गाज़ा के अल अहली अस्पताल में विस्फ़ोट की ख़बर आने के कुछ दिनों बाद, एक अनवेरिफ़ाईड फ़ेसबुक पेज, ‘جيش الدفاع الإسرائيلي بالعربية • XY הגנה לישראל בערבי ת’ (अनुवाद: अरबी में इज़राइल रक्षा बल) ने IIDF प्रवक्ता इकाई का ऑफ़िशियल सफेद और नीले लोगो के साथ अरबी में ये पोस्ट किया, “मेडिकल इक्विपमेंट की कमी और मेडिकल स्टाफ़ की कमी की वजह से गाज़ा में बैपटिस्ट अस्पताल पर बमबारी करने और उन्हें इच्छामृत्यु की मौत देने का फैसला लिया गया.” इस फ़ेसबुक पोस्ट से ऐसा लगता है कि गाज़ा में अस्पताल पर बमबारी के लिए इज़रायली अधिकारियों ने ज़िम्मेदारी ली है. गौर करें कि ये फ़ेसबुक पेज अब डिलीट कर दिया गया है.

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बाद में कई सोशल मीडिया यूज़र्स ने फ़ेसबुक पोस्ट का स्क्रीनशॉट शेयर किया जिसमें दावा किया गया कि इज़राइल ने ये माना है कि उसने गाज़ा में अल अहली अरब अस्पताल पर बमबारी की थी. X (ट्विटर) पर सीरियन गर्ल (@Partisangirl) नामक एक वेरिफ़ाईड यूज़र ने स्क्रीनशॉट को इस कैप्शन के साथ शेयर किया, “इज़रायली ऑफ़िशियल फ़ेसबुक पोस्ट:” मेडिकल इक्विपमेंट की कमी और मेडिकल स्टाफ़ की कमी की वजह से गाज़ा में बैपटिस्ट अस्पताल पर बमबारी करने और उन्हें इच्छामृत्यु की मौत देने का फैसला लिया गया.” इस ट्वीट को आर्टिकल लिखे जाने तक 94,400 से ज़्यादा बार देखा गया, साथ ही इसे 1,808 लाइक्स और 1,113 रीट्वीट भी मिले. इस अकाउंट के मुतबिक, ये एक पत्रकार, थिंक-टैंक विश्लेषक और वैज्ञानिक है. (आर्काइव)

X पर एक वेरिफ़ाईड अकाउंट ‘@IranObserver0’ ने भी इस तस्वीर को इस कैप्शन के साथ ट्वीट किया, “अरबी में IDF: मेडिकल इक्विपमेंट की कमी और मेडिकल स्टाफ़ की कमी की वजह से गाज़ा में बैपटिस्ट अस्पताल पर बमबारी करने और उन्हें इच्छामृत्यु की मौत देने का फैसला लिया गया.” ये फ़ैक्ट-चेक रिपोर्ट लिखे जाने तक इस ट्वीट को 81,800 से ज़्यादा बार देखा गया, साथ ही इसे 912 लाइक्स और 482 रीट्वीट मिले. (आर्काइव)

ये स्क्रीनशॉट फ़ेसबुक पर भी वायरल है. पत्रकार, तारेक बे (@Tarek_Bae) और मिंटप्रेस न्यूज़ के पॉडकास्ट होस्ट, लोकी (@Lowkey0nline) ने भी ट्विटर पर ये स्क्रीनशॉट शेयर किया. हालांकि बाद में उन्होंने इसे हटा दिया.

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फ़ैक्ट-चेक

जैसे ही ये दावा वायरल हुआ, IDF अरबी के मीडिया प्रभारी अविचाई अद्राई ने गज़ान अस्पताल में विस्फ़ोट के संबंध में कोई बयान या टिप्पणी जारी करने से इनकार कर दिया. हमास पर आरोप लगाते हुए, एड्राई ने X पर कैप्शन के साथ एक स्पष्टीकरण पोस्ट किया, “#عاجل सिर्फ स्पष्ट करने के लिए: मैंने गाज़ा के बैपटिस्ट अस्पताल के संबंध में कोई बयान या टिप्पणी जारी नहीं की. मेरे नाम पर शेयर की जा रहीं सभी ख़बरें हमास मीडिया आउटलेट्स से आई हैं और ये पूरी तरह से झूठी हैं. (आर्काइव)

इसके अलावा, गूगल पर की-वर्डस सर्च करने पर हमें वाशिंगटन पोस्ट की एक रिपोर्ट मिली. इसका टाइटल था, ‘गाज़ा अस्पताल में हुए विस्फ़ोट से सैकड़ों लोग मारे गए, क्षेत्र में आक्रोश फैलने पर हमास और इज़राइल ने एक दूसरे पर इल्ज़ाम लगाया.‘ इस रिपोर्ट में कहा गया है, “हमास ने मंगलवार को अस्पताल को फ़ोन किया था.” इस विस्फोट को “एक भयानक नरसंहार” कहा गया, ये कहते हुए कि ये इज़रायली हमले की वजह से हुआ था. इज़रायली सेना ने इस्लामिक जिहाद को ज़िम्मेदार ठहराया, जो एक छोटा, और काफी कट्टरपंथी फ़िलिस्तीनी आतंकवादी समूह है. ये अक्सर हमास के साथ काम करता है. सेना ने कहा कि इस्लामिक जिहाद के आतंकवादियों ने अस्पताल के पास रॉकेटों की बौछार की थी और “कई सोर्स से मिली खुफिया जानकारी” से ये संकेत मिलता है कि ये ग्रुप ही इसके लिए ज़िम्मेदार था. यानी, ये साफ़ है कि IDF अधिकारियों ने गाज़ा के अल अहली अरब अस्पताल में विस्फ़ोट की ज़िम्मेदारी स्वीकार करने के संबंध में कोई बयान जारी नहीं किया. हालांकि जांच से नए सबूत सामने आते रहते हैं. लेकिन ये साफ नहीं है कि अस्पताल में हुए विस्फ़ोट के लिए कौन ज़िम्मेदार है.

डीडब्ल्यू न्यूज़ की एक वीडियो रिपोर्ट का टाइटल है, ‘इज़रायल रक्षा बलों ने गाज़ा अस्पताल में हुए विस्फ़ोट के लिए ‘इस्लामिक जिहाद’ को ज़िम्मेदार ठहराया.’ इस रिपोर्ट में 2 मिनट 19 सेकेंड पर मुख्य IDF प्रवक्ता डैनियल हगारी ने कहा, “हमने उन सबूतों को क्रॉस-चेक किया है जो हम आपके साथ शेयर कर रहे हैं जिनसे ये साबित होता है कि गाज़ा में अल अहली महादानी अस्पताल में विस्फोट इस्लामिक जिहाद रॉकेट की वजह से हुआ जो विफल हो गया था.”

इसके अलावा, IDF के ऑफ़िशियल सोशल मीडिया पेज अंग्रेजी, हिब्रू और फारसी में हैं. सभी तीन पेज पर सुनहरे रंग में IDF का ऑफ़िशियल लोगो है जो ओलिव ब्रांच में लिपटी एक तलवार के पीछे स्टार ऑफ़ डेविड को दिखाता है साथ ही नीचे ‘इज़राइल रक्षा बल’ लिखा है. किसी भी पेज में IDF प्रवक्ता इकाई का ऑफ़िशियल सफेद और नीला लोगो शामिल नहीं है जिसका इस्तेमाल नकली फ़ेसबुक पेज द्वारा किया गया था.

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कुल मिलाकर, एक फ़र्ज़ी फ़ेसबुक पेज ने इज़रायल रक्षा बलों का ऑफ़िशियल पेज होने का झूठा दावा करते हुए एक बयान जारी किया जिसमें दावा किया गया कि IDF ने गाज़ा के अल अहली अरब अस्पताल में विस्फ़ोट की ज़िम्मेदारी ली है. बाद में फ़ेसबुक पेज हटा दिया गया. हमारे फ़ैक्ट-चेक से पता चला कि IDF ने ऐसा कोई बयान जारी नहीं किया था.

अबीरा दास ऑल्ट न्यूज़ में इंटर्न हैं.

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