“भोपाल में आर एस एस और बजरंग दल के खिलाफ सड़कों पर उतरे मुसलमान अभी भी समय है एक हो जाओ वरना अंत समय नजदीक है। पूरे भारत में और भोपाल में मुस्लिम यह कर रहे हैं तो कम से कम आप लोग वीडियो ही शेयर कर दो ताकी हिंदुओं की आंखों पर बंधी पट्टी खुल जाए”
ट्विटर पर उपरोक्त संदेश को 45 सेकंड की एक वीडियो क्लिप के साथ साझा किया गया है, जिसमें गुस्साई भीड़ एक बस में तोड़फोड़ करती हुई दिखाई दे रही है।
भोपाल में आर एस एस और बजरंग दल के खिलाफ सड़कों पर उतरे मुसलमान
अभी भी समय है एक हो जाओ वरना अंत समय नजदीक है।
पूरे भारत में और भोपाल में मुस्लिम यह कर रहे हैं तो कम से कम आप लोग वीडियो ही शेयर कर दो ताकी हिंदुओं की आंखों पर बंधी पट्टी खुल जाए🙏
@Payal_Rohatgi @RSSorg @UP_Silk pic.twitter.com/KPlIIhckPl— ठाकुर प्रशांत कुमार (@Prashantmlsm) July 25, 2019
उपरोक्त ट्वीट को 1300 से ज़्यादा बार रीट्वीट किया जा चूका है।
भोपाल में आर एस एस और बजरंग दल के खिलाफ सड़कों पर उतरे मुसलमान
अभी भी समय है एक हो जाओ वरना अंत समय नजदीक है।
पूरे भारत में और भोपाल में मुस्लिम यह कर रहे हैं तो कम से कम आप लोग वीडियो ही शेयर कर दो ताकी हिंदुओं की आंखों पर बंधी पट्टी खुल जाए🙏
@Payal_Rohatgi
@UP_Silk pic.twitter.com/z8NQzySy8L— Prajjval palhore {कट्टर हिन्दु}😘❣️💙 (@Prajjval_) July 25, 2019
इस वीडियो को समान दावे के साथ व्हाट्सअप पर भी साझा किया जा रहा है।
तथ्य जांच
ऑल्ट न्यूज़ इस संदिग्ध वीडियो की पहले भी पड़ताल कर चूका है, जब इसे मुंबई में मुस्लिम रिक्शा चालकों द्वारा राज्य द्वारा संचालित बस के खिलाफ प्रदर्शन करने के झूठे दावे से साझा किया गया था। यह घटना गुजरात के सूरत में हुई थी ना कि मध्यप्रदेश के भोपाल में।
वीडियो में,’SITILINK’ शब्द को बस के कोने में छपा हुआ देखा जा सकता है। SITILINK शब्द ‘सूरत बस रैपिड ट्रांजिट सिस्टम’ के लिए प्रयोग होता है, जो एक सार्वजनिक बस परिवहन प्रणाली है और यह केवल सूरत में चलती है। दूसरा सुराग है बस का नंबर प्लेट। ‘GJ 05’ को वीडियो में कई स्थान पर आप देख सकते हैं। GJ 05 सूरत के लिए RTO वाहन पंजीकरण कोड है।
इन सुरागों के आधार पर, ऑल्ट न्यूज़ को इस घटना संबधित कई मीडिया संगठन के लेख मिले। यह घटना मॉब लिंचिंग के खिलाफ गुजरात के सूरत में 5 जुलाई, 2019 को विरोध प्रदर्शन में निकाली गई रैली की है। हालांकि, यह प्रदर्शन हिंसक हो गया और लोगों ने पत्थरबाज़ी करना शुरू कर दिया। टाइम्स ऑफ़ इंडिया के मुताबिक,“शुक्रवार को भीड़ को अलग करने के लिए पुलिस ने 15 आंसूगैस के गोले छोड़े और हवा में गोलिया भी चलाई। यह घटना तब हुई जब पूरे देश भर में एक संगठन द्वारा मॉब लिंचिंग के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने का एलान किया गया था। लोगों द्वारा पत्थरबाज़ी करने से पांच पुलिस कर्मी घायल हो गए है”-(अनुवाद)।
यह ध्यान देने योग्य बात है कि लोगों द्वारा बस पर पत्थर फेंकने का वीडियो किये गए दावे के मुताबिक भोपाल का नहीं बल्कि गुजरात के सूरत शहर का है।
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