भारत में कोरोना वैक्सीनेशन ड्राइव का दूसरा चरण 1 मार्च 2021 से शुरू हुआ है. इस बीच मीडिया संगठन NDTV ने 1 मार्च 2021 को ट्वीट करते हुए सुप्रीम कोर्ट के जजों को वैक्सीन दिए जाने की खबर दी. साथ में NDTV ने दावा किया कि जजों को वैक्सीन चुनने की छूट भी दी जाएगी. फ़िलहाल ये ट्वीट डिलीट कर दिया गया है लेकिन ट्वीट का स्क्रीनशॉट आप नीचे देख सकते हैं.
ट्विटर यूज़र मेजर जनरल सुरिंदर शर्मा ने NDTV की रिपोर्ट शेयर करते हुए यही दावा ट्वीट किया है. (आर्काइव लिंक)
SC Judge Can Choose Vaccine whereas ordinary citizen is not allowed to do so. Totally unfair & partisan conduct. Is it fear of the judiciary or is it favour rendered & banked for future. https://t.co/UUGPzPpYDz
— Maj Gen Surinder Sharma (@Surinder_Sh) March 1, 2021
और भी कई यूज़र्स ये दावा शेयर कर रहे हैं.
Supreme Court Judges To Be Vaccinated From Tomorrow, Can Choose Vaccine – NDTV https://t.co/aMkYbc5FVo
— FlaShBloG Live Entertainment © (@FlaShBloGLive) March 2, 2021
इस दावे के फ़ैक्ट-चेक तक पहुंचने से पहले हम आपको बता दें कि भारत ने 2 कोरोना वैक्सीन्स को इमरजेंसी इस्तेमाल के लिए मंज़ूरी दी है जिसमें ‘कोविशील्ड’ और भारत बायोटेक की ‘कोवैक्सीन’ शामिल हैं. भारत में जिसे ‘कोविशील्ड’ के तौर पर जाना जाता है, उस ऑक्सफ़ोर्ड-एस्ट्राजेनेका वैक्सीन का उत्पादन में सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ़ इंडिया कर रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत में बनी कोवैक्सीन का पहला डोज़ लगवाया है.
फ़ैक्ट-चेक
की-वर्ड्स सर्च से हमें NDTV की रिपोर्ट मिली. फिलहाल इस रिपोर्ट को एडिट कर दिया गया है. इस अपडेटेड रिपोर्ट में सुप्रीम कोर्ट के जजों को वैक्सीन चुनने की आज़ादी मिलने का कोई दावा नहीं किया गया है. NDTV के इस आर्टिकल का कैशे वर्ज़न अभी भी गूगल पर मौजूद है. (आर्काइव लिंक)
1 मार्च की लाइवमिंट की रिपोर्ट के अनुसार, स्वास्थ्य मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि जजों को कोरोना वैक्सीन के चुनाव का कोई विकल्प नहीं दिया गया है. मंत्रालय का कहना है कि ये वैक्सीनेशन ड्राइव को-विन प्लेटफ़ॉर्म के ज़रिए ही होगा. को-विन प्लेटफ़ॉर्म, एक डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म है जहां पर आप वैक्सीनेशन के लिए खुदको रजिस्टर करवा सकते हैं. साथ में कोई भी व्यक्ति अपने वैक्सीनेशन का समय और सेंटर पसंद कर सकता है. लाइवमिंट की रिपोर्ट में न्यूज़ एजेंसी ANI के हवाले से बताया गया है कि बेंच के जजों और उनके परिवारवालों के साथ-साथ रिटायर्ड जजों को सपरिवार वैक्सीन दी जाएगी.
द हिन्दू और फ़ाइनेंन्शियल एक्स्प्रेस की रिपोर्ट में भी सुप्रीम कोर्ट के जजों को वैक्सीनेशन के चुनाव का विकल्प नहीं दिए जाने की बात बताई गई है.
कुल मिलाकर, NDTV ने झूठा दावा किया कि सुप्रीम कोर्ट के जजों को वैक्सीनेशन चुनने का विकल्प दिया जाएगा. जबकि स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस दावे को खारिज कर दिया है. बाद में मीडिया आउटलेट ने अपना ट्वीट और आर्टिकल डिलीट कर दिया.
कांग्रेस के ट्वीट के बाद रिपब्लिक भारत ने डिलीट किया अपना ट्वीट और दिखाई सही ख़बर :
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