गुजरात के धंधुका में किशन भरवाड नाम के एक शख्स की कथित धार्मिक फ़ेसबुक पोस्ट के चलते हत्या कर दी गई थी. इस मर्डर केस को लेकर काफी बयानबाज़ी भी चल रही है. फ़िलहाल इस मामले में कुछ गिरफ्तारियां की गई है. इस घटना से जोड़कर एक वीडियो सोशल मीडिया पर काफी शेयर किया जा रहा है. वीडियो में कुछ लोग पुलिस के साथ बहस कर रहे हैं. वीडियो शेयर करते हुए कहा जा रहा है कि उस गांव को हिन्दुओं ने खाली करवा दिया है जहां किशन भरवाड की हत्या हुई थी. दावा किया जा रहा है कि गांव में रहनेवाले मुस्लिम लोगों को वहां से निकाल दिया गया.
ट्विटर यूज़र हरीश राजगुरु ने ये वीडियो इसी दावे के साथ ट्वीट किया. (ट्वीट का आर्काइव लिंक)
देखो जब हिन्दू जागता है तो क्या होता है, यह वीडियो देखकर आप को बहुत सकून मिलने वाला है, हिन्दुओ ने पूरा गांव ही खाली करा डाला वहा किशन भरवाड़ का मडर हुआ था आज पूरे गांव को 🐷🐷🐷🐷सुअरो से मुक्त करा डाला 🙏 pic.twitter.com/XDlF7I3XVl
— हरीश राजगुरु (@harishrajguru19) January 31, 2022
सोशल मीडिया पर एक और वीडियो भी इसी दावे के साथ शेयर किया जा रहा है. इस वीडियो में लोग सड़क पर नारे लगाते हुए जुलूस निकाल रहे हैं. ट्विटर हैन्डल ‘@maheshspatel74’ ने ये वीडियो इसी दावे के साथ ट्वीट किया. (आर्काइव लिंक)
देखो जब हिन्दू जागता है तो क्या होता है, यह वीडियो देखकर आप को बहुत सकून मिलने वाला है, हिन्दुओ ने पूरा गांव ही खाली करा डाला ,वहा किशन भरवाड़ का मर्डर हुआ था ,आज पूरे गांव को मुक्त करा डाला । pic.twitter.com/LOpTe1vxC6
— हिन्दू🕉️🔱भगवा🚩योद्धा🏹योद्धा #प्रशासक 74 (@maheshspatel74) February 2, 2022
ये दोनों वीडियोज़ फ़ेसबुक और ट्विटर पर वायरल है. (ट्वीट 1, ट्वीट 2)
फ़ैक्ट-चेक
ऑल्ट न्यूज़ ने इन दोनों की वीडियोज़ की जांच करते हुए पाया कि ये किशन भरवाड की हत्या के मामले से जुड़े हुए नहीं हैं. इन वीडियोज़ की सच्चाई हम आपको इस आर्टिकल में बारी-बारी से बताएंगे.
पहला वीडियो
रिवर्स इमेज सर्च करने पर ऑल्ट न्यूज़ को टीवी9 गुजराती की रिपोर्ट मिली. 30 जनवरी 2022 की इस रिपोर्ट में बताया गया है कि अहमदाबाद के पिराना इलाके में इमामशाह दरगाह के आगे दीवार बनाने को लेकर स्थानीय लोगों ने विरोध किया था. स्थानीय लोगों को समझाने के लिए म्यूनिसपल कॉरपोरेशन और पुलिस विभाग वहां पहुंचे थे.
स्थानीय मीडिया संगठन GSTV न्यूज़ ने भी इस घटना को कवर किया था.
दूसरा वीडियो
इस वीडियो के बारे में सर्च करते हुए ऑल्ट न्यूज़ को मालूम चला कि ये भी पिराना में हुई घटना का ही वीडियो है. पिराना में स्थानीय लोगों ने दरगाह के आगे दीवार बनाए जाने के फैसले का विरोध किया था.
इस घटना से जुड़े कई वीडियोज़ फ़ेसबुक पर पोस्ट किये गए हैं. एक फ़ेसबुक पेज ‘हज़रात पीर सैयद इमामुद्दीन’ ने इस घटना के कई वीडियोज़ पोस्ट किये हैं. नीचे, तस्वीर में आप साफ देख सकते हैं कि ये वीडियो पिराना का ही है. कई लोग ऐसे हैं जो दोनों वीडियोज़ में आपको नज़र आएंगे. जैसे नीचे, तस्वीर में दिख रहा शख्स.
इस तस्वीर में दोनों वीडियोज़ में दिख रही समान महिलाओं पर एक जैसे रंगों के एरो से निशान बनाया गया है.
ऑल्ट न्यूज़ ने ये फ़ेसबुक पेज हैन्डल करने वाले शख्स से बात की. उन्होंने हमें बताया कि ये वीडियो पिराना में हुए विरोध प्रदर्शन का ही है. वीडियो में दिख रही सफेद रंग की इमारत के बारे में पूछने पर इस शख्स ने हमें बताया कि ये इमारत गुरुकुल विद्याविहार इंग्लिश स्कूल की है. इमामशाह बावा दरगाह से इस स्कूल की दूरी 950 मीटर है.
इसके अलावा, इस शख्स ने हमें वायरल वीडियो की लोकैशन की कुछ तस्वीरें और वीडियोज़ भी भेजें. इन्हें देखने पर साफ मालूम होता है कि ये दूसरा वीडियो पिराना का ही है.
आप नीचे, तस्वीरों में भी ये बात साफ देख सकते हैं कि वायरल वीडियो में दिख रही जगह, पिराना ही है.
नीचे, दोनों तस्वीरों में एक जैसे पेड़ दिख रहे हैं. वहीं दीवार पर भी एक जैसे ऐड पेंटेड है.
द इंडियन एक्स्प्रेस ने 31 जनवरी 2022 को पिराना में हुए विवाद के बारे में खबर दी थी. आर्टिकल के मुताबिक, अहमदाबाद ज़िला के दसकोई तालुका के पिराना गांव में इमामशाह बावा संस्था ट्रस्ट के परिसर में दीवार बनाए जाने के खिलाफ़ स्थानीय लोग सड़कों पर उतरे थे. इसके चलते असलाली पुलिस ने 133 लोगों को हिरासत में लिया था जिसमें 64 महिलाएं भी शामिल थी. रिपोर्ट में असलाली के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के हवाले से बताया गया है कि पिछले 3-4 महीनों से गांव में विरोध प्रदर्शन चल रहा था. इसके चलते, प्रदर्शनकारियों ने कहा कि वो इस मामले में शिकायत दर्ज करवाने के लिए कलेक्टर ऑफ़िस जाएंगे. इस दौरान, कई प्रदर्शनकारी पूरी घटना रिकार्ड कर रहे थे और लाइव अपडेट शेयर कर रहे थे. माहोल खराब न हो इसलिए पुलिस ने कुछ प्रदर्शनकारियों को हिरासत में भी लिया था.
आगे, ऑल्ट न्यूज़ ने किशन भरवाड मर्डर केस के बारे में सर्च किया. लेकिन हमें ऐसी कोई रिपोर्ट नहीं मिली जो इस बात की पुष्टि करती हो कि गांव से मुसलमानों को बाहर निकाला गया हो. 2 फ़रवरी 2022 की बीबीसी गुजराती की रिपोर्ट में बताया गया था कि किशन भरवाड की हत्या के बाद धंधुका में तनाव कामाहौल था. रिपोर्ट में धंधुका के स्थानीय निवासी के हवाले से बताया गया है कि यहां कई मुस्लिम परिवार रहते हैं. और फिलहाल यहां शांति बनी हुई है.
हमने धंधुका पुलिस से भी इस मामले में बात की. उन्होंने हमें बताया कि गांव में ऐसा कुछ नहीं हुआ है. और उन्होंने सोशल मीडिया पर चल रहे दावों का पूरी तरह से खंडन किया.
यानी, अहमदाबाद के पिराना में दरगाह परिसर में दीवार बनाए जाने का विरोध कर रहे लोगों के वीडियोज़ किशन भरवाड मर्डर केस से से जोड़कर शेयर किये गए.
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