एक मेसेज जो चीन की फैकल्टी ऑफ़ मेडिकल साइंसेज, ज़नजन यूनिवर्सिटी की लैला अहमदी के हवाले से वायरल हुआ है, कहता है कि कोरोना वायरस से बचने के लिए विटामिन C हमें ज़्यादा से ज़्यादा उपयोग करना चाहिए. मेसेज दावा करता है कि ये बीमारी सांप और चमगादड़ के जीन्स (genes) के मिलने से बनी है. इस मेसेज में किन्हीं बीजिंग मिलिट्री यूनिवर्सिटी के सीईओ प्रोफेसर चेन होरिन के हवाले से ये भी कहा गया है कि गुनगुने पानी में नीम्बू का टुकड़ा आप की जान बचा सकता है. ये लोगों को आगाह करता है कि हमें HIV positive लोगो को नहीं छूना चाहिए वरना हमें पछताना पड़ सकता है.

Important Letter Regarding Corona Virus

Hello, I’m Laila Ahmadi from China, student at the Faculty of Medical Sciences…

Posted by Bolo House Music on Friday, 6 March 2020

दावा

नीचे वो चीज़ें दी गयी हैं जो इस मेसेज में मिलती हैं –

    1. चीन के ज़ंजन विश्वविद्यालय के फ़ैकल्टी ऑफ मेडिकल साइंस की लैला अहमदी का मेसेज. बीजिंग सैन्य अस्पताल के सीईओ प्रोफ़ेसर चेन होरिन की कही बातें.
    2. कोरोनोवायरस सांप और चमगादड़ के जीन्स के मिलने का परिणाम है.
    3. एचआईवी वायरस और कोरोना वायरस, दोनों सीधे संपर्क से फैलते हैं और संक्रमित लोगों को छूने से बचना चाहिए.
    4. विटामिन सी की एक बड़ी मात्रा का उपयोग करने से नोवेल कोरोना वायरस से छुटकारा मिल सकता है.
    5. गर्म नींबू सभी कैंसर को ठीक कर सकता है. नीम्बू के रस में एसिड और कार्बोक्सिलिक एसिड होता है. इससे हाई ब्लड प्रेशर को कंट्रोल किया जा सकता है, संकरी हो चुकी धमनियां ठीक रहती हैं, खून का बहाव दुरुस्त रहता है और खून में थक्का नहीं जमता है.
    6. वर्तमान में नोवेल कोरोनवायरस के लिए कोई टीका और उपचार नहीं है.

Dt Chen Horin & cancer
THE MIRACLE OF LEMON JUICE

Good evening good to know even at this time
Remedy

“Pieces of…

Posted by America -NEWS on Friday, 1 February 2019

क्या ऐसा सच में होता है?

नहीं.

फ़ैक्ट-चेक

1. काल्पनिक लोगों के नाम से वायरल मेसेज

ज़नजन यूनिवर्सिटी चीन में नहीं ईरान में है. लैला अहमदी इसी यूनिवर्सिटी से प्रोडक्टिव हेल्थ की फ़ील्ड में रिसर्च पेपर लिख चुकी हैं. संक्रामक रोगों के बारे में उन्होंने कुछ भी नहीं लिखा है. यह भी मानना सही नहीं होगा कि लैला अहमदी ने इस मैसेज को लिखा है. हमें सोशल मीडिया पर उनकी प्उरोफ़ाइल नहीं मिली जहां उन्होंने ऐसा कोई भी मेसेज लिखा होता, न ही ऐसी कोई और मीडिया रिपोर्ट मिली. सोशल मीडिया प्लेटफार्म भी नहीं मिला. उनकी रिसर्च गेट प्रोफ़ाइल बताती है कि वो रिप्रोडक्टिव हेल्थ, डिपार्टमेंट ऑफ़ मिडवाइफ़री में इंस्ट्रक्टर हैं. उनके प्रोफ़ाइल में किसी और फ़ील्ड में उनकी दक्षता के बारे में कुछ नहीं लिखा है.

प्रोफेसर चेन होरिन बीजिंग मिलिट्री हॉस्पिटल से एक काल्पनिक कैरेक्टर हैं. वो सलाह देते है कि नीम्बू में एंटी कैंसर गुण हैं. हमने पाया कि फ़ेसबुक पोस्ट में दिख रही तस्वीर असल में प्रोफेसर फ्रैंक चेन योहुआ की है जो मैनेजमेंट साइंस के एक प्रोफेसर हांग-कांग की सिटी यूनिवर्सिटी में प्रोफ़ेसर हैं.

फ़ेसबुक पोस्ट में जो यूट्यूब वीडियो है, इसमें दूसरे चेन दिखाई पड़ते हैं. यूट्यूब में दिखने वाला शख्स असल में अमरीका के नेशनल कैंसर इंस्टिट्यूट से हैं और इनका नाम ली चुआन चेन हैं.

दोनों पात्र, लैला अहमदी और चेन होरिन काफ़ी हद तक काल्पनिक हैं और हम ये यकीन के साथ कह सकते हैं कि असल लैस और चेन के पास ऐसे बयान देने के लिए ज़रूरी एक्सपर्टीज़ नहीं है.

2. नोवेल कोरोना वायरस सांप और चमगादड़ के जीन्स के मिलने का परिणाम नहीं है

2 अलग-अलग जानवरों के जीन्स के मिलने से वायरस नहीं बनता है. जहां तक COVID-19 की उत्पत्ति का सवाल है, संभवतः वुहान के जानवरों के बाज़ार में मौजूद चमगादड़ या पैन्गोलिंस के स्टॉक ज़िम्मेदार हैं.

3. एचआईवी वायरस छूने से फैलता है

नोवेल कोरोना वायरस (COVID-19) एक इंसान से दूसरे इंसान तक छींक, खांसी या छोड़ी गयी सांस के ज़रिये फैल सकता है. इसके अलावा संक्रमित चीज़ों, लोगों को छूने के बाद उन्हीं हाथों को चेहरे पर लगाने से संक्रमण फैल सकता है.

HIV छूने से नहीं फैलता है. ये अनप्रोटेक्टेड सेक्स, HIV संक्रमित खून चढ़ाने और मां से बच्चे में प्रेग्नेंसी या डिलीवरी के टाइम पर जा सकता है.

4. बड़ी मात्रा में विटामिन सी के इस्तेमाल से नोवेल कोरोना वायरस से छुटकारा नहीं मिल सकता है

विटामिन सी एक अच्छा एंटी-ऑक्सीडेंट है. एक रिव्यू एनालिसिस (Carr & Maggini, 2017) बताती है कि शरीर में इन्फ़ेक्शन की रोकथाम के लिए प्रतिदिन 100 से 200 मिलीग्राम विटामिन-सी चाहिए होता है. लेकिन वहीं एक दूसरा रिव्यू (Biancatelli, 2020) कहता है कि ऐसा असल में होने के बहुत कम साक्ष्य हैं और इसे साबित करने के लिए हमें कई क्लीनिकल ट्रायल करने होंगे.

चीन के वुहान स्थित प्रोफ़ेसर ज़्ही-योंग पेंग ज़्होंगनान हॉस्पिटल (Identifier number NCT04264533 at ClinicalTrials.gov). द्वारा क्लीनिकल ट्रायल में 2019-nCoV इन्फ़ेक्टेड निमोनिया के रोगियों को विटामिन-सी देने का प्रयास किया गया. लेकिन इसका परिणाम अभी नहीं आया है.

5. गर्म पानी में नींबू कैंसर को ठीक नहीं कर सकता है. न ही ये हाई ब्लड प्रेशर को रेगुलेट कर सकता है और न ही संकरी हो चुकी धमनियों को ठीक रखकर खून का थक्का जमने में कोई मदद करता है

यह दावा कि गर्म पानी में नीम्बू कैंसर को ठीक कर सकता है, काफी पुराना है और सरासर ग़लत है. समय-समय पर ये सामने आता रहता है. कई बार ये बताया जा चुका है कि ये ग़लत ख़बर है. 2019 में अफ्रीका चेक द्वारा, 2019 में स्नोपस से डेविड मैक्केलसन, और 2018 में होक्स स्लेयर के ब्रेट एम. च्रिस्टीएंसन द्वारा इसे ग़लत साबित किया गया है.

कैंसर जैसी बीमारी के लिए कोई ऐसा इलाज नहीं है जो हर स्थिति में काम करेगा. कैंसर कई वजहों से हो सकता है. रैंडम तरीक़े से होने वाले जीन्स में बदलाव से, जीन्स में रेडियेशन जैसी बाहरी वजहों से होने वाले बदलाव से, पेपिलोमा वार्ट वायरस से होने वाले इन्फ़ेक्शन से (जिससे सर्विकल कैंसर होता है), और कई दफ़ा एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में जाने वाले BRCA1 जीन्स की वजह से (जिससे ब्रेस्ट कैंसर होता है) कैंसर होता है.

6. वर्तमान में नोवेल कोरोना वायरस के लिए कोई टीका और उपचार नहीं है

फ़िलहाल एंटीवायरल दवा Remdesivir (Gilead Sciences द्वारा बनाई गयी ) COVID -19 रोगियों को क्लीनिकल ट्रायल में दी गयी. Remdesivir एक एंटीवायरल है जिस पर रीसर्च चल रही है और कोरोना वायरस के लिए इसका उपयोग अभी तक प्रमाणित नहीं हुआ है. लेकिन इसका उपयोग इबोला महामारी के समय पर किया गया था और उन जानवरों पर भी इसका उपयोग किया जा चुका है जिनको MERS और SARS इन्फ़ेक्शन था. एंटीवायरल एक ऐसी दवा है जो वायरस के विरुद्ध काम करती है और कोई डॉक्टर ही इसको दे सकता है. ये एंटीबायोटिक्स से अलग होती है .एंटीबायोटिक्स बैक्टीरिया के विरुद्ध काम करती है.

अभी तक कोरोना वायरस के लिए कोई भी टीका नहीं आया है. जर्मनी की कंपनी BionTech ने mRNA से एक टीका BNT 162 बनाया है. इसका क्लीनिकल ट्रायल अप्रैल में शुरू होगा. एक और mRNA टीका mRNA 1273 बनाया गया है. इसे मॉडेर्ना (मेंबर ऑफ़ BioNTech ) ने बनाया है और इसका ट्रायल सिएटल में शुरू हो चुका है. अभी यह नहीं कहा जा सकता कि ये टीका काम करेगा या नहीं. फ़िलहाल रोगियों को उनके लक्षण जैसे बुखार, खांसी, पानी की कमी के अनुसार दवा दी जा रही है.

निष्कर्ष

ये मेसेज असल में दो भागों में है. एक नीम्बू के बारे में पुराना वायरल मैसेज है जिसमें प्रोफ़ेसर चेन का नाम है. और दूसरा लैला अहमदी के नाम से फैल रही मिस-इनफ़ॉर्मेशन है. ये दोनों बातें ग़लत हैं. असल में इस मेसेज में बताये गए लोग ही काल्सपनिक हैं. उनके नाम, रहने की जगह, तस्वीर और वीडियो असल में मेल नहीं खाते हैं. और जैसा कि मेसेज में बताया गया है, इन लोगों के पास इस विषय पर बात करने के लिए एक्सपर्टीज़ नहीं है.

इस मैसेज को लोगों को भेजना और भी ख़तरनाक है. इससे लोग ज्यादा मात्रा में विटामिन सी ले सकते हैं जो एक हद के बाद शरीर के लिए हानिकारक होता है. ज्यादा मात्रा में विटामिन-सी लेने से रीनल स्टोन, उल्टी, मलाशय से खून बहना, दांत ख़राब होना जैसी बीमारियां हो सकती हैं. उन बच्चों में स्कर्वी जैसी बीमारी हो सकती है जिनकी माताएं ज़्यादा मात्रा में विटामिन-सी कंज्यूम करती हैं.

ये क्लेम कि इस सब से कैंसर जैसी बीमारी ठीक हो सकती है, और भी खतरनाक हो सकता है. इससे लोग सही समय पर सही इलाज नहीं करवाएंगे. यह वायरल मैसेज HIV पॉजिटिव लोगो के बारे में भी भ्रान्ति फैलता है. इससे लोग उन्हें छूने से बचेंगे और HIV पॉज़िटिव लोगों के लिए सामाजिक बहिष्कार जैसी स्थिति बन सकती है.

इस तरह का वायरल मेसेज लोगों को ग़लत उपचार की तरफ़ ले जाएगा और लोग सही दवा नहीं लेंगे. ऐसा मेसेज जब तथाकथित एक्सपर्ट लोगो की तरफ से आता है तो यह लोगों को दवाओं, सावधानियों और अच्छी आदतों से दूर ले जाता है.

रिफ़रेन्स:

Carr, A. C., & Maggini, S. (2017). Vitamin C and immune function. Nutrients, 9(11), 1211.

Colunga Biancatelli, R.M.L., Berrill, M., & Marik, P.E. (2020).The antiviral properties of vitamin C.

https://www.fiercebiotech.com/biotech/weeks-to-go-to-covid-19-vaccine-trial-biontech-lands-135m-deal-and-advances-pfizer-talks

https://www.biospace.com/article/moderna-s-covid-19-vaccine-clinical-trial-starts-today/

https://www.nih.gov/news-events/news-releases/nih-clinical-trial-remdesivir-treat-covid-19-begins

ws-releases/nih-clinical-trial-remdesivir-treat-covid-19-begins

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