4 जुलाई को पाकिस्तान में एक जलविद्युत परियोजना के पास बस में विस्फोट से 9 चीनी श्रमिकों के साथ चार अन्य लोगों की मौत हो गई. पाकिस्तानी अधिकारियों के अनुसार, ये विस्फोट एक आतंकवादी हमला हो सकता है. इस घटना के बारे में कई भारतीय मीडिया आउटलेट्स ने छान-बीन कर दो तस्वीरों के साथ रिपोर्ट पब्लिश की. इनमें दावा किया गया कि चीनी श्रमिकों ने अपने बचाव के लिए AK -47 ले जाना शुरू कर दिया है.

रिपब्लिक ने रिपोर्ट किया, “चीनी इंजीनियर पाकिस्तान में CPEC परियोजना में रखरखाव का काम करते हैं”. टाइटल को बाद में बदलकर ये कर दिया गया – “चीनी इंजीनियर पाकिस्तान में CPEC परियोजना में काम करने के लिए AK -47 ले कर जाते हैं ; इमरान सरकार शर्म करो.” CPEC यानी चाइना-पाकिस्तान इकनॉमिक कॉरिडोर एक बुनियादी परियोजना है जो 2013 से चालू है.

रिपोर्ट में कहा गया है कि ये तस्वीरें “सोशल मीडिया” पर फैल रही हैं. लिखा है, “चीनी कार्यकर्ता पाकिस्तान में अलग-अलग CPEC परियोजनाओं में रखरखाव का काम कर रहे हैं, जो अपना टूलकिट लेकर नहीं बल्कि AK -47 साथ लेकर काम कर रहे हैं, ताकि वो अपनी रक्षा कर सकें.”

इसी तरह की एक रिपोर्ट इंडिया टीवी ने की थी जिसमें कहा गया, “सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर कई तस्वीरें फैल रही हैं, जिसमें चीनी कार्यकर्ता अपने कंधों पर AK -47 लेकर चल रहे हैं.”

WION ने इस टाइटल के साथ रिपोर्ट प्रकाशित की– “पाकिस्तान में दासू बस विस्फोट के बाद, CPEC पर काम कर रहे चीनी इंजीनियरों को AK-47 बंदूकें साथ ले जाते हुए देखा गया.”

इन तस्वीरों को इंडिया टुडे, न्यूज़18, एबीपी लाइव, नवभारत टाइम्स, टीवी9, ज़ी न्यूज़, आज तक, पंजाब केसरी, हिंदुस्तान, प्रभा साक्षी, रिपब्लिक भारत, वन इंडिया, न्यूज़ नेशन, एशियानेट न्यूज़ और स्वराज्य ने भी अपने रिपोर्ट में शामिल किया था. स्वराज्य ने IANS की स्टोरी रिपब्लिश की थी.

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क्षेत्रीय मीडिया आउटलेट्स गुजरात समाचार, ज़ी न्यूज़ गुजराती, ज़ी ओडिशा और बांग्ला हंट ने भी दावे को बढ़ाने का काम किया.

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तस्वीरें ट्विटर और फ़ेसबुक दोनों पर भी वायरल हैं.

 

पुरानी और असंबंधित तस्वीरें

पहली तस्वीर

हमने Baidu पर रिवर्स इमेज सर्च फंक्शन का उपयोग करने के लिए TOR ब्राउज़र का उपयोग किया. हमें एक ब्लॉग पर 2018 में अपलोड की गयी ये तस्वीर मिली. हमें एक वेबसाइट भी मिली जहां सर्वे करने वाले व्यक्ति का इंटरव्यू था जिसमें उसने कहा की 2006 में उसने पाकिस्तान में ये तस्वीर ली थी.

नीचे हमने इंटरव्यू के कुछ हिस्से को गूगल ट्रांसलेट की मदद से अनुवाद किया है.

दूसरी तस्वीर

दूसरी तस्वीर के लिए हमने Google पर रिवर्स इमेज सर्च किया. हमें defence.pk वेबसाइट द्वारा किया गया एक फ़ैक्ट-चेक मिला, जो भारतीय मीडिया में प्रसारित दावों को खारिज करता है.

फ़ैक्ट-चेक में एक ब्लॉग का ज़िक्र हुआ था जिसमें चीनी पेशेवरों की तस्वीरें अपलोड की गई थीं. ये तस्वीरें, अफ्रीकी महाद्वीप में तैनात होने के बाद प्रशिक्षण दिए जाने की थीं. ब्लॉग मई 2020 का है.

इस तरह, बिना किसी सम्बन्ध के पुरानी तस्वीरों को मीडिया आउटलेट्स ने इस दावे से शेयर किया कि चीनी इंजीनियरों ने CPEC परियोजना पर काम करते हुए AK -47 रखा था. ऑल्ट न्यूज़ को इस खबर का समर्थन करने वाली कोई सही रिपोर्ट नहीं मिली. बस में हुए विस्फोट में नौ चीनी नागरिक मारे गए थे जिसके बाद चीन ने अपनी जांच टीम पाकिस्तान भेजी थी. AFP के अनुसार, अपने पाकिस्तानी समकक्ष के साथ एक फ़ोन कॉल के बाद चीनी सार्वजनिक सुरक्षा मंत्री झाओ केझी ने एक बयान में कहा था, “चीन और पाकिस्तान सच्चाई का पता लगाने के लिए मिलकर काम करेंगे.”

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Kalim is a journalist with a keen interest in tech, misinformation, culture, etc