ऑस्ट्रेलिया में डबल डेकर मेट्रो ट्रैन का एक वीडियो सोशल मीडिया में व्यापक रुप से साझा किया जा रहा है, दावा किया गया है कि मेक इन इंडिया के तहत बनी 22 ट्रैन को सिडनी में परिचालित किया गया है। यह वीडियो सोशल मीडिया में 21 जुलाई से प्रसारित किया जा रहा है। इसमें सिडनी की डबल डेकर ट्रैन के अंदरूनी हिस्सों को भी दिखाया गया है, जिसमें सीटों को भी देखा जा सकता है।

इस वीडियो को निति आयोग के CEO अमिताभ कांत ने भी रीट्वीट किया है।

वीडियो के साथ साझा किये गए संदेश के अनुसार,“कल सिडनी में 22 मेट्रो ट्रैन को परिचालित किया गया। गर्व की बात, यह सभी ट्रैन भारत में बनी हुई है! इतिहास में पहली बार-भारत में बने हुए कोच विदेश में दौड़ रहे है। जब पीएम मोदी नए भारत की बात करते है तो इसका मतलब यह होता है”-(अनुवाद)।

यह वीडियो फेसबुक पर भी व्यापक रूप से वायरल है।

तथ्य जांच

वायरल संदेश में कई दावे किये गए है, जिसकी पड़ताल हम एक के बाद एक करेंगे।

1. वीडियो

वीडियो को की-फ्रेम में तोड़कर, उनमें से किसी की-फ्रेम को गूगल पर रिवर्स इमेज सर्च करने पर हमे 2018 की एक वीडियो क्लिप मिली। इससे यह पता चलता है कि हाल ही में इसे परिचलीत करने की बात गलत है।

2. क्या ट्रैन को ‘मेक इन इंडिया’ मुहीम के तहत बनाया गया है?

नहीं।

फ्रांसीसी निर्माण कंपनी एल्सटॉम को 2014 में सिडनी मेट्रो के लिए 22 ट्रेनों के निर्माण का ठेका दिया गया था। इस कंपनी ने इन ट्रेनों को भारत के आंध्र प्रदेश में स्रीसिटी में सुविधाओं के तहत बनाया। उत्तर पश्चिमी मेट्रो लाइन में मई 2019 में इन ट्रेनों का परिचालन शुरू किया गया था।

हालांकि, वीडियो में दिखाई गई ट्रेन इस परियोजना का हिस्सा नहीं थी।

सिडनी मेट्रो ने ‘मेक इन इंडिया’ के तहत बनाई गयी ट्रैन का डिज़ाइन विवरण दिया है। अन्य बातों के अलावा, सबसे प्रमुख संकेत यह है कि वीडियो में दिख रही ट्रेन ‘मेक इन इंडिया’ के तहत नहीं बनाई गई थी, यह एक डबल डेकर ट्रैन है, जबकि अलस्टॉम ट्रेनें सिंगल-डेकर हैं।

ट्रेन के विभिन्न भागों का इन्फोग्राफिक भी यह दिखाता है कि एल्सटॉम ने सिंगल-डेकर ट्रैन का निर्माण किया है।

एल्सटॉम की डिज़ाइन में एक अन्य चीज़ मौजूद नहीं है, वो वायरल वीडियो में दिख रही रिवर्सेबल सीट्स(आसानी से बदली जा सकने वाली सीट्स) है।

3. वायरल वीडियो में दिख रही ट्रैन का निर्माण किसने किया है?

वायरल वीडियो में दिख रही ट्रैन को Waratah train के तौर पर जाना जाता है। (सिडनी ट्रैन का हिस्सा A & B सेट्स)

इसका निर्माण एल्सटॉम ने नहीं किया था, लेकिन सिडनी की ट्रेनों के साथ PPP के तहत ऑस्ट्रेलिया स्थित रिलायंस रेल(भारतीय कंपनी रिलायंस नहीं) ने किया है। कंपनी की वेबसाइट पर इसकी जानकारी मौजूद है –“Waratah train की डिज़ाइन 2009 में पूरी हुई थी और इन ट्रेनों की डिलीवरी जुलाई 2011 में शुरू हुई और मई 2014 में पूरी हुई। रिलायंस रेल को सिडनी के टाइम टेब्लेड प्रोजेक्ट के लिए अपनी 30 साल के कॉन्ट्रैक्ट की अवधि समाप्त होने तक 72 ट्रेनों का निर्माण करना है”-(अनुवाद)। इन ट्रेनों को ऑस्ट्रेलिया में डिज़ाइन किया गया था, चीन में इसका निर्माण किया गया था और यूके के कार्डिफ में इसे इक्क्ठा किया गया था।

2008 में रिलायंस रेल द्वारा जारी एक फैक्ट शीट के अनुसार, वे डबल-डेकर ट्रेनें हैं और इनमें रिवर्सेबल सीट की सुविधा है।

इससे सोशल मीडिया में वायरल दावा झूठा साबित होता है। वायरल वीडियो में सिडनी ट्रैन को दिखाया गया है, जिसे ऑस्ट्रेलिया स्थित रिलायंस रेल द्वारा चीन में बनाया गया था। इसे ‘मेक इन इंडिया’ के तहत एल्सटॉम ने नहीं बनाया था।

डोनेट करें!
सत्ता को आईना दिखाने वाली पत्रकारिता का कॉरपोरेट और राजनीति, दोनों के नियंत्रण से मुक्त होना बुनियादी ज़रूरत है. और ये तभी संभव है जब जनता ऐसी पत्रकारिता का हर मोड़ पर साथ दे. फ़ेक न्यूज़ और ग़लत जानकारियों के खिलाफ़ इस लड़ाई में हमारी मदद करें. नीचे दिए गए बटन पर क्लिक कर ऑल्ट न्यूज़ को डोनेट करें.

बैंक ट्रांसफ़र / चेक / DD के माध्यम से डोनेट करने सम्बंधित जानकारी के लिए यहां क्लिक करें.

About the Author

Pooja Chaudhuri is a senior editor at Alt News.