कृषि बिल के खिलाफ़ चल रहे आन्दोलन ने 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के मौके पर हिंसक रूप ले लिया. प्रदर्शन कर रही भीड़ लाल किले में जा घुसी. इस दौरान दिल्ली के ITO समेत कई हिस्सों में प्रदर्शनकारियों और पुलिसबल के बीच टकराव होता रहा.

ज़ी न्यूज़ ने ये दिखाने की कोशिश की कि लाल किले के एक गुम्बद पर लगे तिरंगे को एक शख्स हटा कर नीचे फेंक रहा है. इस बुलेटिन का वीडियो यूट्यूब पर भी देखा जा सकता है. वीडियो की शुरुआत में वो शख्स जैसे ही झंडा नीचे फेंकता है, ऐंकर कहती हैं, “ये देखिये लाल किले की तस्वीर जहां से तिरंगे को हटाकर खालसा का झंडा लगा दिया गया है. ये तिरंगे का कैसे अपमान किया गया, झंडा नीचे फेंक दिया गया. लोकतंत्र को शर्मसार कर देने वाली ये तस्वीर बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण और दुखद. और वो भी गणतंत्र दिवस के दिन हमें आपको ये तस्वीर दिखानी पड़ रही है. देश की आन बान और शान, उसे उतारकर नीचे फेंक दिया गया…”

ये क्लिप पाकिस्तान के एक प्रोपगेंडा ट्विटर अकाउंट @ZaidZamanHamid ने भी शेयर किया. फ़िलहाल इस अकाउंट पर भारत में रोक लगी हुई है. इसलिए हम ट्वीट का स्क्रीनशॉट लगा रहे हैं. हमने कई रिपोर्ट्स में इस अकाउंट द्वारा फैलाई गयी भ्रामक जानकारियों के बारे में बताया है. इसमें अनुच्छेद 370 को निष्क्रिय किये जाने के बाद कश्मीर से जुड़े ग़लत दावे भी शामिल हैं.

किसान यूनियन का झंडा नीचे फेंका था, तिरंगा नहीं

ऑल्ट न्यूज़ ने ज़ी न्यूज़ का ये वीडियो देखने पर पाया कि फेंका गया झंडा राष्ट्रीय ध्वज, तिरंगा नहीं है. जो झंडा दिख रहा है उसमें सिर्फ़ हरा और सफ़ेद रंग नज़र आ रहा है.

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रॉयटर्स पर कीवर्ड सर्च करने पर हमें इसी मौके की एक तस्वीर मिली जब झंडा नीचे फेंका जा रहा था. ये तिरंगा नहीं था.

26 जनवरी को ये तस्वीर अदनान अबिदी ने खींची थी. इस तस्वीर का कैप्शन है, “सरकार के नए किसान बिल के खिलाफ़ प्रदर्शन के दौरान एक किसान भारत में दिल्ली के ऐतिहासिक लाल किले पर झंडा लगाते हुए.”

गेटी इमेजेज़ पर इसी झंडे की दूसरी तस्वीर भी देखी जा सकती है.

जिस हरे और सफ़ेद रंग के झंडे को प्रदर्शनकारी ने नीचे फेंका था वो भारतीय किसान यूनियन (BKU) का झंडा है.

ये वीडियो ध्यान से देखने पर पता चल ही जाता है कि फेंका जा रहा झंडा भारतीय राष्ट्रीय ध्वज नहीं है. इसके बावजूद ज़ी न्यूज़ ने अपने हज़ारों दर्शकों को इस ग़लत दावे से भ्रमित किया. इससे पहले भी ऑल्ट न्यूज़ ने झंडे से जुड़े एक ग़लत दावे का फै़क्ट-चेक किया था. तब कहा गया था कि लाल किले पर खालिस्तानी झंडा फहराया गया है. प्रदर्शनकारियों ने खाली खम्बे पर अपना धार्मिक सिख झंडा लगाया था.


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