मध्य प्रदेश में उपचुनाव की सरगर्मी के बीच राजनितिक पार्टियां फ़ेक न्यूज़ का सहारा भी ले रही हैं. अभी कुछ दिन पहले ही MP कांग्रेस और दिग्विजय सिंह ने मध्य प्रदेश के मुख्मंत्री शिवराज सिंह चौहान का एडिटेड वीडियो शेयर किया था.

14 अक्टूबर को MP कांग्रेस के ट्विटर हैंडल ने एक और वीडियो शेयर किया. इस ट्वीट के मुताबिक शिवराज सिंह चौहान के 15 साल के शासन में मध्य प्रदेश की स्तिथि बदहाल हो गयी है. लिखा है, “झूठ, घोषणा, अभिनय, भ्रष्टाचार और किसानों की मौत का पर्याय बन चुके शिवराज और उनके बदलते नक़ाबों की पीछे छिपी सत्ता हवस अब जनता देख चुकी है। शिवराज जी, अब आप जितना झूठ फैलाओगे, मतदाताओं की नज़र से उतना ही गिरते जाओगे।” इस वीडियो में 19 सेकंड से 39 सेकंड तक एक क्लिप दिखाई जाती है जिसमें पुलिसकर्मियों को लोगों पर गोलियां चलाते हुए देखा जा सकता है. इस दौरान बैकग्राउंड में ये शब्द सुनाई देते हैं – “आपके रहते जब निहत्थे और गरीब धरतीपुत्र किसानों को सरे बाज़ार पुलिस ने गोली से ख़त्म कर दिया, तब आपकी संवेदना क्या सोयी पड़ी थीं?” (ट्वीट का आर्काइव)

इस वीडियो को मध्यप्रदेश कांग्रेस के कई सोशल मीडिया हैंडल्स से शेयर किया गया है.

फ़ैक्ट-चेक

कांग्रेस ने 20 सेकंड की जिस वीडियो क्लिप का इस्तेमाल ये बताने के लिए किया है कि किसानों पर गोलियां चलायी गयीं, वो दरअसल झारखंड में हुई एक मॉक ड्रिल का वीडियो है. ऑल्ट न्यूज़ ने इस वीडियो की पड़ताल जुलाई, 2018 में ही की थी. इस वीडियो के एक फ़्रेम का गूगल रिवर्स सर्च करने पर हमें यूट्यूब पर 1 नवंबर, 2017 को अपलोड किया गया ये मॉक ड्रिल का वीडियो मिला. इस वीडियो का टाइटल है, ‘खूंटी पुलिस का मॉक ड्रिल’

ऑल्ट न्यूज़ ने वीडियो में दिख रही एक दुकान ‘जगदम्बा स्टील’ के मालिक से भी इस बात की पुष्टि की थी. उन्होंने हमें बताया कि 31 अक्टूबर, 2017 को इस इलाके में ये मॉक ड्रिल हुई थी.

इस वीडियो को पहले भी कई झूठे दावों के साथ शेयर किया गया है. कुछ दावे नीचे दिए गए हैं:

  1. मंदसौर में पुलिस ने किसानों पर चलायी गोलियां
  2. पुलिस ने 30 कश्मीरियों को मार गिराया
  3. भारतीय रेलवे के निजीकरण का विरोध कर रहे बिहार के छात्रों पर पुलिस ने चलायी गोलियां
  4. कश्मीरियों पर सेना के जवानों ने चलायी गोलियां
  5. असम में CAB का विरोध कर रहे लोगों पर चलायी गयी गोलियां

हालांकि, ये सच है कि 2017 में शिवराज सिंह चौहान के शासनकाल में किसानों पर गोलियां चली थीं. मध्य प्रदेश के मंदसौर में जून, 2017 में किसान फ़सलों के उचित मूल्य और क़र्ज़ माफ़ी को लेकर आंदोलन कर रहे थे. इस दौरान हिंसा भड़क उठी. हिंसा पर नियंत्रण के लिए पुलिस द्वारा की गई फ़ायरिंग में 5 किसानों की मौत हो गई थी. इस मामले की जांच रिपोर्ट 1 साल बाद जून 2018 में राज्य सरकार को सौंपी गयी. इसमें पुलिस को क्लीन चिट मिली. जून 2018 की इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट में कहा गया है कि पुलिस के पास प्रदर्शनकारियों पर गोली चलाने के सिवाय अन्य कोई विकल्प नहीं था. जैसे ही भीड़ तितर-बितर हो गई, गोलीबारी रोक दी गई थी.

लेकिन ये वीडियो उस गोलीबारी का नहीं है जिसकी बात कांग्रेस कर रही है. ये झारखंड में 2017 में हुई एक मॉक ड्रिल का वीडियो है.

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