सोशल मीडिया यूज़र्स एक वीडियो शेयर कर रहे हैं जिसमें लोगों की भीड़ के बीच आतंकवादियों का एक समूह गुज़र रहा है. मौके पर नारेबाज़ी सुनी जा सकती है. वीडियो में फ़ायरिंग की आवाज़ भी सुनी जा सकती है.
इसे शेयर करते हुए कई यूज़र्स ने लिखा, “पश्चिम बंगाल मे ममता की जीत पर जैश ए मोहम्मद के हौसले हुए बुलंद. निकाला जुलुस जेश ए मोहम्मद का आतंकी ठिकाना और उनके नारे सुनो इंडिया तेरी मौत आई. मोदी तेरी मौत आई. हिंदुओं की मौत आई जैश आईं जैश आईं. ध्यान से देखो आतंकवाद का मजहब क्या है.”
👉पश्चिम बंगाल मे ममता की जीत पर #जैश ए मोहम्मद के हौसले हुए बुलंद. निकाला जुलुस. #जेशएमोहम्मद का आतंकी ठिकाना और उनके नारे सुनो इंडिया तेरी मौत आई, मोदी तेरी मौत आई, #हिंदुओं की मौत आई जैश आईं जैश आईं..ध्यान से देखो आतंकवाद का मजहब क्या है⁉️ pic.twitter.com/921JxWKMAo
— चाँदनी पाठक (Chandni Pathak) (@ChandniPathak19) May 16, 2021
कुछ यही अन्य यूज़र्स भी लिख रहे हैं और वीडियो को पश्चिम बंगाल चुनाव के बाद का बता रहे हैं.
कई फ़ेसबुक यूज़र्स भी ये वीडियो शेयर कर रहे हैं.
पश्चिम बंगाल मे ममता की जीत पर जैश ए मोहम्मद के हौसले हुए बुलंद. निकाला जुलुस.
जेश ए मोहम्मद का आतंकी ठिकाना और उनके नारे सुनो इंडिया तेरी मौत आई। मोदी तेरी मौत आई। । हिंदुओं की मौत आई जैश आईं जैश आईं……ध्यान से देखो आतंकवाद का मजहब क्या है….Posted by Abhijeet Singh on Sunday, May 16, 2021
ऑल्ट न्यूज़ को इसके फ़ैक्ट-चेक के लिए यूज़र्स ने मोबाइल अप्लिकेशन पर रिक्वेस्ट भी भेजी.
एक साल पुराना वीडियो
हमने जैसे ही नारेबाज़ी का एक हिस्सा लिखकर सर्च किया, रिज़ल्ट्स में DNA की 12 दिसम्बर, 2020 की रिपोर्ट मिलती है. इसमें बताया गया है कि ये वीडियो बालाकोट टेरर कैंप का है जहां 2019 में भारतीय वायु सेना ने एयरस्ट्राइक की थी. वीडियो में भारत और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ़ नारेबाज़ी हो रही है. रिपोर्ट में बताया गया है कि बालाकोट स्थित टेरर कैंप में आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने की ट्रेनिंग दी जाती है.
ज़ी मीडिया के लगभग सभी प्लेटफ़ॉर्म पर ये वीडियो पब्लिश किया गया था. (पहली, दूसरी, तीसरी और चौथी रिपोर्ट )
हालांकि, इस वीडियो के बारे में हमें किसी और मीडिया संगठन की रिपोर्ट नहीं मिली और हम ज़ी नेटवर्क की तमाम वेबसाइट्स पर इस वीडियो के बारे में दी गयी जानकारी का पूरी तरह से भरोसा भी नहीं कर सकते हैं, लेकिन इतना तो तय हो गया कि ये वीडियो कम से कम 5 महीने पुराना तो ज़रूर है. वहीं, पश्चिम बंगाल चुनाव के नतीजे आये 2 हफ़्ते से कुछ ज़्यादा ही समय हुआ है.
पश्चिम बंगाल के चुनाव परिणाम आने के इतने दिन गुज़र जाने के बाद भी भ्रामक दावों का सिलसिला अभी तक जारी है.
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