विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने नए SARS-CoV-2 वेरिएंट B.1.1.1.529 को “चिंता का विषय” बताया है. इसे ओमिक्रॉन नाम दिया गया है. इसका पहला मामला 24 नवंबर को दक्षिण अफ़्रीका में रिपोर्ट किया गया.

2 दिसंबर के आस-पास कई सोशल मीडिया यूज़र्स ने ‘द ओमिक्रॉन वेरिएंट’ नाम की एक कथित फ़िल्म का पोस्टर शेयर किया. बॉलीवुड डायरेक्टर राम गोपाल वर्मा ने भी ये पोस्टर शेयर किया.

अभिनेता गौतम रोडे ने भी इसे शेयर किया.

इसी नाम के साथ कथित फ़िल्म का एक और कथित पोस्टर शेयर किया गया है. यूएस के ट्विटर यूज़र क्रिस्टोफ़र मिलर ने इसे पोस्ट किया जिसे 1 हज़ार से ज़्यादा बार रीट्वीट किया गया.

इमेज वेरिफ़िकेशन

यहां ध्यान देने वाली बात है कि ‘द ओमिक्रॉन वेरिएंट’ नाम की कोई फ़िल्म नहीं है. हालांकि, 1963 में एक साइंस फ़िक्शन फ़िल्म आयी थी जिसका नाम ‘ओमिक्रॉन’ है. इंटरनेट मूवी डेटाबेस (IMDb) पर फ़िल्म का कहानी कुछ इस तरह है, “एक एलियन धरती पे रहने वाले एक इंसान के शरीर को अपने कब्ज़े में कर लेता है ताकि वो धरती के बारे में जान सके और धरती पर कब्ज़ा कर सके.”

पहली तस्वीर: राम गोपाल वर्मा ने जो पोस्टर शेयर किया उसे वर्जिन मीडिया आयरलैंड के लेखक बेकी चीटल ने बनाया था. उन्होंने तीन तस्वीरें पोस्ट करते हुए लिखा कि उन्होंने ही ‘द ओमिक्रॉन वेरिएंट’ फ्रेज़ का इस्तेमाल कर 70 के दशक की कई साइंस फ़िक्शन मूवी पोस्टर फ़ोटोशॉप किया था.

बेकी चीटल द्वारा बनाया गया पोस्टर 1974 में आई फ़िल्म ‘फ़ेज IV’ पर आधारित है. IMDb पर फ़िल्म की कहानी में बताया गया है, “रेगिस्तान की चींटियों में अचानक समझ आ जाती है और वे वहां के निवासियों के साथ युद्ध शुरू कर देती हैं. दो वैज्ञानिक और एक लड़की पर उन चींटियों से कैसे बचते हैं और उन्हें नष्ट करते हैं.” नीचे दिए गए तस्वीर में पोस्टरों पर हाथ और कलाकारों के नामों में समानता देखी जा सकती है.

दूसरी तस्वीर: क्रिस्टोफ़र मिलर ने जो पोस्टर शेयर किया था ये भी पहली तस्वीर की तरह 1966 में आई एक फ़िल्म ‘साइबॉर्ग 2087’ पर आधारित है.

कुल मिलाकर, कई सोशल मीडिया यूज़र्स ने इस ग़लत दावे के साथ फ़ोटोशॉप किया गया पोस्टर शेयर किया कि 1960 के दशक में आयी फ़िल्म ‘द ओमिक्रॉन वेरिएंट’ में SARS-CoV-2 के ओमिक्रॉन वेरिएंट की भविष्यवाणी की गयी थी.

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🙏 Blessed to have worked as a fact-checking journalist from November 2019 to February 2023.