15 दिसंबर 2019 को जामिया मिलिया यूनिवर्सिटी में पुलिस की कार्रवाई के दौरान कई स्टूडेंट्स को चोटें आईं थीं और यूनिवर्सिटी की संपत्ति को नुकसान पहुंचा था. 15 फ़रवरी की रात को 2 महीने पुरानी इस घटना की सीसीटीवी फ़ुटेज सोशल मीडिया पर शेयर होने लगी. जामिया के स्टूडेंट्स को निशाना बना कर जो वीडियो ख़ूब शेयर हो रहा है वो एमफ़िल लाइब्रेरी का वीडियो है. इसमें स्टूडेंट्स को मेज और कुर्सी से दरवाज़े को ब्लॉक करते हुए देखा जा सकता है. इस फ़ुटेज को कई मुख्यधारा के मीडिया संगठन प्रसारित कर रहे थे. इंडिया टुडे के संवाददाता अरविन्द ओझा ये दावा करते हैं कि एक छात्र (जिसके बाल लंबे है) ने अपने हाथ में पत्थर पकड़ा हुआ है. शो के दौरान चैनल ने कई बार ये दोहराया कि रूम में घुसने वाले कई छात्रों के हाथ में पत्थर थे.
What happened in #Jamia on December 15? India Today accesses the #exclusive video. @arvindojha’s report.
LIVE https://t.co/4fqxBVUizL pic.twitter.com/qrsTsFuDw3— India Today (@IndiaToday) February 16, 2020
ऑनलाइन न्यूज़ पोर्टल ‘लोपक’ के संस्थापक, विक्रांत कुमार ने ट्वीट करते हुए दावा किया कि शेयर की गई दोनों तस्वीरों में दिख रहे व्यक्ति शादाब फ़ारूक हैं. फ़ारूक़ जामिया के छात्र हैं, जिन्हें 30 जनवरी को जामिया मिलिया के सामने गोली लगी थी. ये गोली राजघाट की ओर बढ़ रहे स्टूडेंट्स के शांति मार्च पर चली थी. इस ट्वीट को आर्टिकल के लिखे जाने तक करीब 6,300 से ज़्यादा बार रिट्वीट किया जा चुका है. (आर्काइव किया हुआ ट्वीट)
‘फ़ैक्ट हंट’ के को-फाउंडर ‘@pokershash’ ने भी यही दावा किया है.
Left- The Jamia student caught with stone in CCTV footage
Right- The jamia student shot with air gun near Jamia.
Same guy?
H/T @AKhatri25 pic.twitter.com/ERplHhuso3
— Shash (@pokershash) February 16, 2020
इसी तरह से कई फेसबुक और ट्विटर यूज़र्स ये यही बातें दोहरा रहे हैं.
फैक्ट-चेक
कनक न्यूज़ द्वारा अपलोड किये गए CCTV फ़ुटेज में मौजूद टाइम स्टैम्प की मदद से लम्बे बाल वाला लड़का रीडिंग रूम के कॉरिडोर में 18:05:30 पर दिखाई देता है.
हमने फ़ारुक़ से बात की और उनसे 15 दिसंबर 2019 की शाम 6 बजकर 5 मिनट पर उनकी लोकेशन पूछी. फ़ारुक़ ने बताया कि CCTV फ़ुटेज में दिख रहा छात्र वो नहीं है. असल में उस शाम वो उर्दू साहित्यिक कार्यक्रम, जश्न-ए-रेख़्ता में मौजूद थे.
फ़ारुक़ के स्थान की पुष्टि
जश्न-ए-रेख़्ता वेबसाइट के अनुसार, ये कार्यक्रम इंडिया गेट के पास मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम में हुआ था.
ऑल्ट न्यूज़ से बात करते हुए जामिया की छात्र नवा फ़ातिमा ने बताया कि 15 दिसंबर को फ़ारुक़ जश्न-ए-रेख़्ता में ही था. उन्होंने कहा, “हम में से करीबन 10 लोग कार्यक्रम में गए थे. हमने स्टेडियम से शाम करीब 6.30 बजे निकलना शुरू किया था. उस वक़्त हमें हिंसा की वजह से कॉलेज न जाने को कहा गया. हम सब प्रगति मैदान मेट्रो स्टेशन पर शाम 7.30 बजे तक साथ थे और उसके बाद हम अलग हो गए.”
ई-मेल के ज़रिये फ़ातिमा ने अपने ग्रुप की एक तस्वीर भी भेजी. नीचे की तस्वीर में फ़ारुक़ को लाल रंग के घेरे में दिखाया गया है.
ऑल्ट न्यूज़ ने उपरोक्त तस्वीर के EXIF डाटा की जांच की. इससे मालूम हुआ कि इसे 15 दिसंबर, 2019 को 4:42:15 PM बजे खींचा गया था.
एक अन्य जामिया छात्र (नाम ज़ाहिर न करने की शर्त पर) ने अपने फ़ोन के फ़ोटो गैलरी का स्क्रीनशॉट हमें भेजा, जिसमें कार्यक्रम के दौरान ली गई तस्वीरें दिखाई देती है. फ़ातिमा ने जो तस्वीर शेयर की थी, उसे खींचने वाले व्यक्ति भी ये ही है. तस्वीर में दिख रहे टाइम स्टैम्प में भी 15 दिसंबर, 2019 को 4:42:15 PM का टाइम दिया गया है. निज़ी जानकारी के कारण ऑल्ट न्यूज़ इस तस्वीर को अपने आर्टिकल में प्रकाशित नहीं कर रहा है.
CCTV फ़ुटेज में दिख रहा छात्र कौन है?
जामिया के कई छात्रों ने ऑल्ट न्यूज़ से इस बात की पुष्टि की है कि CCTV फ़ुटेज में दिख रहा छात्र यूनिवर्सिटी का पीएचडी छात्र मोहम्मद अशरफ़ भट है.
CCTV फ़ुटेज में दिख रहे टाइम स्टैम्प से पता चलता है कि पुलिस लाठीचार्ज की घटना शाम 6 बजे हुई थी. फ़ातिमा से प्राप्त जानकारी के मुताबिक, फ़ारुक़ शाम 7 बजे तक उनके साथ ही थे.
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