एक पुलिसकर्मी को भीड़ द्वारा घेरने और धक्का-मुक्की करने का वीडियो सोशल मीडिया पर इस दावे के साथ काफ़ी शेयर किया जा रहा है कि ये क्लिप उत्तराखंड के हल्द्वानी का है और पुलिसकर्मी ‘SHO आनंद’ हैं.

ये वीडियो हलद्वानी के बनभूलपुरा में एक मस्जिद और मदरसे में तोड़फोड़ के बाद हाल ही में हुई हिंसा के संदर्भ में शेयर किया जा रहा है. इसमें 6 लोगों की जान चली गई और करीब 60 घायल हो गए. करीब 30 लोगों को गिरफ़्तार किया गया है.

हिंसा से संबंधित एक ट्वीट पर कमेंट करते हुए प्रीमियम सब्सक्राइब्ड ट्विटर यूज़र आलोक (@alokdubey1408) ने वायरल वीडियो को शेयर किया और लिखा, “SHO आनंद सिंह ठाकुर.. “मैं अकेला आया हूं.. मैं खड़ा हूं अकेला. मुझे हाथ लगाओ. #Haldwani.” इस ट्वीट को 78 हज़ार से ज़्यादा बार देखा गया और 200 से ज़्यादा बार रीट्वीट किया गया. (आर्काइव)

एक अन्य X यूज़र, आदित्य राज (@adityaraj3102) ने वायरल क्लिप से संबंधित दावे के साथ ये वीडियो शेयर किया. यूज़र ने कैप्शन में ये भी बताया कि मुस्लिम समुदाय के लोगों के खिलाफ़ ‘देखते ही गोली मारने’ के आदेश की घोषणा की गई थी. (आर्काइव)

फ़ैक्ट-चेक

हमने देखा कि वायरल क्लिप के शुरुआती फ्रेम में एक टेक्स्ट था जिसमें कहा गया था: “मुस्लिम भीड़ ने मध्य प्रदेश के दमोह में पुलिस स्टेशन को घेर लिया.”

इसे ध्यान में रखते हुए हमने की-वर्डस किया जिससे हमें 6 फ़रवरी को टाइम्स ऑफ़ इंडिया द्वारा पोस्ट किया गया एक यूट्यूब वीडियो मिला. वीडियो में वायरल क्लिप मौजूद था. टाइटल में कहा गया है: “मुस्लिम भीड़ से घिरा दमोह पुलिसकर्मी” वीडियो के डिस्क्रिप्शन में उस पुलिसकर्मी का नाम श्री आनंद सिंह ठाकुर बताया गया है, जैसा कि वायरल क्लिप में भी बताया गया है. क्लिप में आनंद सिंह ठाकुर और भीड़ में मौजूद एक व्यक्ति के बीच बाताबाती होती है जो पुलिस के हाथ काटने की धमकी देता है.

द प्रिंट की एक न्यूज़ रिपोर्ट के मुताबिक, कपड़े सिलने को लेकर एक दर्जी और एक समुदाय के लोगों के बीच हाथापाई हो गई थी, जिसकी वजह से दूसरे समुदाय के सदस्यों ने MP के दमोह शहर में एक पुलिस स्टेशन के सामने विरोध प्रदर्शन किया.

घटना से संबंधित अपनी रिपोर्ट में इंडियन एक्सप्रेस ने कोतवाली पुलिस स्टेशन प्रभारी आनंद सिंह के हवाले से कहा: “शनिवार को समय पर सिले हुए कपड़ों की डिलीवरी को लेकर लल्लू शर्मा और दर्जी अंसार खान के बीच एक छोटा सा विवाद हुआ था. जब हाफ़िज़ (एक मौलवी) ने बीच-बचाव किया तो लल्लू शर्मा और उसके साथियों ने उसके साथ दुर्व्यवहार किया. इसके बाद, बड़ी संख्या में लोग पुलिस स्टेशन पर जमा हो गए और दो घंटे के भीतर आरोपी (जिसने मौलवी के साथ दुर्व्यवहार किया) को गिरफ़्तार करने और उसके घर पर बुलडोजर चलाने की मांग की.

भीड़ में से जिस व्यक्ति ने 24 घंटे के भीतर कोई कार्रवाई नहीं होने पर पुलिस के खिलाफ हिंसा का आह्वान किया था, उसकी पहचान अकरम खान राईन के रूप में की गई. अकरम और दो अन्य को जल्द ही MP पुलिस ने हिरासत में ले लिया और SP सुनील तिवारी ने अकरम पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लागू करने की सिफारिश की. वायरल वीडियो सामने आने पर मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री ने 5 फ़रवरी को मामले की जांच के आदेश दिए.

हमें इस मामले पर SHO आनंद सिंह द्वारा दिया गया एक वीडियो बयान भी मिला.

कुल मिलाकर, ये साफ है कि वायरल वीडियो का हलद्वानी में हुई हिंसा से सबंधित नहीं है. ये क्लिप मध्य प्रदेश की है और फ़रवरी के पहले सप्ताह में हुई एक असंबंधित घटना की है.

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