सोशल मीडिया पर कुछ तस्वीरें काफ़ी शेयर की जा रही हैं. इन तस्वीरों में पानी के नीचे हिन्दू देवी-देवताओं की मूर्तियां दिखती हैं. दावा किया जा रहा है कि इंडोनेशिया के बाली शहर में पानी के नीचे 5 हज़ार साल पुरानी हिन्दू देवी-देवताओं की मूर्तियां मिली हैं. फ़ेसबुक पेज ‘We Support Ram Temple’ ने ऐसे ही दावे के साथ ये तस्वीरें पोस्ट की. आर्टिकल लिखे जाने तक इस पोस्ट को 5,700 लाइक्स मिले हैं.
फ़ेसबुक पर ये तस्वीरें इसी दावे के साथ काफ़ी शेयर की गई हैं.
ट्विटर पर भी ये तस्वीरें पोस्ट की गई हैं.
5000yr old Shri Vishnuji found in Bali sea, Indonesia. Now Mahabratha as per @NileshOak ji is 5500BC approx. So which Rajya of Bharat was Indonesia & did it participate in Mahabharata ? 🤔 Sanatan was always present in South Asia till Akhand Bharat boundaries 🙏🏻 @SatyaSanatanInd pic.twitter.com/6eKnifPsId
— Simply Sanatan (@SimplySanatan) July 17, 2021
2016 में इसी दावे के साथ एक वीडियो शेयर किया गया था जिसमें पानी के नीचे ऐसी ही मूर्तियां दिखती हैं. यूट्यूब पर ये वीडियो काफ़ी शेयर किया गया.
फ़ैक्ट-चेक
पहली तस्वीर
रिवर्स इमेज सर्च करने पर हमें ये तस्वीर मीडिया वेबसाइट मीडियम पर अपलोड की हुई मिली. रिपोर्ट के मुताबिक, बाली के पूर्वी तट पर आये एक आयरलैंड नूसा पेनिडा में एक टेंपल गार्डन है. इसकी खासियत ये हैं कि ये समुद्र के अंदर है. आर्टिकल के मुताबिक, इस टेंपल गार्डन में कई बुद्ध की मूर्तियां और स्तूप हैं. ये प्रवासियों में काफ़ी आकर्षण का केंद्र है.
दूसरी और तीसरी तस्वीर
आसान से रिवर्स इमेज सर्च से हमें ये तस्वीरें इंडिया टाइम्स के 28 अप्रैल 2016 के आर्टिकल में मिलीं. ये आर्टिकल बाली के अन्डरवॉटर टेंपल की हैं.
‘Bali Bersejarah’ के 2018 के यूट्यूब वीडियो में भी इस अन्डरवॉटर टेंपल गार्डन की तस्वीरें दिखती हैं जिसमें वायरल तस्वीरें भी शामिल हैं.
क्या ये मूर्तियां 5 हज़ार साल पुरानी हैं?
की-वर्ड्स सर्च करने पर हमें 24 मार्च 2012 का यूट्यूब वीडियो मिला. ये वीडियो पेमुतेरन के एक ‘टेंपल गार्डन’ का ही है. वीडियो के साथ दिए गए डिस्क्रिप्शन के मुताबिक, इसे साल 2005 में एक सामाजिक/पर्यावरण प्रोजेक्ट ‘रीफ़ गार्डनर’ के तहत बनाया गया था. कैप्शन में साफ़-साफ़ बताया गया है कि ये मंदिर असली नहीं है. ये वीडियो पॉल टर्ली ने अपलोड किया था. पॉल, बाली की एक टुरिस्ट कंपनी के मालिक है.
पॉल के यूट्यूब चैनल पर ऐसे और भी वीडियो मौजूद हैं.
रीफ़ गार्डनर की वेबसाइट पर बताया गया है कि बाली के 9 देवताओं से प्रेरित होकर ये मूर्तियां बनाई गई थीं. इसमें शिव की मूर्ति भी शामिल है. शिव की प्रतिमा बीच में लगाई गई हैं जिसके आस-पास बाकी 8 मूर्तियां रखी गई हैं. वेबसाइट में लिखा है कि इनका निर्माण 23 से 27 मई, 2014 के बीच में किया गया था. वेबसाइट पर ऐसी ही एक मूर्ति को पानी में स्थापित करने का वीडियो भी है.
आगे, वायरल दावे की असलियत जानने के लिए ऑल्ट न्यूज ने पॉल टर्ली से संपर्क किया. उन्होंने हमें बताया कि वायरल तस्वीरों में से पहली तस्वीर पेमुतेरन के खुद के टेम्पल गार्डन की है. ये बुद्धा पॉइंट बाली के पूर्वी तट पर है. जबकि बाकी की 2 तस्वीरों में दिख रही मूर्तियां पेमुतेरन में रीफ़ परियोजना का हिस्सा है. उन्होंने ये भी कहा कि ये मूर्तियां 5 हज़ार साल पुरानी बिल्कुल नहीं है. उन्होंने साल 2010 में तस्वीर के साथ वायरल हुए दावे का खंडन भी किया था. उस वक़्त ये तस्वीरें बाली में पुरातत्व खोज के दौरान ये मूर्तियां मिलने के दावे से शेयर की जा रही थी.
इसके अलावा, इंडोनेशिया के बाली में ज़्यादातर लोग हिन्दू धर्म का पालन करते हैं. 2010 की जनगणना के हिसाब से बाली में 83.46% लोग हिन्दू थे.
कुल मिलाकर, बाली के एक तट पर पानी के नीचे बनाए गए ‘टेंपल गार्डन’ में कई हिन्दू देवी-देवताओं की मूर्तियां रखी गई हैं. इसकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर पिछले कई सालों से इस झूठे दावे के साथ शेयर की गई कि बाली में 5 हज़ार साल पुरानी हिन्दू देवी-देवताओं की मूर्तियां मिली हैं.
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