पहाड़ी पर एक इमारत की एक तस्वीर सोशल मीडिया में कई लोगों ने इस दावे से प्रसारित की है कि यह तिरुमाला पहाड़ी — वही स्थान, जहां तिरुमाला वेंकटेश्वर मंदिर है — पर स्थित एक चर्च है। एक ट्विटर उपयोगकर्ता @krupashanker उन लोगों में एक थे, जिन्होंने यह तस्वीर साझा की थी। इस लेख के लिखे जाने तक इस ट्वीट को 1,200 से अधिक लाइक मिले हैं। @krupashanker को रेल मंत्री पीयूष गोयल के कार्यालय द्वारा फॉलो किया जाता है।
वास्तव में, गोयल के कार्यालय द्वारा फॉलो किए जाने वाले कई अन्य लोगों ने समान तस्वीर उपरोक्त दावे के साथ प्रसारित की है।
ऐसा लगता है कि, इस दावे को व्हाट्सएप और फेसबुक पर भी प्रसारित है।
@narendramodi church invasion into Tirumala? pic.twitter.com/5Ro1kXgAsy
— Narasimhan (@Narasim20561265) August 26, 2019
चर्च नहीं, सरकारी भवन
पहाड़ी के ऊपर बनी इमारत चर्च नहीं , बल्कि आंध्र प्रदेश सरकार के अधीन शेषचलम बायोस्फेयर रिज़र्व का कार्यालय है। इमारत के ऊपर जो क्रॉस दिखाई देता है, वह कोई क्रिश्चियन क्रॉस नहीं, बल्कि सीसीटीवी कैमरों वाला पोल है। तेलुगु मीडिया संगठन भारत टुडे की एक ग्राउंड रिपोर्ट सोशल मीडिया पर प्रसारित झूठे दावों को खारिज़ करती है।
भारत टुडे का पूरा प्रसारण यहाँ देखा जा सकता है।
भारत टुडे के प्रसारण में दिखलाई देती इमारत और वायरल तस्वीर के बीच समानता स्पष्ट रूप से दिखाई दे रही है।
आंध्र प्रदेश की तिरुमाला पहाड़ी पर वन विभाग की इमारत की तस्वीर को एक चर्च के रूप में साझा किया गया है। ऑल्ट न्यूज़ ने हाल ही में दक्षिणी राज्य को निशाना बनाने वाली गलत सूचना के एक और मामले की पड़ताल की थी, जब यूपी के एक मंदिर में हंगामे के एक वीडियो को, “तिरुमाला में हिंदू भक्तों से दुर्व्यवहार करते ईसाई भक्त” के रूप में साझा कर दिया गया था।
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