जैसे ही ये ख़बर आई है कि पाकिस्तान को भारत में निर्मित कोविड-19 वैक्सीन मुहैया करायी जा रही है, सोशल मीडिया पर इससे जुड़े कई दावे किये गए. भाजपा सदस्य सुरेन्द्र पूनिया ने ट्वीट करते हुए कहा कि पाकिस्तान ने ग्लोबल अलायन्स फ़ॉर वैक्सीन ऐंड इम्यूनाइज़ेशन (GAVI) के तहत भारत में निर्मित कोविड-19 वैक्सीन मुहैया करवाने का ‘अनुरोध’ किया है.

टाइम्स नाउ ने अपना ट्वीट हटा लिया जिसमें कहा गया था कि भारत पाकिस्तान को वैक्सीन के 4.5 करोड़ डोज़ सप्लाई करने जा रहा है. इसके बाद एक अन्य ट्वीट में आउटलेट ने गावी (GAVI) के बारे में बताते हुए अन्य जानकारी दी.

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पंजाब केसरी ने दो कदम आगे बढ़ते हुए कहा कि ‘पाकिस्तान को मुफ़्त कोरोना वैक्सीन दी, भारत सरकार की सराहनीय पहल’. इस ट्वीट के साथ दिया गया आर्टिकल अब हटा लिया गया है.

नवभारत टाइम्स ने भी ऐसा ही दावा करते हुए लिखा, “मेड इन इंडिया’ वैक्सीन के सहारे कोरोना को हराएगा पाकिस्तान, मुफ्त में मिलेंगे 1.6 करोड़ डोज.” दैनिक भास्कर और वन इंडिया ने भी इससे मिलते जुलते दावे किए.

फ़ैक्ट-चेक

भारत कोविड-19 वैक्सीन उत्पादन का महत्वपूर्ण केंद्र बना हुआ है और ये खुद के इस्तेमाल के साथ-साथ विश्व के अन्य विकासशील देशों में भी वैक्सीन मुहैया करवा रहा है. CNBC के मुताबिक डेटा का विश्लेषण करने वाली कंपनी JPMorgan के विश्लेषकों ने जनवरी 2021 की एक रिपोर्ट में लिखा था, “भारत कोविड-19 वैक्सीन बनाने का केंद्र बना हुआ है… वो भी महामारी के पहले से ही. और इसलिए उसे कोविड-19 के वैश्विक टीकाकरण प्रोग्राम में रणनीतिक पार्टनर होना चाहिए.”

पाकिस्तानी आउटलेट द नेशन के मुताबिक, अंतर्राष्ट्रीय वैक्सीन गठबंधन, कोवैक्स (COVAX) पाकिस्तान को भारत निर्मित ऑक्सफ़ोर्ड-एस्ट्राज़ेनेका कोरोना वायरस वैक्सीन के 4.5 करोड़ डोज़ मुहैया कराएगा. न ही भारत प्रत्यक्ष तौर पर पाकिस्तान को वैक्सीन दे रहा है और न ही पाकिस्तान ने कोविशील्ड के लिए ऐसा कोई अनुरोध किया था. ऑक्सफ़ोर्ड-एस्ट्राज़ेनेका को ही भारत में कोविशील्ड कहा जाता है. सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ़ इंडिया (SII) से इसे लाइसेंस मिला हुआ है और SII ही इसका उत्पादन भी कर रहा है.

वैक्सीन की उपलब्धता और उसका खर्च कोवैक्स देख रहा है जिसका नेतृत्व कोलिशन फ़ॉर एपिडेमिक प्रिपेयर्डनेस इनोवेशंस (CEPI), गावी और विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और यूनिसेफ़ मिलकर कर रहे हैं. कोवैक्स के तहत 190 देशों को वैक्सीन मुहैया कराने का लक्ष्य है. इसमें कई देश ऐसे हैं जो वैक्सीन का खर्च उठा रहे हैं, बाकियों को प्रोग्राम के तहत फ़ंड किया जा रहा है. इस वैक्सीन प्रोग्राम में भाग ले रहे देशों को कोविड-19 वैक्सीन की 2 अरब डोज़ मुहैया करवाने का इंतज़ाम किया गया है. इसके तहत कोवैक्स ने सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ़ इंडिया के साथ 20 करोड़ वैक्सीन की डोज़ का समझौता किया है (जिसमें आगे 90 करोड़ और उपलब्ध करवाने का भी विकल्प है).

इस अभियान के तहत 92 देशों की पहचान मध्यम आय और निम्न आय वाले देशों के तौर पर की गयी है जो कोविड-19 का पूरा खर्च नहीं उठा सकते. भारत और पाकिस्तान दोनों देश फ़ंड मिलने वाले देश में शामिल हैं. जैसे ही वैक्सीन को लाइसेंस मिलता है और WHO उसे योग्य घोषित करता है, कोवैक्स AMC (ऐडवांस मार्केट कमिटमेंट) सभी 92 ODA योग्य देशों (ऑफ़िशियल डेवलपमेंट असिस्टेंस) के लिए फ़ंड जारी करेगा. इस प्रोग्राम के तहत भाग ले रहे 190 देशों की 20% आबादी को टीका लगवाने का लक्ष्य है.

अभी तक कोवैक्स ने वैक्सीनेशन की सिर्फ़ पहली खेप जारी किये जाने के बारे में जानकारी दी है. वेबसाइट पर बताया गया है, “वैक्सीन मुहैया करवाने के पहले राउंड में 142 प्रतिभागियों को ऑक्सफ़ोर्ड-एस्ट्राज़ेनेका और कोविशील्ड द्वारा निर्मित AZ/ऑक्सफ़ोर्ड वैक्सीन डिलीवर की जा रही है जिसे सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ़ इंडिया (SII/AZ) ने बनाया है.”

पाकिस्तान को मई 2021 तक SII/AZ वैक्सीन की 1 करोड़ 46 लाख 40 हज़ार डोज़ पहुंचाए जायेंगे.

कोवैक्स प्रतिभागी देशों को कुछ पैमानों के मद्देनज़र वैक्सीन मुहैया करवा रहा है. जैसे- खतरे का स्तर, मृत्यु दर, बीमार स्वास्थ्यकर्मियों की संख्या, ट्रांसपोर्ट की सुविधा वगैरह. इसके बारे में आप यहां विस्तार से पढ़ सकते हैं.

भारत वैक्सीन किस तरह सप्लाई कर रहा है?

भारत सरकार अन्य देशों को जाने वाली वैक्सीन्स का रिकॉर्ड रख रही है और इसे वैक्सीन मैत्री नाम दिया है. इसके बारे में पूरी जानकारी विदेश मंत्रालय विभाग की वेबसाइट पर पढ़ी जा सकती है. पाकिस्तान को अभी डिलीवरी नहीं पहुंची है इसलिए फ़िलहाल वो मंत्रालय की वेबसाइट पर सूचित नहीं है.

भारत ने 20 जनवरी, 2021 को देश में बनी वैक्सीन अन्य देशों में भेजनी शुरू की थी. ये सप्लाई तीन तरह से की जा रही है:

1. अनुदान (Grant)
2. कमर्शियल बिक्री
3. कोवैक्स पहल

ग्रांट्स के तहत भेजी जा रही वैक्सीन मुफ़्त में मुहैया करवाई जा रही हैं. उदहारण के लिए, म्यांमार, नेपाल, बांग्लादेश, भूटान और श्रीलंका उन देशों में शामिल हैं जिन्हें भारत ने मुफ़्त में वैक्सीन भेजी है.

विदेश मंत्रालय द्वारा दी गयी अभी तक की जानकारी के मुताबिक 71 देशों को वैक्सीन भेजी जा चुकी है. इनमें से 26 देश वैक्सीन उत्पादकों और कोवैक्स के साथ औद्योगिक समझौते के तहत वैक्सीन खरीदेंगे. बाकी 55 देशों को भारत ने मुफ़्त में वैक्सीन मुहैया करवायी है. इनमें से कई देशों ने कमर्शियल सेल्स के तहत भी वैक्सीन प्राप्त की है और कोवैक्स के तहत भी.

भारत में बनी वैक्सीन का बड़ा हिस्सा कमर्शियल सेल्स के तहत मुहैया कराया गया है. कुल 5 करोड़ 84 लाख 60 हज़ार डोज़ में, 57.92% कमर्शियल सेल्स के तहत, 28.21% कोवैक्स और 13.85% डोज़ ग्रांट्स के तहत भेजी गयी हैं.

मीडिया ने वैक्सीन की डिलीवरी पर रिपोर्ट करते हुए सप्लाई के तरीके और गावी की भागीदारी पर विस्तार से नहीं बताया है. इसके अलावा, सोशल मीडिया पर दावा किया गया कि पाकिस्तान ने भारतीय वैक्सीन की मांग की है. ये दावा भी ग़लत है क्योंकि पाकिस्तान कोवैक्स पहल के ज़रिये वैक्सीन प्राप्त कर रहा है.


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Pooja Chaudhuri is a senior editor at Alt News.