“जोधपुर (अशोक गहलोत के गढ़) की इन तस्वीरों ने कांग्रेस नेतृत्व को आतंकित कर दिया है। -(अनुवाद)” ऋषि बागरी ने 4 दिसंबर, 2018 को इस सन्देश के साथ तीन तस्वीरों के सेट को ट्वीट किया। बागरी को ट्वीटर पर प्रधानमंत्री मोदी फॉलो करते हैं। इस ट्वीट से उन्होंने दावा किया कि जोधपुर में प्रधानमंत्री मोदी की चुनावी रैली में आई इस भारी भीड़ के कारण अब राज्य में कांग्रेस पार्टी और भाजपा के बीच चुनावी मुकाबला बराबरी (50-50) का हो गया है जिसमें पहले कांग्रेस की जीत निश्चित मानी जा रही थी। इस ट्वीट को अब डिलीट कर लिया गया है।

बागरी के ट्वीट के जवाब में, कई सोशल मीडिया यूजर्स ने दावा किया कि ये तस्वीरें 3 दिसंबर 2018 को जोधपुर में हुई प्रधानमंत्री मोदी की रैली की नहीं है बल्कि साल 2013 की रैली की तस्वीरें है।

सच क्या है?

ऑल्ट न्यूज़ ने “नरेंद्र मोदी और जोधपुर” (Narendra Modi and Jodhpur) शब्दों के साथ 28 नवंबर, 2013 के बाद की तस्वीर ढूंढने के लिए ट्वीटर सर्च किया।

पहली तस्वीर

अमित मालवीय, भाजपा IT सेल इंचार्ज और भाजपा के विधायक पीयूष देसाई ने 29 नवंबर, 2013 को ये तस्वीर समान सन्देश के साथ ट्वीट की थी।

दूसरी तस्वीर

एक अलग एंगल से ली हुई दूसरी तस्वीर भी कई सोशल मीडिया यूजर्स द्वारा (1, 2) 29 और 30 नवंबर 2013 को ट्वीट की गयी थी और इसका जोधपुर में प्रधानमंत्री मोदी की रैली के होने दावा किया गया था।

एक और ट्विटर हैंडल, @Lala_The_Don ने भी 3 दिसंबर, 2018 को ये तस्वीर ट्वीट की थी। तस्वीर के साथ सन्देश का सार लगभग बागरी के ट्वीट जैसा ही था।

हमने पाया कि ऋषि बागरी द्वारा पोस्ट की गई पहली दो तस्वीरें वर्ष 2013 की रैली की है ना की हाल में हुई (3 दिसंबर 2018) पीएम मोदी रैली की।

तीसरी तस्वीर

एक सोशल मीडिया यूजर के अनुसार, यह तस्वीर किसान हुंकार रैली के वीडियो की फीचर इमेज है जो कि राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के संस्थापक हनुमान बेनीवाल द्वारा आयोजित की गयी थी, इसे 29 जनवरी 2018 को यूट्यूब पर पोस्ट किया गया था, तस्वीर की तुलना नीचे देख सकते है।

गूगल रिवर्स इमेज सर्च का उपयोग करके ऑल्ट न्यूज़ ने पाया की किसान हुंकार रैली, बाड़मेर का वीडियो इन्टरनेट के कई प्लेटफार्मों पर उपलब्ध है और बागड़ी द्वारा पोस्ट की गयी तस्वीर के समान है।

ऑल्ट न्यूज़ इस तस्वीर को सत्यापित नहीं कर सका है, हालांकि यह निश्चित है कि यह तस्वीर जनवरी 2018 से पहले सोशल मीडिया पर मौजूद थी क्योंकि वीडियो को उसी समय पोस्ट किया गया था।

ऋषि बागरी को कई मौको पर गलत सूचना फैलाते हुए पकड़ा गया है। ऐसे मामलों का संकलन यहां पढ़ा जा सकता है। इस बार ना सिर्फ उन्होंने पीएम मोदी की वर्ष 2013 की रैली की तस्वीरें हाल की बताकर पोस्ट की हैं बल्कि स्वतंत्र विधायक हनुमान बेनीवाल द्वारा किसान हुंकार रैली की तस्वीर को मोदी की रैली बताके झूठ फ़ैलाने की कोशिश भी की है।

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About the Author

Jignesh is a writer and researcher at Alt News. He has a knack for visual investigation with a major interest in fact-checking videos and images. He has completed his Masters in Journalism from Gujarat University.