सोशल मीडिया में मृत शरीर को जलाने की कुछ तस्वीरें काफ़ी शेयर हो रही हैं. दावा है कि इस मृत व्यक्ति को मामूली सा सर्दी, खांसी, बुखार था लेकिन उसे ज़बरदस्ती कोरोना पॉज़िटिव बताकर भर्ती कर लिया गया. इसके कुछ वक़्त बाद इस व्यक्ति की मौत हो गई. जब परिवारवालों ने मृत व्यक्ति की बॉडी देखी तो मालूम हुआ कि उस व्यक्ति के शरीर के कई अंग गायब थे.
ट्विटर पर 21 जुलाई को ‘@MuftiWahidSdy’ ने ये तस्वीरें ट्वीट करते हुए लिखा, “महारष्ट्र: एक व्यक्ति को हल्की सी सर्दी बुखार खांसी हुई तो चेक करवाने गया तो उसे पाॅजिटिव बता कर जबरदस्ती भर्ती कर दिए, फिर अचानक उसकी मुत्यु हो जाती है और पूरी बाॅडी पैक करके जलाने की तैयारी की जाती है फिर परिवार के जिद्द पर जब बाॅडी खोला जाता है तो शरीर के सारे अंग गायब..!👇🏻” आर्टिकल लिखे जाने तक इस ट्वीट को 3,500 बार लाइक और 2 हज़ार के करीब रीट्वीट किया गया है.
हमने पाया कि इस ट्वीट से एक दिन पहले यानि 20 जुलाई को ‘ibn24x7news’ ने दो तस्वीरें शेयर करते हुए भायंदर, महाराष्ट्र के गोराई गांव में अंग तस्करी किये जाने का दावा किया है. चैनल ने लिखा है कि गोराई में ज़बरदस्ती लोगों को कोरोना पॉज़िटिव बताकर भर्ती कर लिया जाता है और बाद में उनके अंगों की तस्करी की जाती है.
इसी दावे से ये तस्वीरें फ़ेसबुक और ट्विटर पर काफ़ी शेयर हो रही हैं. मानवअंगों की तस्करी वाले दावे से ये तस्वीरें ‘सोनीपत न्यूज़ लाइव’ ने भी अपने फ़ेसबुक पेज पर पोस्ट की हैं. ये खबर भी 20 जुलाई की है.
कोरोना मरीज़ के शरीर के अंगों को निकालने के दावे से कुछ वीडियोज़ महाराष्ट्र के मनोरी का बताकर सोशल मीडिया पर शेयर हो रहे हैं.
Video from Manori village people protest against corona false cases.
Corona ki dead body jab gaon wale zabardasti lekar…Posted by Kiran Achrekar on Monday, 13 July 2020
फ़ैक्ट-चेक
कोरोना मरीज़ के अंगों की तस्करी करने के दावे के साथ तस्वीरें और वीडियोज़, दोनों सोशल मीडिया में शेयर हो रहे हैं. तस्वीरों को भायंदर के गोराई की बताया जा रहा है जबकी वीडियोज़ को मनोरी गांव का बताया जा रहा है, जो कि मुंबई, महाराष्ट्र के ही धारावी के पास का इलाका है. इस आर्टिकल में हम तस्वीरों और वीडियोज़ दोनों की सच्चाई आपके सामने रखेंगे.
तो पहले बात करते है तस्वीरों की
24 जुलाई के ‘आजतक’ के आर्टिकल में इन तस्वीरों की सच्चाई बताई गयी है. इस आर्टिकल के ज़रिये हमें फ़ेसबुक यूज़र वर्षा वर्मा की पोस्ट मिली. पोस्ट में तस्वीरों को शेयर करते हुए बताया गया है कि उन्होंने 18 जुलाई 2020 के दिन एक 43 वर्षीय अज्ञात महिला का अंतिम संस्कार किया. पोस्ट के मुताबिक, इस महिला को लावारिस अवस्था में अस्पताल में लाया गया था. इस महिला की मृत्यु होने के बाद उसका अंतिम संस्कार करने के लिए कोई नहीं था. इसलिए लाश के पोस्टमॉर्टम के बाद हमने इन महिला का अंतिम संस्कार किया.
#लावारिस महिला के शव के दाह संस्कार की सेवा#
#दूसरी इलेक्ट्रिक क्रीमेशन मशीन है खराब#
#कोविड-19 से हुई death की डेड बॉडी…Posted by Versha Verma on Saturday, 18 July 2020
आगे वर्षा से बात करने पर उन्होंने बताया कि तस्वीरों के साथ किये जा रहे सभी दावे ग़लत हैं. उन्होंने बताया कि वो लखनऊ में ‘एक दिव्य कोशिश’ नाम के NGO से जुड़ी हुई हैं. वो लावारिस लाशों का अंतिम संस्कार करवाती हैं. वायरल तस्वीरों में दिखने वाली लाश, जो कि एक 43 वर्षीय महिला की है, का अंतिम संस्कार वर्षा ने 18 जुलाई को करवाया था. वो ये भी बता रही थीं कि वायरल तस्वीरों को किसी ने झूठी कहानी के साथ शेयर किया है. वर्षा ने इसके खिलाफ़ पुलिस स्टेशन और साइबर सेल में शिकायत भी दर्ज करवाई है. उन्होंने बताया कि उनकी तस्वीरें अंग तस्करी की अफ़वाह के साथ वायरल होने लगी थीं जिसकी जानकारी मिलने के बाद उन्होंने पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई. वर्षा ने 22 जुलाई को शिकायत दर्ज करवाने की कुछ तस्वीरें फ़ेसबुक पर शेयर की है.
मानसिक प्रताड़ना के बाद…
#हुई सच्चाई की जीत#
#दिल्ली क्राइम प्रेस ने मानी गलती#
#लावारिस दाह संस्कार की फोटो का गलत…Posted by Versha Verma on Wednesday, 22 July 2020
अब इससे एक बात तो साफ़ हो जाती है कि भायंदर-गोराई की बताकर शेयर हो रही ये तस्वीरें असल में लखनऊ की हैं. इन तस्वीरों का अंग-तस्करी के दावे के साथ कोई लेना-देना नहीं है.
वीडियोज़ की सच्चाई
फ़ेसबुक पर की-वर्ड्स सर्च से 15 जुलाई का एक वीडियो मिला. ये वीडियो यूट्यूब चैनल ‘On Record Mira Bhayandar’ का है जिसमें ऐंकर बताता है कि सोशल मीडिया में मानव अंग तस्करी के दावे से शेयर हो रहे वीडियोज़ गोराई पुलिस स्टेशन के अंतर्गत आने वाले मनोरी गांव के हैं. दरअसल, गांव में एक व्यक्ति के कोरोना पॉज़िटिव पाए जाने के बाद मुंबई नगर पालिका से कुछ लोग उस व्यक्ति के परिवारवालों को क्वारंटीन करवाने के लिए पहुंचे थे. इस बात का विरोध करने के लिए वहां के स्थानीय लोग इकट्ठा हो गए थे. वीडियो में मनोरी के स्थानीय निवासी अरविंद शेट्टी बताते है कि अभी तक इलाके में किसी भी व्यक्ति की कोरोना से मौत नहीं हुई है लेकिन कुछ कोरोना पॉज़िटिव मरीज़ ज़रूर मिले हैं. महानगर पालिका ने जो Covid-19 सेंटर बनाया है वहां पर टाइम पर क्लीनिंग नहीं होती है. सेंटर में 3-3 दिन तक कचरा पड़ा रहता है. खाना भी ठीक से मरीज़ों को पहुंचाया नहीं जाता है. इन वजहों से परिवारवालों को कोरोना सेंटर ले जाने का विरोध किया गया था. इसके अलावा, बॉडी पार्ट्स गायब होने की बात को शेट्टी ने नकार दिया.
इस मामले की हकीकत जानने के लिए हमने गोराई पुलिस स्टेशन के सीनियर पुलिस इन्स्पेक्टर संजीव नारकर से बात की. उन्होंने हमें एक लिखित बयान भेजा जो बताता है कि मनोरी में अब तक किसी की भी कोरोना से मृत्यु नहीं हुई है. मुम्बई से सटे मनोरी गांव में एक व्यक्ति कोरोना पॉज़िटिव पाया गया था जिसके बाद उसके संपर्क में आये लोगों को क्वारंटीन करने गयी टीम को देखते ही गांव वालों ने हंगामा करना शुरू कर दिया. गांव वालों का कहना था कि वो इसी गांव में पैदा हुए हैं और इसी गांव में मरेंगे, कहीं नहीं जाएंगे. इसके बाद घटनास्थल पर पहुंची गोराई पुलिस की टीम ने लोगों को समझा-बुझाकर शांत कराया.
इसके साथ संजीव नारकर ने ‘सामना’ न्यूज़पेपर की 20 जुलाई की एक क्लिप भी शेयर की. ‘सामना’ ने सोशल मीडिया में शेयर हो रहे दावे को अपनी रिपोर्ट में ग़लत बताया है. रिपोर्ट में नारकर के हवाले से बताया गया है कि गोराई-मनोरी में अभी तक किसी भी व्यक्ति की कोरोना के कारण मौत नहीं हुई है.
इस तरह हमने देखा कि सोशल मीडिया में मुंबई से सटे गोराई में कोरोना पॉज़िटिव बताकर व्यक्ति के अंगो की तस्करी करने की झूठी अफ़वाह सोशल मीडिया में धड़ल्ले से फैल रही है. साथ ही इस अफ़वाह को सहारा देने के लिए NGO द्वारा लखनऊ में एक लावारिस लाश का अंतिम संस्कार करने की तस्वीरों को शामिल किया गया. जांच में हमने पाया कि इन दावों में रत्ती भर भी सच्चाई नहीं है. इसके अलावा, मनोरी गांव के जिन वीडियोज़ के दम पर अंग तस्करी की ये कहानी शेयर की गई है, वो वीडियोज़ मनोरी गांव के लोगों का हेल्थ वर्कर्स के खिलाफ़ विरोध दिखाते हैं.
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