24 अक्टूबर को टी20 वर्ल्ड कप में भारत-पाकिस्तान की मैच में भारत 10 विकेट से हार गया था. इस दौरान, कश्मीर में श्रीनगर के मेडिकल कॉलेज से कथित रूप से पाकिस्तान के समर्थन में नारे लगाने का मामला सामने आया था.

सोशल मीडिया पर ये दावा किया जा रहा है कि मेडिकल कॉलेज की 100 छात्राओं की डिग्री सरकार ने रद्द कर दी. ट्विटर यूज़र ‘पूजा हिंदू सनातनी बेटी’ ने ये दावा किया. दावे के साथ एक तस्वीर ट्वीट की जिसमें बुर्का पहनी कुछ महिलाएं दिख रही हैं. आर्टिकल लिखे जाने तक इस ट्वीट को 1,740 बार रीट्वीट किया गया है. (ट्वीट का आर्काइव लिंक)

न्यूज़18 के ब्रॉडकास्ट का वीडियो भी इसी दावे के साथ शेयर किया जा रहा है. लेकिन वीडियो में मेडिकल छात्राओं की डिग्री रद्द करने की कोई बात नहीं बताई गई है. स्क्रीन पर वीडियो के साथ लिखा है – “लड़कियां पाकिस्तान की जीत का जश्न मना रही है.”, “गर्ल्स हॉस्टल में हार का जश्न” और “पाकिस्तान के समर्थन में की नारेबाज़ी “. इसके अलावा, वीडियो में ऐंकर बता रहा है कि कथित तौर पर पाकिस्तान के समर्थन में नारेबाज़ी करने वाले लोगों के खिलाफ़ यूएपीए का केस दर्ज हो गया है.

ट्विटर और फ़ेसबुक पर ये दावा वायरल है. व्हाट्सऐप पर भी ये दावा काफ़ी शेयर किया जा रहा है.

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फ़ैक्ट-चेक

सबसे पहले तो गौर करें कि इस दावे की पुष्टि करती कोई रिपोर्ट मौजूद नहीं है. की-वर्ड्स सर्च करने पर ऑल्ट न्यूज़ को ऐसी कोई रिपोर्ट नहीं मिली जिसमें ऐसे किसी फैसले के बारे में बताया गया हो.

इसके अलावा, किसी भी क्षेत्र में पढ़ाई कर रहे छात्र को उससे संबंधित डिग्री उचित मूल्यांकन के बाद ही मिलती है. दावे में साफ़-साफ़ शब्दों में लिखा है कि मेडिकल छात्रों की डिग्री रद्द की गई. लेकिन जब ये छात्र हैं तो इनके पास डिग्री कैसे हो सकती है?

हालांकि, श्रीनगर के मेडिकल कॉलेज में मैच के बाद कथित रूप से पाकिस्तान के समर्थन में नारे लगाए जाने के मामले में छात्रों के खिलाफ़ यूएपीए का मामला दर्ज किया गया. साथ में कॉलेज प्रशासन के खिलाफ़ भी यूएपीए के तहत केस दर्ज किया गया है. जनसत्ता की रिपोर्ट के मुताबिक, “जम्मू कश्मीर पुलिस द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार श्रीनगर के कर्ण नगर स्थित सरकारी मेडिकल कॉलेज और शेर-ए-कश्मीर आयुर्विज्ञान संस्थान श्रीनगर (SKIMS) सौरा के छात्रावासों में रहने वाले छात्रों, कॉलेज प्रबंधन और हॉस्टल वार्डन के खिलाफ दो अलग-अलग मामला दर्ज किया गया है.”

ख़बर के मुताबिक, जम्मू-कश्मीर छात्र संघ के राष्ट्रीय प्रवक्ता नासिर खुहमी ने भी इस कारवाई को कठोर बताया था. नासिर खुहमी ने बताया था कि छात्र माफीनामा लिखने के लिए तैयार हैं. लेकिन उन्हें डर हैं कि ऐसा करने पर कहीं कॉलेज प्रशासन उन्हें बर्खास्त न कर दे. कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ़्ती ने भी इस कारवाई का विरोध किया था.

ऑल्ट न्यूज़ ने SKIMS कॉलेज से भी संपर्क किया. हमें बताया गया कि फ़िलहाल छात्रों को लेकर इस तरह का कोई फैसला नहीं लिया गया है.

दावे के साथ बुर्का पहनी महिलाओं की तस्वीर

रिवर्स इमेज सर्च से हमें ये तस्वीर 2017 के एक ब्लॉग में मिली. इंडिया न्यू इंग्लैंड न्यूज़ नाम की वेबसाइट ने 12 नवंबर 2017 को ये तस्वीर यूपी के आज़मगढ़ ज़िले के फ़ातिमा गर्ल्स इन्टर कॉलेज की बताकर शेयर की थी. एक और वेबसाइट ने भी ये तस्वीर नवंबर 2017 में यूपी की बताकर शेयर की थी.

यानी, कश्मीरी मेडिकल कॉलेज की 100 छात्राओं को पाकिस्तान की जीत का जश्न मनाने पर डिग्री रद्द कर देने का दावा ग़लत है.


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About the Author

Kinjal Parmar holds a Bachelor of Science in Microbiology. However, her keen interest in journalism, drove her to pursue journalism from the Indian Institute of Mass Communication. At Alt News since 2019, she focuses on authentication of information which includes visual verification, media misreports, examining mis/disinformation across social media. She is the lead video producer at Alt News and manages social media accounts for the organization.