24 मार्च को बजट सत्र के दौरान दिल्ली के CM अरविंद केजरीवाल के संबोधन का एक हिस्सा काफी सुर्खियों में है. उन्होंने संबोधन के दौरान, विवादास्पद फ़िल्म ‘द कश्मीर फ़ाइल्स’ का ज़िक्र किया. वीडियो क्लिप में CM केजरीवाल को ये कहते हुए सुना जा सकता है, “ये कह रहे हैं कि द कश्मीर फ़ाइल्स को टैक्स-फ्री करो. तो इसे यूट्यूब पर डाल दो ये फ्री फ्री हो जाएगी.” गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश, त्रिपुरा, गोवा, हरियाणा, गुजरात और उत्तराखंड समेत बीजेपी शासित ज़्यादातर राज्यों में फ़िल्म टैक्स फ्री कर दी गई है.

भाजपा के कई सदस्यों ने केजरीवाल को टारगेट करते हुए दावा किया कि उन्होंने कश्मीरी हिंदुओं पर हुए अत्याचारों से इनकार किया है.

बीजेपी आईटी सेल के हेड अमित मालवीय ने 15 सेकेंड की एक क्लिप शेयर की. पहले 8 सेकंड में AAP के सदस्यों को हंसते हुए देखा जा सकता है जिसके बाद केजरीवाल कहते हैं, “पोस्टर भी नहीं लगावाएंगे झूठी फ़िल्मों के…” अमित मालवीय ने दावा किया कि दिल्ली के CM ने कश्मीरी पंडितों के साथ हुए अत्याचारों पर आधारित फ़िल्म ‘द कश्मीरी फाइल्स’ को एक झूठ करार दिया.

बीजेपी नेता कपिल मिश्रा ने घायल बच्चों की तस्वीरों के साथ सीएम केजरीवाल के संबोधन का एक स्क्रीनशॉट ट्वीट किया. उन्होंने ट्वीट किया, “कश्मीरी हिंदुओं के नरसंहार को झूठा बताना मतलब अपनी मां के चरित्र पर सवाल उठाना. लानत है केजरीवाल. केजरीवाल ने देश के हर शहीद और सेना के जवानों को गाली दी है आतंकवादियों का बचाव करके.” (आर्काइव लिंक)

बीजेपी प्रवक्ता गौरव गोयल ने भी ट्वीट करते हुए लिखा, ‘कश्मीरी पंडितों का मज़ाक मत कर केजरीवाल, शर्म कर.” (आर्काइव लिंक)

न्यूज़18 हिंदी के मैनेजिंग एडिटर अमीश देवगन ने ये भी अनुमान लगाया कि ‘द कश्मीर फ़ाइल्स’ को झूठी फ़िल्म बताने का मतलब कश्मीरी पंडितों पर हो रहे अत्याचारों को नकारना है. ये आर्टिकल लिखे जाने तक उनके ट्वीट को 12 हज़ार से ज़्यादा लाइक्स मिले हैं. (आर्काइव्ड ट्वीट)

अधूरा वीडियो, भ्रामक संदर्भ

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का पूरा वीडियो AAP के यूट्यूब चैनल पर मौजूद है. 20 मिनट के संबोधन में वो आगामी दिल्ली नगर निगम चुनाव के बारे में बात करते हैं. वीडियो में कहीं भी केजरीवाल ने 1990 में कश्मीर में हुई हिंसा की बात को नहीं नकारा है.

ध्यान दें कि अमित मालवीय और कपिल मिश्रा दोनों ने ये दिखाने के लिए उनके भाषण को ग़लत तरीके से पेश किया कि केजरीवाल और आप के सदस्यों ने कश्मीरी पंडितों का मज़ाक उड़ाया है.

अमित मालवीय द्वारा अपलोड की गई वीडियो क्लिप

ऑल्ट न्यूज़ ने अमित मालवीय द्वारा अपलोड की गई वीडियो क्लिप देखी और नोटिस किया कि इसमें 3 सेकेंड और 8 सेकंड पर दो जंप कट हैं. इससे ही पता चलता है कि वीडियो के साथ छेड़छाड़ की गई है.

8 सेकंड के बाद सीएम केजरीवाल कहते हैं, “पोस्टर भी नहीं लगावाएंगे झूठी फिल्मों के…” 8 सेकंड का हिस्सा 15 मिनट 43 सेकेंड से 15 मिनट 45 के बीच और 15 मिनट 52 सेकेंड से 15 मिनट 57 सेकेंड के बीच से निकाले गए हैं. इस दौरान केजरीवाल ने बीजेपी को टारगेट किया था.

16 मिनट पर केजरीवाल ये कहते हैं, “आप [बीजेपी सदस्य] को इज्ज़त मिलेगी … [मुस्कुराते हुए] सम्मान मिलेगा [अगर आप हमारी पार्टी में शामिल होते हैं] आपसे कतई झूठे नारे नहीं लगवाये, राष्ट्र निर्माण में आपको साथ लेंगे हम… राष्ट्र निर्माण करेंगे आपके साथ मिलके…झूठी फिल्मों के पोस्टर भी नहीं लगवाएंगे..”

16 मिनट 22 सेकेंड पर हंसी का एक और दौर छिड़ गया, जब उन्होंने कहा, “और जो भी करना हो, कम से कम ये पिक्चर का प्रमोशन करना तो बंद करो. गंदे लगते हो तुमलोग. शोभा नहीं देता, आप लोगों को.. यार आप अच्छे आदमी हो, कुछ करने आए थे राजनीति में, कहां पिक्चर के प्रमोशन और पोस्टर लगाने में लगा दिया.”

कपिल मिश्रा द्वारा अपलोड की गई तस्वीर

इस भाषण का स्क्रीनशॉट जिसे कपिल मिश्रा ने अपलोड किया है, उसमें ट्विटर हैंडल @BiharKaLall का वॉटरमार्क है. यही तस्वीर पहले इस हैंडल से पोस्ट की गई थी. ये स्क्रीनशॉट वीडियो से 8 मिनट 56 सेकेंड पर लिया गया है. जब सीएम केजरीवाल ने कहा, ” कहते हैं कि हम दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी [भाजपा] हैं. हम [आप] तो जी दुनिया की सबसे छोटी पार्टी हैं और फिर भी डर गए तुमलोग [बीजेपी].” इस हिस्से में न तो वो कश्मीरी पंडितों का ज़िक्र करते हैं और न ही उनके उत्पीड़न से इनकार करते हैं.

कुल मिलाकर, भाजपा के कई सदस्यों ने बजट सत्र के दौरान दिल्ली विधानसभा में CM अरविन्द केजरीवाल के भाषण का कुछ हिस्सा ग़लत तरीके से शेयर किया. वीडियो में अरविंद केजरीवाल ने झूठ पर आधारित होने की वजह से फ़िल्म ‘द कश्मीर फ़ाइल्स’ की आलोचना की. लेकिन उनके भाषण के किसी भी हिस्से को सुनकर ये नहीं कहा जा सकता कि उन्होंने कश्मीरी पंडितों पर हुए अत्याचार से इनकार किया या उनका मज़ाक उड़ाया.

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🙏 Blessed to have worked as a fact-checking journalist from November 2019 to February 2023.