीलता का सवाल है हेन्ले पासपोर्ट इंडेक्स यह दिखाता है कि अलग-अलग देशों के नागरिकों के पासपोर्ट की स्तिथि अन्य देश के पासपोर्ट के संबंध में अधिक ताकत रखता है या नहीं।”
वर्ष 2018 के सूचकांक के अनुसार, भारत 104 देशों में से 49 अंक के साथ 86वें रैंक पर है। 2018 में देशों की रैंकिंग निम्नानुसार है:
क्या भारत ने अपने स्कोर और रैंकिंग में सुधार किया है, खासकर 2014 के बाद से जैसा कि प्रधानमंत्री मोदी जी का दावा है? 2014 में ऐसे 52 देश थे जहाँ भारतीय पासपोर्ट धारक बिना वीजा के यात्रा कर सकते हैं। 2018 में यह संख्या 52 से घटकर 49 हो गयी है। देशों की कुल संख्या में होने वाले बदलावों के कारण भारत के रैंक की कई वर्षों से तुलना नहीं की गई है। यहां भारत के स्कोर और वर्षों में रैंकिंग देखी जा सकती है- चाहे देश की संख्या को ध्यान में रखा जाए, भारतीय पासपोर्ट की शक्ति 2014 से पहले और बाद दोनों में पुरे विश्व भर के नीचले 25% में रही है:
Year | Score | Rank |
2018 | 49 | 86/104 |
2017 | 49 | 87/104 |
2016 | 52 | 85/104 |
2015 | 51 | 84/106 |
2014 | 52 | 76/94 |
2013 | 52 | 74/93 |
जैसा कि ऊपर तालिका में देखा गया है, भारतीय पासपोर्ट की स्तिथि मोदी जी के कार्यकाल में प्रवेश (2014) के बाद भी वैसी ही है या उससे भी नीचे आयी है। NDTV पत्रकार रवीश कुमार ने भी इस मुद्दे के बारे में अपने फेसबुक पेज पर लिखा था जो यहाँ पढ़ा जा सकता है। यहां मोदी जी के बयान को वापस लेने का कोई प्रमाण नहीं है “शायद ही पहले कभी किसी ने भारतीय पासपोर्ट की इतनी ताकत अनुभव की होगी।” ऐसे गुमराह करने वाले दावे प्रधानमंत्री जी को शोभा नहीं देते। हमें उम्मीद है कि प्रधानमंत्री मोदी और उनकी सरकार द्विपक्षीय संधियों और समझौतों के माध्यम से वीजा नियमों को आसान बनाकर भारतीय पासपोर्ट की रैंकिंग में वास्तविक सुधार लाने की दिशा में काम करेंगे, जिससे अंतरराष्ट्रीय यात्रा को आसान बनाने में मदद मिलेगी।
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