व्हाट्सऐप पर एक मेसेज वायरल हो रहा है जिसमें कहा जा रहा है कि बैंगलोर के कमांड हॉस्पिटल में कार्यरत भारतीय वायुसेना के एयरफ़ोर्स मार्शल आशुतोष शर्मा कोरोनावायरस को मारने के लिए भाप लेने की सलाह दे रहे हैं और कह रहे हैं कि इससे महामारी जल्दी ख़त्म हो जाएगी. वायरल हो रहा पूरा मेसेज इस आर्टिकल के अंत में पढ़ सकते हैं.
ऑल्ट न्यूज़ को इस मेसेज के फ़ैक्ट-चेक के लिए कई लोगों ने व्हाट्सऐप (76000 11160) पर रिक्वेस्ट भेजी. पाठक अपने सवाल या रिक्वेस्ट मोबाइल ऐप पर भी भेज सकते हैं. (एंड्राइड, iOS)
फ़ैक्ट-चेक
भारतीय वायुसेना ने 26 अप्रैल को प्रेस नोट जारी कर इस दावे का खंडन किया था. प्रेस नोट में कहा गया है, “ये साफ़ किया जा रहा है कि बैंगलोर में कोई एयर मार्शल आशुतोष शर्मा नहीं है. कमांड हॉस्पिटल एयरफ़ोर्स बैंगलोर का नेतृत्व एयर वाइस मार्शल आशुतोष शर्मा करते हैं और जो मेसेज शेयर किया जा रहा है उसे उन्होंने नहीं भेजा है.”
इसके आगे कहा गया है, “इंडियन एयर फ़ोर्स और एयर वाइस मार्शल आशुतोष शर्मा इस मेसेज में लिखी गयी बातों की गारंटी नहीं देते हैं. किसी को भी कोविड-19 होने पर मेडिकल हेल्प लेनी चाहिए.” इसे मिनिस्ट्री ऑफ़ डिफेन्स ने भी PIB प्रेस रिलीज़ के ज़रिये जारी किया.
पिछले साल जून में ऑल्ट न्यूज़ साइंस ने डॉ परमेश्वर अरोड़ा (एमडी- आयुर्वेद) द्वारा किये गए भ्रामक दावों की सच्चाई बताई थी. डॉ अरोड़ा सर गंगाराम हॉस्पिटल में कार्यरत हैं और उन्होंने भी श्वसन तंत्र के ऊपरी भाग में हो रही परेशानियों का भाप जैसे घरेलू नुस्खों से इलाज होने का दावा किया था.
ऑल्ट न्यूज़ साइंस की सम्पादक सुमैया शेख और डॉ शरफ़रोज़ ने बताया, “नोवेल कोरोनावायरस (SARS-COV2) अधिकतर सांस में छोटी-छोटी बूंदों के ज़रिये, छूने से और संभवतः मल से भी फैलता है. वायरस नाक और उसके बाद फ़ेरिंक्स (श्वसन तंत्र का ऊपरी भाग) के अंदर जाने के बाद त्वचा की ऊपरी परत की कोशिकाओं (एपिथेलियल सेल) में जुड़ जाता है.
SARS-COV2 कोशिकाओं से ‘स्पाइक प्रोटीन’ नाम के प्रोटीन की मदद से चिपक जाता है जो एपिथीलियल कोशिका की सतह पर मौजूद संग्राहक (रिसेप्टर) मॉलिक्यूल ACE2 से जुड़ जाता है. एक बार जब वायरस प्रवेश कर लेता है तो कई हिस्सों में विभाजित होना शुरू हो जाता है और श्वसन तंत्र, फेफड़े, भोजन की नली से बढ़ते हुए खून में मिल जाता है और उसके बाद पूरे शरीर में सभी अंगो को प्रभावित करता है.
और इस पूरी प्रक्रिया के दौरान वायरस कई हिस्सों में बंटता हुआ बड़ी संख्या में तेज़ी से बढ़ता रहता है. इसलिए गरम पानी पीने, गार्गल करने या भाप लेने या ऐसा कुछ और करने से वायरस नहीं मरता. इसका सीधा से कारण है कि वायरस पूरे शरीर में है सिर्फ़ श्वसन तंत्र के एक हिस्से में नहीं.
इस तरह के नुस्खे गले की खराश जैसे लक्षणों को राहत देते हैं लेकिन इससे वायरस नहीं मर जाता. जैसे बुखार में ठंढे पानी से भिगोना आराम देता है वैसे ही ज़ुकाम होने पर गरम भाप या पानी भी लक्षणों में राहत देता है.
वायरल हो रहे मेसेज का हिंदी अनुवाद:
कमांड हॉस्पिटल एयरफ़ोर्स बैंगलोर के चेस्ट फ़िज़िशियन और पल्मोनोलोज़िस्ट एयर मार्शल आशुतोष शर्मा का मेसेज
प्लीज़ ये मेसेज रोज़ अपने सहकर्मियों को भेजें.
सबसे लिए ज़रूरी सूचना.
गरम पानी पीना गले के लिए अच्छा है.
लेकिन कोरोनावायरस आपके नाक के पैरानेज़ल साइनस में 3-4 दिनों तक रहता है.
जो गरम पानी हम पीटे हैं वो वहां तक नहीं पहुँचता है.
4-5 दिन तक पैरानेज़ल साइनस में रहने के बाद ये वायरस आपके फेफड़ों तक पहुंच जाता है.
और आपको सांस लेने में दिक्कत होने लगती है.
इसलिए भाप लेना बहुत ज़रूरी है जो आपके पैरानेज़ल साइनस के आगे पहुंचता है.
आपको वायरस को नाक में ही भाप कि मदद से मारना होगा.
50 डिग्री के तापमान में वायरस निष्क्रिय यानी, पैरालाइज़्ड हो जाता है.
60 डिग्री तापमान में वायरस इतना कमज़ोर हो जाता है कि किसी का भी इम्युनिटी सिस्टम इससे लड़ सकता है.
70 डिग्री पर ये वायरस पूरी तरह मर जाता है.
ये काम करता है स्टीम.
पूरे स्वास्थ्य विभाग को ये बात मालूम है.
लेकिन हर कोई महामारी का फ़ायदा उठाना चाहता है.
इसलिए वो ये जानकारी सबके साथ शेयर नहीं करते.
जो घर पर रहते हैं उन्हें रोज़ाना एक बार भाप लेना ही चाहिए.
अगर आप मार्किट घर के समान लेने जाते हैं तो दो बार भाप लें.
जो भी लोग दफ़्तर जाते हैं और लोगों से मिलते हैं उनको तीन बार भाप लेने की ज़रूरत है.
स्टीम वीक
डॉक्टर्स के मुताबिक कोविड-19 नाक या मुंह से भाप लेने से मर जाता है.
अगर सबलोग कैंपेन शुरू कर पूरे हफ़्ते ये प्रक्रिया करेंगे तो महामारी जल्द दूर हो जाएगी.
एक सलाह:
एक सप्ताह सुबह और शाम को 5 मिनट के लिए इसे दोहराएं. अगर हम सब ये प्रक्रिया एक हफ्ते तक करें तो जानलेवा कोरोनावायरस ख़त्म हो जाएगा. और भाप लेने में न कोई साइड इफ़ेक्ट्स हैं और न कोई खर्च. इसलिए ये मेसेज अपने प्रियजनों, रिश्तेदारों और पड़ोसियों को भेजें और कोरोनावायरस को साथ मिलकर ख़त्म करें ताकि दुनिया में आजादी से घूम सकें.
थैंक्यू, जय हिन्द.
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