“हैदराबाद में मकर संक्रांति के त्यौहार के दौरान पतंगबाजी पर प्रतिबंध”-(अनुवादित) यह शीर्षक पीटीआई द्वारा 11 जनवरी को प्रकाशित एक खबर का है। दूसरे कई मीडिया संगठनों — द हिन्दू बिजनेस लाइन, द फाइनेंशियल एक्सप्रेस और बिजनेस स्टैंडर्ड ने भी इसी शीर्षक से खबर प्रकाशित की।

लेख में छपी खबर, इस शीर्षक के ठीक विपरीत थी, जिसमें कहा गया था, “पुलिस अधिकारी ने कहा कि किसी अप्रिय घटना से बचने के लिए माता-पिता को अपने बच्चों को अनिवार्य रूप से सलाह देनी चाहिए कि बिना चारदीवारी वाली छतों से पतंग न उड़ाएं।”

ओपइंडिया ने भी खबर की कि हैदराबाद पुलिस कमिश्नर ने लोगों को पतंग नहीं उड़ाने का आदेश दिया है।

पतंग उड़ाने पर प्रतिबंध नहीं

हैदराबाद पुलिस ने, पुलिस कमिश्नर अंजनी कुमार का एक ऑडियो नोट ट्वीट किया है। इस स्पष्टीकरण नोट में कुमार ने कहा, “कुछ अनाधिकृत लोगों द्वारा संक्रांति के त्यौहार पर पतंगबाजी पर प्रतिबंध के बारे में कुछ अफवाहें फैलाई गईं। मैं इसे एकदम स्पष्ट करना चाहता हूँ कि पतंग उड़ाने पर प्रतिबंध नहीं है। संक्रांति पतंगों का त्यौहार है, इसलिए कोई इस पर प्रतिबंध लगाने की कैसे सोच सकता है? इसका केवल सुझाव और नियमन है कि हरेक को ध्यान रखना चाहिए कि यह कुछ धार्मिक संरचनाओं या संस्थान के परिसर में नहीं जाए। यह ऐसी जगह पर नहीं जाए जहां किसी की भावना को ठेस पहुंचे। पुलिस द्वारा दिए गए सुझाव की यही भावना है। इसलिए एक बार फिर, मैं यह एकदम स्पष्ट कर देना चाहता हूँ कि संक्रांति खुशी और मस्ती का त्यौहार है, जिसमें युवा पतंग उड़ाते हैं। मेरा उन्हें सुझाव है कि हरेक को सावधान रहना चाहिए और जब आप छत पर पतंग उड़ा रहे हों तो कृपया एहतियात बरतें कि वहां रेलिंग हो और कोई चारों तरफ का ध्यान रखे।” – (अनुवादित)

इसके अलावा, हैदराबाद पुलिस ने 12 जनवरी को पतंग उड़ाने को लेकर कुछ सुझावों का एक सेट भी ट्वीट किया था।

सोशल मीडिया पर ‘आलोचना’

कई मीडिया संगठनों द्वारा प्रकाशित सिंडिकेटेड लेख ने भारत की हिंदू धार्मिक मान्यताओं को निशाना बनाए जाने के बारे में सोशल मीडिया में हंगामा खड़ा कर दिया। संजीव सान्याल ने द फाइनेंशियल एक्सप्रेस के लेख को इस सुझाव के साथ ट्वीट किया कि भारतीय संस्कृति से हिन्दू धार्मिक मान्यताएं खत्म हो रही हैं। कंचन गुप्ता ने भी पतंग उड़ाने पर ‘प्रतिबंध’ को हाईलाइट करते हुए यह लेख ट्वीट किया। बाद में उन्होंने स्पष्टीकरण दिया मगर अपना मूल ट्वीट नहीं हटाया।

फेसबुक और ट्विटर पर कई दूसरे सोशल मीडिया यूजर्स ने साम्प्रदायिक संदेश के साथ इस ‘प्रतिबंध’ के बारे में ट्वीट किए।

पतंगबाजी पर हैदराबाद पुलिस के नियमन के बारे में रिपोर्ट के एक भ्रामक शीर्षक से सोशल मीडिया में भ्रामक सूचनाएं फैल गईं और कई मीडिया संगठनों द्वारा यह सिंडिकेटेड लेख प्रकाशित किए जाने से इसे और बढ़ावा मिल गया।

 

डोनेट करें!
सत्ता को आईना दिखाने वाली पत्रकारिता का कॉरपोरेट और राजनीति, दोनों के नियंत्रण से मुक्त होना बुनियादी ज़रूरत है. और ये तभी संभव है जब जनता ऐसी पत्रकारिता का हर मोड़ पर साथ दे. फ़ेक न्यूज़ और ग़लत जानकारियों के खिलाफ़ इस लड़ाई में हमारी मदद करें. नीचे दिए गए बटन पर क्लिक कर ऑल्ट न्यूज़ को डोनेट करें.

बैंक ट्रांसफ़र / चेक / DD के माध्यम से डोनेट करने सम्बंधित जानकारी के लिए यहां क्लिक करें.

About the Author

Jignesh is a writer and researcher at Alt News. He has a knack for visual investigation with a major interest in fact-checking videos and images. He has completed his Masters in Journalism from Gujarat University.