“बिहार: RSS के गुंडों ने एक क्रिस्चियन महिला के कपड़े उतारकर बीच बाजार में सरेआम उसकी पिटाई की। गुंडों ने उसके घर को जला दिया और उसे सड़क पर घसीटा। भारत अब लघुमति समुदाय के लिए “भयानक जगह” बनता जा रहा है। भगवान इसे रोके!” (अनुवाद)
उपरोक्त संदेश एक हिंसक वीडियो के साथ साझा किया गया है, जिसमें एक महिला को सड़क पर नग्न अवस्था में घुमाया जा रहा है और कुछ व्यक्तिओं द्वारा उसकी पिटाई भी की जा रही है।ऑल्ट न्यूज़ इस वीडियो की संवेदनशीलता को देखते हुए लेख में प्रकाशित नहीं कर रहा है। ट्वीट के स्क्रीनशॉट को नीचे देखा जा सकता है।
@RANIMUKERJI हैंडल द्वारा 6 अक्टूबर को पोस्ट की गई ट्वीट को 12,500 से ज़्यादा बार रिट्वीट किया गया है। इस वीडियो को कई उपयोगकर्ताओं ने संदेश के साथ रिट्वीट भी किया है। ह्यूमन राइट्स (वर्ल्ड) (@HRNewsWorld) नामक ट्विटर अकाउंट ने समान दावे के साथ इस वीडियो को साझा किया है। इस ट्वीट को करीब 1,200 बार रीट्वीट किया गया है। उन्होंने इस वीडियो का श्रेय @RANIMUKERJI (उपरोक्त) को दिया है।
तथ्य जांच
ऑल्ट न्यूज़ ने इस वीडियो की पड़ताल पहले भी की थी जब इसे थोड़े से अलग दावे के साथ साझा किया गया था, जिसमें गुंडे बजरंग दल के बताये गए थे नाकि RSS के। हालांकि, यह ध्यान देने लायक है कि प्रसारित किया गया दावा गलत है और यह वीडियो भी हाल का नहीं है।
वीडियो के स्त्रोत और सही जानकारी के लिए ऑल्ट न्यूज़ ने संबधित कीवर्ड्स के साथ सर्च किया और हमें कुछ मीडिया रिपोर्ट प्राप्त हुई। यह घटना बिहार में हुई थी। हालांकि, इन लेखों में RSS या बजरंग दल का कोई ज़िक्र नहीं है। यह घटना भोजपुर जिले के बिहिया नगर में हुई थी। इस महिला पर एक लड़के की हत्या में शामिल होने का शक था, जिसका शव रेलवे स्टेशन के पास मिला था। इसके परिणामस्वरूप विरोध प्रदर्शन हुआ, और पास में रेड लाइट एरिया में रहने वाली महिला को भी इसमें घसीटा गया और सड़क पर उसके साथ अभद्र व्यवहार किया गया। इसके अतिरिक्त, यह ध्यान देने लायक बात है कि RJD के नेता, कौशल किशोर यादव उन 16 लोगों में से थे, जिन्हें बिहिया में हुई हिंसा के लिए गिरफ्तार किया गया था।
यह दोहराया जा सकता है कि पुराने वीडियो को झूठे दावे के साथ साझा किया गया। इस बात का कोई सबूत नहीं है कि अपराधी RSS के कार्यकर्ता थे।
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