अफ़गानिस्तान में तालिबान के काबिज़ होने के बाद वहां पुरुष प्रधान सरकार का गठन किया गया. 14 सितंबर को काबुल यूनिवर्सिटी में कथित तौर पर महिलाओं को तालिबान के समर्थन में प्लेकार्ड पकड़ने पर मजबूर किया गया. और उन्हें महिला और पुरुष के लिए बनाई गई अलग शिक्षण व्यवस्था का समर्थन करते हुए भी दिखाया गया.

इसके कुछ दिनों बाद, सोशल मीडिया पर अमेरिकी मीडिया आउटलेट CNN का एक कथित स्क्रीनशॉट शेयर किया गया. स्क्रीनशॉट में दिख रहा है कि तालिबान ने अफ़गानिस्तान में सैनिटरी नैपकिन पर प्रतिबंध लगा दिया है. उनका कहना है कि ये शरिया कानून के अनुरूप नहीं है. ट्विटर यूज़र ‘@SaffronSunanda‘ ने ये स्क्रीनशॉट ट्वीट किया. इसे डिलीट किये जाने से पहले 1 हज़ार बार रीट्वीट किया गया था. और भी कुछ यूज़र्स ने ये स्क्रीनशॉट ट्वीट किया है. (लिंक 1, लिंक 2, लिंक 3)

फ़ेसबुक पर भी ये स्क्रीनशॉट शेयर किया गया. (लिंक 1, लिंक 2, लिंक 3, लिंक 4)

फ़ैक्ट-चेक

ऑल्ट न्यूज़ ने वायरल स्क्रीनशॉट में दिख रही ख़बर के बारे में की-वर्ड्स सर्च किया. लेकिन हमें न ही CNN की और न ही किसी ओर मीडिया आउटलेट की रिपोर्ट मिली इस ख़बर की पुष्टि करती हो. इसके अलावा, वायरल स्क्रीनशॉट में कुछ ऐसी गलतियां दिखती हैं जो इस ओर इशारा करती है कि ये एक बनावटी स्क्रीनशॉट है.

स्क्रीनशॉट का विश्लेषण :

1. स्क्रीनशॉट में दिख रही हेडलाइन में व्याकरण की कई गलतियां हैं.

2. आर्टिकल की तारीख और लेख लिखने वाले का नाम नहीं है.

3. आर्टिकल में दिख रही तस्वीर साल 2015 के एक आर्टिकल में शेयर की गई थी. इसे पाकिस्तान के मीडिया संगठन ट्रिब्यून ने पब्लिश किया था. उसके बाद से कई मीडिया संगठनों ने इस तस्वीर का इस्तेमाल किया.

इस तरह, CNN की रिपोर्ट का एडिट किया हुआ स्क्रीनशॉट शेयर करते हुए झूठा दावा किया गया कि तालिबान ने सैनिटरी नैपकिन पर प्रतिबंध लगा दिया है.


असम के न्यूज़ चैनल्स और पत्रकारों ने रोहिंग्या मुसलमानों की गिरफ़्तारी की ग़लत ख़बर दिखायी :

डोनेट करें!
सत्ता को आईना दिखाने वाली पत्रकारिता का कॉरपोरेट और राजनीति, दोनों के नियंत्रण से मुक्त होना बुनियादी ज़रूरत है. और ये तभी संभव है जब जनता ऐसी पत्रकारिता का हर मोड़ पर साथ दे. फ़ेक न्यूज़ और ग़लत जानकारियों के खिलाफ़ इस लड़ाई में हमारी मदद करें. नीचे दिए गए बटन पर क्लिक कर ऑल्ट न्यूज़ को डोनेट करें.

बैंक ट्रांसफ़र / चेक / DD के माध्यम से डोनेट करने सम्बंधित जानकारी के लिए यहां क्लिक करें.

About the Author

🙏 Blessed to have worked as a fact-checking journalist from November 2019 to February 2023.