सोशल मीडिया में कुछ तस्वीरें इस दावे से साझा की गयी हैं कि ये भारत के पश्चिमी तट पर पानी में डूबी हुई द्वारका नगरी की है। तस्वीरों के साथ साझा किये संदेश के मुताबिक, “श्री कृष्ण का द्वारका, गुजरात में डूबा हुआ शहर,जैसा कि महाभारत में बताया गया है। यह सत्य है लेकिन ईसाई कहते हैं कि इसका कोई सबूत नहीं !”-अनुवादित। द्वारका, भगवान कृष्ण के भक्तों के लिए एक लोकप्रिय तीर्थ स्थल है, और माना जाता है कि प्राचीन काल में यह कृष्ण का राज्य था।
Shri Kishna’s Dwarka, The sunken city in Gujarat. As described in the Mahabharata. It is real yet the Christian world says there is no proof! #JaiShriKrishna pic.twitter.com/hQGDXzLC51
— JIXSA (@jiks) September 30, 2019
उपरोक्त पोस्ट 30 सितंबर का है, जिसे अब तक 2400 से ज़्यादा बार रिट्वीट किया जा चूका है। ट्वीट में चार तस्वीरें है, जिसमें विशाल मूर्तिकला और वास्तुकला दिखाई गई है। इन तस्वीरों में से तीन तस्वीरें पानी में डूबी हुई वस्तुओं को दर्शाती है। ऑल्ट न्यूज़ ने पाया कि इन तस्वीरों में से तीन तस्वीरों को पोस्टकार्ड न्यूज़ ने 2018 में अपने एक लेख में प्रकाशित किया था।
तथ्य जांच: द्वारका की तस्वीरें नहीं
ऑल्ट न्यूज़ ने पाया कि ये तस्वीरें द्वारका से संबधित नहीं है। आइये एक के बाद करके इनके बारे में जानते हैं।
पहली तस्वीर
ऑल्ट न्यूज़ ने उपरोक्त तस्वीर का रिवर्स सर्च किया, ज़्यादातर आए परिणाम में बताया गया था कि यह तस्वीर मिस्र के शहर हेराक्लिओन से संबंधित है। हालांकि, यह तस्वीर नेपच्यून मेमोरियल रीफ की है। नेपच्यून मेमोरियल रीफ फ्लोरिडा, संयुक्त राज्य अमेरिका के पूर्व में एक कृत्रिम रूप से बनाई गई चट्टान है। इस तस्वीर को 2012 में फ़ेसबूक पर पोस्ट किया गया था।
Just a friendly reminder that we are offering a chance for those interested to conduct surveys, clean plaques, take…
Posted by Neptune Memorial Reef on Thursday, 22 March 2012
बूम के मुताबिक, जिन्होंने नेप्च्यून मेमोरियल रीफ से संपर्क किया था, यह पानी के भीतर शेर की तस्वीर वहाँ की ही है।
दूसरी तस्वीर
इस तस्वीर को रिवर्स सर्च करने पर, ऑल्ट न्यूज़ को इस तस्वीर संबधित कई अलग अलग दावे प्राप्त हुए, जिनमें इसे द्वारका से लेकर महाबलीपुरम तक का बताया गया है। हालांकि, कई पोस्ट ने दावा किया कि यह तस्वीर तमिलनाडु के ट्रेंक्यूबार की है। इसके आधार पर, ऑल्ट न्यूज़ को अप्रैल 2006 में फ्लिकर पर पोस्ट की गई एक तस्वीर मिली।
इसे ‘सुनामी के बाद’ का शीर्षक दिया गया था और कैप्शन में लिखा था -“इस दृष्टि से देखने पर देखनेवाले के मन में संदेह पैदा होता है। सुनामी के बाद, भारत के पूर्वी कोरामंडल तट का एक ग्रामीण इलाके में, जो कि लगभग 400 साल पहले एक डेनिश कॉलोनी हुआ करता था। तरंगंबडी या ट्रेंक्यूबार (डेनिश के लिए) तमिलनाडु, भारत।”– अनुवाद। जिससे यह साबित होता है कि यह तस्वीर तमिलनाडु की है नाकि गुजरात के द्वारका की।
तीसरी तस्वीर
गूगल पर इस तस्वीर का रिवर्स सर्च करने पर मिले परिणाम में यह तस्वीर कैरेबियन में जमैका की है। हालांकि, यह तस्वीर भी अमेरिका के फ्लोरिडा में नेपच्यून मेमोरियल रीफ की है। इस तरह की तस्वीरों को इसकी वेबसाइट पर आसानी से देखा जा सकता हैं। ऐसी ही एक तस्वीर को नीचे पोस्ट किया गया है। ये तस्वीरें नेप्च्यून मेमोरियल रीफ के बारे में एक ब्लॉग पर भी उपलब्ध है।
नेप्च्यून मेमोरियल रीफ ने यूट्यूब पर एक वीडियो भी पोस्ट किया है, जिसमें साइट पर पानी के नीचे की रचना दिखाई गई है।
चौथी तस्वीर
ऑल्ट न्यूज़ को इस तस्वीर का रिवर्स सर्च करने पर कई परिणाम प्राप्त हुए, जिसमें बताया गया था कि यह अटलांटिस के खोये हुए प्रसिद्ध शहर से संबंधित है, जो सबसे पहले प्लेटो के कार्यों में उल्लेखित किया गया एक पौराणिक द्वीप है।
आगे इसकी जांच करने पर ऑल्ट न्यूज़ ने पाया कि यह तस्वीर मेक्सिको के तट से खींची गयी है। डेली मेल द्वारा प्रकाशित एक लेख का शीर्षक है –“व्यवसायिक जलपरियां अपने आकार से पांच गुना अंदर मेक्सिको तट में विशाल मेंटा रे के साथ पुंछ से पुंछ मिलाकर नृत्य करती हुई”-अनुवाद, इस लेख में एक वीडियो भी शामिल है, जिसमें इस दृश्य को 1:40 पर देखा जा सकता है। यह लेख 2013 का है। पानी के भीतर हुई शूटिंग मेंटा रे पर केंद्रित थी।
यह दोहराया जा सकता है कि चारों तस्वीरें डूबी हुई द्वारका नगरी की नहीं है। इन तस्वीरों में से दो फ्लोरिडा, USA की है जबकि एक तमिलनाडु की तस्वीर है।
सत्ता को आईना दिखाने वाली पत्रकारिता का कॉरपोरेट और राजनीति, दोनों के नियंत्रण से मुक्त होना बुनियादी ज़रूरत है. और ये तभी संभव है जब जनता ऐसी पत्रकारिता का हर मोड़ पर साथ दे. फ़ेक न्यूज़ और ग़लत जानकारियों के खिलाफ़ इस लड़ाई में हमारी मदद करें. नीचे दिए गए बटन पर क्लिक कर ऑल्ट न्यूज़ को डोनेट करें.
बैंक ट्रांसफ़र / चेक / DD के माध्यम से डोनेट करने सम्बंधित जानकारी के लिए यहां क्लिक करें.