अमेरिका स्थित इन्वेस्टर-रिसर्च फ़र्म हिंडनबर्ग रिसर्च ने 24 जनवरी को अडानी ग्रुप पर 32 हज़ार शब्दों की एक रिपोर्ट पब्लिश की जिसका टाइटल था ‘अडानी ग्रुप: हाउ द वर्ल्डस थर्ड रिचेस्ट मैन इज पुलिंग द लार्जेस्ट कॉन इन कॉरपोरेट हिस्ट्री’. इसका मतलब है कि दुनिया का तीसरा सबसे अमीर आदमी कैसे कॉर्पोरेट इतिहास में सबसे बड़ा घोटाला कर रहा है. रिपोर्ट में अडानी ग्रुप पर ‘स्टॉक हेरफेर और एकाउंटिंग फ्रॉड स्कीम’ में दशकों से शामिल होने का आरोप लगाया गया. CNBC ने लिखा कि इस रिपोर्ट के पब्लिश होने के बाद से लगभग एक हफ़्ते में कंपनी को $100 बिलियन से ज़्यादा का नुकसान हुआ है.

हिंडनबर्ग ने 25 जनवरी को ट्विटर पर सुबह 8 बजकर 15 मिनट पर ये रिपोर्ट ट्वीट की. अडानी ग्रुप ने उसी दिन दोपहर 2 बजकर 21 मिनट पर एक मीडिया बयान जारी किया. फिर 29 जनवरी को अडानी ग्रुप, डिटेल रिस्पोंस के साथ सामने आया जिसमें रिपोर्ट को ‘झूठ’ और ग़लत मंशा के लिए निराधार और बदनाम करने वालों आरोपों से सबंधित कुछ ग़लत सूचनाओं और छिपे हुए फ़ैक्ट्स का एक दुर्भावनापूर्ण संयोजन बताया. 2 फ़रवरी को कंपनी के शेयर की कीमत 28% गिरने के बाद, अडानी एंटरप्राइजेज़ ने अपने 20 हज़ार करोड़ रुपये के फॉलो-ऑन पब्लिक ऑफ़र (FPO) को बंद कर दिया और कहा कि पैसा निवेशकों को वापस कर दिया जाएगा.

इस रिपोर्ट में विश्लेषण किया गया है कि कैसे भारतीय मीडिया ने रिपोर्ट के बाद पहले कुछ घंटों में हिंडनबर्ग-अडानी स्टोरी को कवर किया और अडानी की पहली प्रतिक्रिया 25 जनवरी को क्रमशः 8 बजकर 15 मिनट और 2 बजकर 21 मिनट IST पर आई. रिडर्स ध्यान दें कि क्रिस थॉमस और आदित्य कालरा द्वारा सुबह 9 बजकर 22 मिनट पर ट्विटर पर शेयर की गई रॉयटर्स की स्टोरी शायद इस पूरी घटना पर पहली न्यूज़ रिपोर्ट थी.

हमारी ये रिपोर्ट पढ़ने से पहले रिडर्स हमारी रिसर्च मेथड पर ध्यान दें –

  1. TV न्यूज़: हमने चेक किया कि 25 और 26 जनवरी को इस विषय पर कितने प्राइमटाइम डिबेट हुए.
  2. प्रिंट न्यूज: हमने 26 जनवरी को प्रमुख प्रिंट मीडिया आउटलेट्स के फ्रंट पेज कवरेज की जांच की.
  3. ऑनलाइन न्यूज़: हमने मेनस्ट्रीम न्यूज़ आउटलेट्स की सुबह 8 बजकर15 मिनट (जब हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट ट्विटर पर पब्लिश हुई थी) से रात 8 बजकर 30 मिनट (ट्विटर पर अडानी ग्रुप की पहली प्रतिक्रिया के छह घंटे बाद) के बीच पोस्ट की गई ऑनलाइन रिपोर्ट्स का विश्लेषण किया. हमने इस डेटा को सोर्स करने के लिए मेटा के क्राउडटैंगल का इस्तेमाल किया. (रिडर्स यहां टीवी और ऑनलाइन रिपोर्ट के लिए हमारा डेटाबेस देख सकते हैं.)

प्राइमटाइम टीवी न्यूज़ पर एक भी चर्चा नहीं

सभी प्रमुख टीवी चैनलों ने हमेशा की तरह 25 और 26 जनवरी को हिंडनबर्ग रिपोर्ट या अडानी की शुरूआती प्रतिक्रिया पर चर्चा न करने का फैसला किया. इनमें से किसी भी चैनल ने 25 और 26 जनवरी को उनके प्राइमटाइम शो पर इस मुद्दे पर कोई चर्चा नहीं की – न्यूज़ 18, इंडिया टुडे, रिपब्लिक, टाइम्स नाउ, NDTV, WION, (इंग्लिश न्यूज़) ज़ी न्यूज़, न्यूज़ 18 हिंदी, NDTV इंडिया, इंडिया टीवी, आजतक और रिपब्लिक भारत.

25 जनवरी को सबसे चर्चित विषयों में से एक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और 2002 के गुजरात दंगों पर बीबीसी डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग को लेकर अलग-अलग शैक्षणिक संस्थानों में तनाव था. अगले दिन, ज़्यादातर प्राइमटाइम शो भारत के 74वें गणतंत्र दिवस से संबंधित थे. नीचे दिए गए स्लाइड शो में ऊपर बताए गए सभी चैनलों के ब्रॉडकास्ट की तस्वीरें हैं.

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प्रिंट मीडिया

26 जनवरी को अंग्रेजी भाषा के इन अखबारों ने पहले पन्ने पर एक रिपोर्ट छापी – लाइवमिंट, द टाइम्स ऑफ़ इंडिया, द इकोनॉमिक टाइम्स, बिजनेस स्टैंडर्ड, फ़ाइनेंशियल टाइम्स, द हिंदू, हिंदुस्तान टाइम्स और द टेलीग्राफ़. इनमें लाइवमिंट, बिजनेस स्टैंडर्ड, द टेलीग्राफ़, द हिंदू और हिंदुस्तान टाइम्स ने हिंडनबर्ग के आरोपों पर अपनी स्टोरीज पेश कीं जबकि फ़ाइनेंशियल टाइम्स, द टाइम्स ऑफ़ इंडिया और इकनोमिक टाइम्स ने फ्रंट पेज की स्टोरीज़ में अडानी की प्रतिक्रिया पर ध्यान केंद्रित किया.

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हालांकि, दैनिक भास्कर (हिंदी), दैनिक जागरण (हिंदी), प्रभात केसरी (हिंदी), नवभारत (हिंदी) और लोकमत (मराठी) जैसे अन्य भाषा के दैनिकों में कुछ और ही देखा गया. उन्होंने अपने पहले पन्ने पर इस मुद्दे पर कोई रिपोर्ट पब्लिश नहीं की.

दिलचस्प बात ये है कि 28 जनवरी को द इंडियन एक्सप्रेस, द हिंदू और द टाइम्स ऑफ़ इंडिया के नई दिल्ली संस्करण में अंग्रेज़ी में अडानी ग्रुप का एक पूरे पहले पन्ने का विज्ञापन छपा और महाराष्ट्र टाइम्स ने इसे मराठी में छापा. इसने अडानी ग्रुप के अलग-अलग बिज़नेस वेंचर्स का जनरल ओवरव्यू दिया.

सोशल मीडिया कवरेज

हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट के बाद फ़ेसबुक पर मीडिया संगठनों की पोस्ट

हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट पब्लिश होने के बाद, अडानी ग्रुप से संबंधित 37 पोस्ट उपरोक्त समय सीमा के भीतर मेनस्ट्रीम मीडिया आउटलेट्स द्वारा फ़ेसबुक पर शेयर किए गए थे. ऑल्ट न्यूज़ ने देखा कि उनमें से लगभग 30% (37 में से 11) ने हिंडनबर्ग रिसर्च के आरोपों का ज़िक्र नहीं किया.

क्या कहती हैं ये 11 रिपोर्ट्स?

मिरर नाउ और दैनिक जागरण ने रिपोर्ट किया कि अडानी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी, ब्लूमबर्ग बिलियनेयर्स इंडेक्स में चौथे स्थान पर खिसक गए हैं. हालांकि, उन्होंने ये नहीं बताया कि इसकी वजह क्या है.

इसी तरह, न्यूज़ 18 ने इन टाइटल से एक रिपोर्ट पब्लिश की, ‘सेंसेक्स 850 अंक गिरा, बैंक निफ्टी 1000 अंक गिरा, आज बाज़ार क्यूं गिर रहा है.’ इस रिपोर्ट में अडानी ग्रुप के शेयरों की कीमतों में गिरावट पर एक सेक्शन (नीचे तस्वीर देखें) शामिल है. हालांकि, लेखक ने ये नहीं बताया कि क्यूं. हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा लगाए गए आरोपों का कोई ज़िक्र तक नहीं है.

नवभारत टाइम्स ऑनलाइन ने अडानी ग्रुप के अत्यधिक कर्ज पर एक एक्सप्लेनर शेयर किया. हालांकि, इसमें हिंडनबर्ग रिसर्च के आरोपों का ज़िक्र नहीं था. यही वीडियो इकोनॉमिक टाइम्स हिंदी ने भी पोस्ट किया था.

लाइव मिंट और बिजनेस टुडे द्वारा शेयर की गई रिपोर्ट विशेष तौर पर ज़िक्र करने लायक हैं. दोनों ने पाठकों को अडानी एंटरप्राइज PFO और अडानी विल्मर स्टॉक में निवेश करने के लिए प्रोत्साहित किया. हालांकि लाइव मिन्ट अपनी रिपोर्ट उस वक़्त हटा ली जब बाद में 25 जनवरी से इसमें काफी गिरावट आई थी.

महाराष्ट्र टाइम्स ने ओपनAI द्वारा संचालित AI-पॉवर्ड चैटबॉट चैटGPT पर गौतम अडानी के विचारों पर एक आर्टिकल पब्लिश किया.

अडानी ग्रुप की प्रतिक्रिया के बाद फ़ेसबुक पर मीडिया आउटलेट्स की पोस्ट

अडानी ग्रुप द्वारा मीडिया बयान जारी होने के बाद, समय सीमा के भीतर मेनस्ट्रीम मीडिया आउटलेट्स द्वारा ग्रुप से संबंधित 64 रिपोर्ट फ़ेसबुक पर शेयर की गईं. ये रिपोर्ट सार्वजनिक होने के बाद पोस्ट की संख्या से काफी ज़्यादा है.

कम से कम 18 न्यूज़ आउटलेट ने महिला आईपीएल नीलामी के बारे में रिपोर्ट पोस्ट की जहां अडानी ग्रुप ने अहमदाबाद टीम के लिए सबसे ऊंची बोली लगाई थी. लेकिन हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा लगाए गए आरोपों के बारे में किसी ने रिपोर्ट शेयर नहीं की. ये मीडिया आउटलेट हैं – ABP लाइव, अहमदाबाद मिरर, गुजरात समाचार, गुजराती मिड डे, हिंदुस्तान टाइम्स, महाराष्ट्र टाइम्स, मुंबई तक, NDTV, न्यूज़9, वनइंडिया बंगाली, वनइंडिया गुजराती, तमिल द हिंदू, द क्विंट, द स्टेट्समैन, afaqs!, द ट्रिब्यून, और द प्रिंट. बोल्ड में दिए गए न्यूज़ आउटलेट्स में कम से कम एक अन्य इकाई हिंडनबर्ग रिपोर्ट पर समान स्टेबल रिपोर्टिंग की थी. गौरतलब है कि अडानी ग्रुप का NDTV और द क्विंट में काफी निवेश है.

कुल मिलाकर, हिंडनबर्ग-अडानी स्टोरी पर मेनस्ट्रीम मीडिया की तत्काल प्रतिक्रिया का विश्लेषण करते हुए, ऑल्ट न्यूज़ ने पाया –

  1. प्रमुख टीवी न्यूज़ चैनलों ने दो दिनों तक अपने प्राइमटाइम शो में इस विषय को अनदेखा किया.
  2. हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट के सार्वजनिक होने के अगले दिन अंग्रेजी भाषा के राष्ट्रीय दैनिकों ने इस मुद्दे को अपने पहले पन्ने पर कवर किया.
  3. हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा उठाए गए सवालों की पूरी तरह से अनदेखी करते हुए, कई न्यूज़ आउटलेट्स ने महिला IPL में अडानी ग्रुप के निवेश के बारे में ऑनलाइन रिपोर्ट पब्लिश की.
  4. अडानी ग्रुप द्वारा मीडिया में बयान जारी करने के बाद ही कई मीडिया संगठन इस विषय पर रिपोर्ट करने लगे.
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🙏 Blessed to have worked as a fact-checking journalist from November 2019 to February 2023.