जब जहांगीर के जगह शाहजहां आए, तब कोई इलेक्शन हुआ.. जबकि शाहजहां के जगह औरंगजेब आए, कोई इलेक्शन हुआ, नहीं। पहले से ही पता था कि जो भी बादशाह है उनके औलाद जो है, वो ही बनेंगे वो ही बनेंगे और आपस में वो लड़े तो अलग बात है, लेकिन डेमोक्रेसी में चुनाव होता है और शहज़ाद पूनावाला को आमंत्रण मै दे रहा हूँ कि आपको यहाँ आकर खड़ा होना हो तो आप पहुँच जाइए, अपना एप्लीकेशन दीजिये।” जो मणिशंकर अय्यर ने कहा, वह काफी स्पष्ट है। प्रधानमंत्री मोदी और उनके पार्टी सहयोगियों ने उनके इस वक्तव्य के सिर्फ पहले हिस्से का इस्तेमाल कर अपनी बात रख दी। राजनैटिक पार्टी और नेता इस तरह की रणनीति तो हमेशा ही अपनाते है, लेकिन भारतीय मीडिया के कुछ हिस्सों द्वारा ऐसी तोड़-मोड़ कर पेश की गयी रिपोर्ट दिखाने/छापने का क्या तुक है? प्रधानमंत्री ने तो अय्यर को गलत उद्धृत किया ही, लेकिन लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ (मीडिया) ने भी इस फर्जी खबर को खूब फैलाया।

मणिशंकर अय्यर के वक्तव्य को ठीक से समझने के लिए, आइये उन्हें फिर से सुनते हैं:

अय्यर के इस वक्तव्य के एक घंटे बाद ही प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी चुनाव रैली में उनके वक्तव्य के पहले हिस्से को इस्तेमाल कर लिया।

आइये मीडिया के कुछ हिस्सों को देखते हैं कि उन्होंने इस खबर को कैसे प्रस्तुत किया है।

ABP न्यूज

मणिशंकर अय्यर ने ABP न्यूज से बात की थी, वार्तालाप का पूरा वीडियो ABP न्यूज के पेज पर मौजूद है। अगर किसी को वास्तविकता का पता था कि सच क्या है और क्या फैलाया जा रहा है, तो वो ABP न्यूज ही था। पर ABP न्यूज ने कुछ भी नहीं किया। और धारा के साथ बहती रही।

ABP न्यूज इंटरव्यू: मोदी ने अय्यर को राहुल गाँधी की मदद करने के लिए कांग्रेस को मुग़ल राज से तुलना करने के लिए निशाना बनाया।” – यह ABP न्यूज की हैडलाइन थी। हालांकि चैनल को यह बात पूरी तरह से पता थी कि अय्यर कांग्रेस की मुग़ल काल से तुलना नहीं कर रहे थे, बल्कि मुग़ल साम्राज्य और लोकतंत्र के बीच के अंतर की बात कर रहे थे। चैनल ने तो अमित मालवीय के ट्वीट को भी उद्धृत किया, लेकिन ये नहीं बताया कि जो वीडियो शेयर किया गया था वह आधा ही था।

और बाद में जब दिन में बवाल और बढ़ा, तब ABP न्यूज ने इस खबर को छापते समय भी वही आधा वीडियो ट्वीट किया।

रिपब्लिक टीवी

रिपब्लिक टीवी की प्रतिक्रिया भी पूरी तरह उम्मीद के मुताबिक थी। चैनल ने इस रिपोर्ट का धड़ल्ले से दुरुपयोग किया। अय्यर के वक्तव्य को बहुत ही आसानी से तोडा मरोड़ा गया और रिपब्लिक टीवी ने इस खबर को मिर्च मसाला लगा कर प्रस्तुत किया। रिपब्लिक टीवी के मुख्य संपादक, अर्नब गोस्वामी ने अपने रात 9 बजे के शो पर अय्यर के वक्तव्य को मुख्य कहानी के तौर पर पेश किया। शो को उन्होंने कुछ इस तरह से शुरू किया:

(Good evening and welcome) शुभ संध्या और स्वागत। कांग्रेस पार्टी ने आधिकारिक दौर पर, उनके मतानुसार, राहुल गाँधी को एक मुग़ल सम्राट जैसा बताया है। नहीं-नहीं, खुद को चिमटी मत काटिये, ये बात एकदम सच है, यह बात सच में कही गयी है। उन्होंने तो यह भी कहा है कि गाँधी परिवार मुग़ल शासन की तरह ही है, और जैसे मुग़ल वंश राज करने के लिए पैदा हुआ था, उसी प्रकार गाँधी परिवार भी राज करने के लिए पैदा हुआ है। कांग्रेस पार्टी के मीडिया समिति के वरिष्ठ सदस्य, मणि शंकर अय्यर ने ये कहा कि… गौर कीजिये, ये आधिकारिक वक्तव्य है, और कई बार दोहराया जा चुका है। दर्शकों, सुनिए… वे कहते है, जब शाहजहां जहांगीर के बाद राज गद्दी पर आये, तब क्या चुनाव होते थे? उन्होंने ये भी पूछा। और ये उनके खुद के शब्द है… ताकि कांग्रेस पार्टी ये न कह सकें कि मैंने उन्हें गलत उद्धृत किया है, कांग्रेस पार्टी का आधिकारिक वक्तव्य है कि जब औरंगज़ेब शाहजहां के बाद गद्दी पर बैठे थे, तब कोई चुनाव नहीं हुए थे। अब मुझे समझ में नहीं आ रहा कि मैं हँसू या रोऊं। पर अब ये पढूंग़ा जो मणिशंकर अय्यर, वरिष्ठ उच्च कांग्रेस वक्ता, कांग्रेस में लोकतंत्र के अभाव के बारे में बताते है। वे कहते है, और मैं उन्हें उद्धृत करता हूँ… और दर्शंकों मेरा विश्वास कीजिये कि यह कांग्रेस पार्टी कि सोच है। ये पहले से ही तय है कि कांग्रेस पार्टी कहती है कि राजा का बेटा ही राजा बनेगा, राजा का बेटा ही राजा बनेगा.. ये आधिकारिक वक्तव्य है। प्रिय दर्शंकों, ये बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण स्वीकृति है, उस राजवंश की, जिससे हम नफरत करते है, और उनके घमंड को हम नहीं सहन कर सकते, लेकिन आज रात मैं बहुत खुश हूँ” (अनुवाद)।

फिर आगे बहस में, गोस्वामी ने अपने सिग्नेचर तरीक़े से उन सब लोगों की जुबां भी बंद कर दी, जिन्होंने चैनल द्वारा दिखाए जाने वाले उस वीडियो क्लिप को अधूरा बताया और अय्यर के वक्तव्य को पूरा नहीं दिखाया गया। सिर्फ इतना ही नहीं, रिपब्लिक टीवी ने हैशटैग #RAHULMUGHALEMPEROR भी प्रसारित किया।

कुछ ही समय में, भाजपा के ट्विटर अकाउंट @BJP4India और @BJP4UP ने इसे ट्विटर ट्रेंड में बदल दिया।

टाइम्स नाउ

टाइम्स नाउ ने प्रधानमंत्री मोदी को ‘औरंगज़ेब राज’ का स्वागत करते हुए बताया। मणिशंकर अय्यर के विवादित वक्तव्य को नहीं पेश किया गया, पर उनके कथन को समझाते हुए उन्हें उद्धृत किया गया, “कोई भी आकर चुनाव लड़ सकता है” (अनुवाद)।

जी न्यूज

जी न्यूज़ ने ये रिपोर्ट किया कि मणिशंकर अय्यर के वक्तव्य को प्रधानमंत्री मोदी ने खूब उछाला है. “कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर ने सोमवार को एक विवाद खड़ा कर दिया, जब उन्होंने राहुल गाँधी के पार्टी अध्यक्ष के चुनाव में मुग़ल वंश को याद किया। इस बयान पर प्रधानमंत्री मोदी ने जल्द ही अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस को ‘औरंगज़ेब राज’ कहकर सम्बोधित किया।

इंडिया टुडे

इंडिया टुडे ने अपनी कहानी को अपने उप-शीर्षक में संक्षेप में बताया कि, “मणिशंकर अय्यर ने राहुल गाँधी के कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में पद्दोन्नति पर टिप्‍पणी करते हुए कहा कि मुग़ल राज में अगले सम्राट को चुनने के लिए कोई चुनाव नहीं होते थे“। हालांकि, इंडिया टुडे ने पूरा वक्तव्य आर्टिकल में छापा है, लेकिन उनका उप- शीर्षक भटकाने वाला है।

CNN न्यूज 18

अपने हिंदी कहानी में, CNN न्यूज़ 18 ने प्रधानमंत्री मोदी के मणिशंकर अय्यर के ‘अधूरे वक्तव्य’ के इस्तेमाल से कांग्रेस पर वार करने की बात की और जताया कि प्रधानमंत्री ने अय्यर के बयान को गलत तरीके के इस्तेमाल किया है। अपने अंग्रेजी संस्करण में, उन्होंने अय्यर के पूरे वक्तव्य को प्रकाशित किया, पर उसका सार इस तरह से पेश किया कि, अय्यर मोदी के हाथ के खिलौने हो गए थे, ना कि मोदी जी ने अय्यर को गलत उद्धृत किया था। रात 9:55 के प्राइम टाइम शो पर चैनल ने हैशटैग #MughalRaja भी इस्तेमाल किया।

NDTV

NDTV ने भी प्रधानमंत्री मोदी के ‘औरंगज़ेब राज’ के जुमले को रिपोर्ट किया, पर उसके साथ ही मणिशंकर अय्यर का स्पष्टीकरण भी पेश किया, कि उनका वक्तव्य वास्तव में मुग़लों के तहत अपने उत्तराधिकारी चुनने की वंशवादी परंपरा और कांग्रेस की लोकतान्त्रिक प्रक्रिया द्वारा कांग्रेस अध्यक्ष को चुनने में तुलनात्मक अंतर कर रहा था।

प्रमुख अख़बारों ने ये खबर कैसे छापी?

टाइम्स ऑफ इंडिया

टाइम्स ऑफ इंडिया ने अपने 5 दिसंबर के मुख्यपृष्ठ पर इस कहानी को छोटे कॉलम में छापा था। लेकिन TOI ने अय्यर के अधूरे बयान को छापते हुए लिखा कि ‘अय्यर ने बाद में स्पष्ट किया कि लोकतंत्र में चुनाव होते है’। ये वक्तव्य भ्रमित करने वाला है, क्यूंकि अय्यर ने तो अपने बयान में ‘लोकतान्त्रिक प्रक्रिया’ की बात की थी। TOI ने पूरी रिपोर्ट तो छापी मगर पेज 15 पर।

Aiyar PM TOI statement

अमर उजाला

हिंदी अखबार अमर उजाला ने भी इस कहानी को मुख्यपृष्ठ पर छापा था। अमर उजाला ने अय्यर और प्रधानमंत्री मोदी के सारे बयानों को प्रकाशित किया। लेकिन अय्यर के वक्तव्य को भी उसी प्रकार तोड़ा-मरोड़ा गया, जिस प्रकार रिपब्लिक टीवी चैनल ने किया था।

Amar Ujala

ऑल्ट न्यूज ने अय्यर के बयान को पहले ही झूठा साबित कर दिया था। लेकिन मुख्यधारा मीडिया इस बाबत ना सिर्फ चुप रही, लेकिन धड़्डले से इस झूठी कहानी को चलाती रही। सतत प्रदर्शन द्वारा एक विवाद पैदा करने की कोशिश की गयी और एक झूठ को बार बार सच के तौर पर पेश किया जा रहा था। ये तो कोई पहली बार नहीं हुआ है कि मुख्यधारा मीडिया ने जानकारी को तोड़-मरोड़ कर पेश कर, गलत तरीके से समाचार दिखाया हो। हर तरीके से देखें तो यही समझ में आता है कि ये सब सहमति निर्माण का एक नमूना और हिस्सा है।

डोनेट करें!
सत्ता को आईना दिखाने वाली पत्रकारिता का कॉरपोरेट और राजनीति, दोनों के नियंत्रण से मुक्त होना बुनियादी ज़रूरत है. और ये तभी संभव है जब जनता ऐसी पत्रकारिता का हर मोड़ पर साथ दे. फ़ेक न्यूज़ और ग़लत जानकारियों के खिलाफ़ इस लड़ाई में हमारी मदद करें. नीचे दिए गए बटन पर क्लिक कर ऑल्ट न्यूज़ को डोनेट करें.

बैंक ट्रांसफ़र / चेक / DD के माध्यम से डोनेट करने सम्बंधित जानकारी के लिए यहां क्लिक करें.