31 जुलाई को विश्व हिंदू परिषद (VHP) की बृज मंडल जलाभिषेक यात्रा के दौरान नूंह में हुए सांप्रदायिक झड़प के बाद, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड सहित कई राज्यों में कई रैलियां और महापंचायतें आयोजित की गईं, जहां हिंदुत्व विचारकों ने खुले तौर पर मुसलमानों की हत्या और उनके सामाजिक और आर्थिक बहिष्कार का आह्वान किया. ये बैठकें/जुलूस विश्व हिंदू परिषद जैसे राईट विंग संगठनों द्वारा आयोजित किए गए थे. जहां प्रदर्शनकारियों ने बार-बार सांप्रदायिक रूप से विभाजनकारी नारे लगाए. कई मामलों में पुलिस कर्मियों की मौजूदगी में हिंसा का खुला आह्वान किया गया. हरियाणा के तीन ज़िलों की लगभग 50 पंचायतों में मुसलमानों के प्रवेश पर रोक लगाने के लिए ओपन लेटर जारी किए गए.
विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने मीडिया में ऐसे बयान भी दिए जहां उन्होंने हरियाणा सरकार और अधिकारियों से नूंह में हुई हिंसा के लिए ज़िम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने की अपील की. इन प्रदर्शनों के बीच एक आम विषय ये था कि पुलिस निर्दोष हिंदुओं को गैरकानूनी ढंग से हिरासत में ले रही है. ये भावना इस बात से पैदा हुई कि सरकार ‘वोट बैंक की राजनीति’ कर रही थी और इसलिए मुसलमानों को गिरफ़्तार नहीं करना चाहती थी. क्योंकि ऐसी कार्रवाई करने से चुनावी जीत हासिल करने में मुशिकल आती है.
हाल ही में 11 अगस्त को हरियाणा के पलवल ज़िले के पोंडरी गांव में एक हिंदू महापंचायत आयोजित की गई थी. ये रैली पहले नूंह ज़िले के किरा गांव में आयोजित होने वाली थी. लेकिन मौजूदा कानून व्यवस्था की स्थिति देखते हुए इसकी अनुमति नहीं दी गई. महापंचायत से पहले पुलिस ने कहा कि सीमित सभा की इजाजत दी गई है और अगर कोई हेट स्पीच दी गई तो सख्त कार्रवाई की जाएगी. हालांकि, ‘नो हेट स्पीच पॉलिसी’ के बावजूद, कुछ वक्ताओं ने पुलिस कर्मियों की मौजूदगी में खुले तौर पर धमकियां दी. कथित तौर पर एक वक्ता को ये कहते हुए सुना गया, “अगर आप उंगली उठाएंगे, तो हम आपके हाथ काट देंगे.”
हरियाणा में विश्व हिंदू परिषद के प्रमुख और ‘गौ रक्षा दल’ के वरिष्ठ सदस्य आचार्य आज़ाद सिंह आर्य ने भी महापंचायत में बात की. उन्होंने मेवात और पड़ोसी गांवों के हिंदुओं से हथियार उठाने का आग्रह करने के साथ ही कई विवादास्पद बयान दिए. उन्हें ये कहते हुए सुना गया, “मेवात और आसपास के गांवों के हिंदुओं को कम से कम 100 हथियार उठाने चाहिए. रिवॉल्वर नहीं, राइफल लेनी चाहिए. रिवॉल्वर की कोई प्रभावी रेंज नहीं होती.” उन्होंने अधिकारियों से उन मुसलमानों के घरों पर ‘बुलडोज़र’ चलाने की भी अपील की जिन्होंने गायों की हत्या की और जो नूंह में हुई हिंसा के लिए ज़िम्मेदार थे. उन्होंने मांग की कि हिंसा के लिए ज़िम्मेदार लोगों को छह महीने के भीतर फांसी दी जाए.
तीन ज़िलों-रेवाड़ी, महेंद्रगढ़ और झज्जर में 50 से ज़्यादा पंचायतों ने लेटर जारी कर मुस्लिम व्यापारियों के प्रवेश पर रोक लगा दी है. सरपंचों द्वारा साइन किए गए लेटर्स में ये भी कहा गया है कि गांवों में रहने वाले मुसलमानों को पुलिस के पास अपनी आइडेंटिटी डाक्यूमेंट्स जमा करने होंगे. लेटर में लिखा है, ”हमारा इरादा किसी की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का नहीं है.” NDTV की रिपोर्ट के मुताबिक, झज्जर ज़िले के मुंडा खेड़ा गांव में भी एक लेटर जारी किया गया जिसमें कहा गया था कि पंचायत ने मुस्लिम व्यापारियों और फेरीवालों के गांव में प्रवेश पर रोक लगाने का फैसला किया है.
इन घटनाओं और कार्रवाइयों के बाद हजारों मुस्लिम श्रमिकों को गुरुग्राम से भागना पड़ा. ऐसे कई होटल और सैलून डर के मारे बंद हो गए हैं जिनके मालिक मुसलमान हैं. संभावित प्रतिक्रिया की आशंका को देखते हुए, अन्य दुकानदारों ने ऐसे पोस्टर प्रदर्शित किए हैं जिनमें कहा गया है कि वो अपनी दुकानों में सिर्फ हिंदू मजदूरों को नियुक्त करते हैं. गुरुग्राम में मुस्लिम दुकानदारों ने द हिंदू से बात करते हुए अपनी आजीविका को लेकर बढ़ती चिंताएं बताईं. उनमें से एक ने कहा, “हम बमुश्किल अपना भरण-पोषण करने लायक ही कमा पाते हैं. अब, हमसे कहा जा रहा है कि जगह किराए पर न लें या किसी भी तरह का व्यवसाय न करें. हम प्रवासी मजदूर हैं. अगर हमें आजीविका की अनुमति नहीं दी गई, तो हम जिंदा नहीं रह पाएंगे.” आगे, ऑल्ट न्यूज़ ने नूंह में हुई हिंसक झड़पों के बाद अलग-अलग राज्यों में कुछ रैलियों और महापंचायतों में किए गए नारों और विभाजनकारी भाषणों का विश्लेषण और डॉक्यूमेंटेशन करने की कोशिश की है.
तिगरा गांव, हरियाणा
6 अगस्त, रविवार, को हरियाणा के तिगरा गांव में एक महापंचायत आयोजित की गई जहां प्रतिभागियों और वक्ताओं ने अपने ‘निर्दोष हिंदू भाइयों’ की रिहाई की मांग की. इन्हें नूंह में झड़प के बाद ‘ग़लत तरीके से’ गिरफ़्तार किया गया था. पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, इस सभा के लिए ऑफ़िशियल परमिशन नहीं ली गई थी.
महापंचायत में वक्ताओं ने समाज में मुसलमानों के बहिष्कार का जोरदार आह्वान किया. हमने मीडिया आउटलेट पंजाब केसरी हरियाणा द्वारा रिकॉर्ड की गई एक घंटे की फ़ुटेज देखी. विश्व हिंदू परिषद नेता यशवंत शेखावत ने मंच संभाला और अपने भाषण की शुरुआत “जिहादियों” द्वारा हरियाणा में की गई हिंसा की निंदा करते हुए की. “…वो (मुसलमान) हमारा खा के हमारे ऊपर गोलियां चलाते हैं…बहुत कुछ कर सकते हैं हम. चाइनीज माल का बहिष्कार करने का काम आप सबने किया है, इसी तरह से इन आतंकवादियों का बहिष्कार करने का काम हम करेंगे… मेरा आज समस्त हिंदू समाज से ये निवेदन है कि इन सब चीजों को सोचना होगा समझना होगा, हमारी खा के और हमें नहीं मारें..और ये सोचते हैं कि ऐसे पथराव करके ऐसे गोलियां चलाकर आगे इन सब चीजों को रोक देंगें? हम न रुके थे न रुकेंगे इतिहास गवाह है इस चीज़ का.” उन्होंने अपने हिंदू भाइयों से ‘अधर्मियों’ (मुसलमानों) का बहिष्कार करने और उनके खिलाफ एकजुट होने की बात कहते हुए अपना भाषण ख़त्म किया.
गुरुग्राम में धार्मिक स्थल पर हुई घटना मामले में हुई गिरफ्तारी को रद्द करने के लिए महापंचायत
गुरुग्राम में धार्मिक स्थल पर हुई घटना मामले में हुई गिरफ्तारी को रद्द करने के लिए तिगरा गाँव में महापंचायत
Posted by Punjab Kesari Haryana on Sunday, 6 August 2023
अगले वक्ता, अशोक भाई ने मंच संभालते हुए अपने भाषण की शुरुआत तिगरा और पड़ोसी गांवों के निवासियों से मुसलमानों का बहिष्कार करने की बात कहते हुए की. “आप सभी से मेरा निवेदन है.. जो इन मुसलमानों को कमरे किराए पर देने बंद कर दो भाई. भाई पहले हमारे माता-पिता ने फसल बो के एक घर में एक थाली में रोटी खा लेते थे भाई, तो मेरा निवेदन ये है कि इन किराएदारों को मत दो मीट मछ्छी की दूकान जैसे तिगरा में घुसे हैं हम..भाई ऐसे मुसलमानों को मत दें भूखे रह लेंगे हम… तो भाई हाथ जोड़कर निवेदन है सभी ग्रामीण वासियों से.. सबके आधार कार्ड देखो, जो मुसलमान हो उसे अपना मकान कोई भी जमीन मत दो..और जो हमारे हिंदू भाई हैं..वो मीट की दूकान हिंदू भाई करे, बाहर से आ कर मुसलमान यहां कमाते हैं और फिर वही हम पर गोलियां चलाते हैं.” उन्होंने अधिकारियों से गैरक़ानूनी तरीके से गिरफ़्तार किये गए उन सभी लोगों को रिहा करने की अपील करते हुए अपना भाषण ख़त्म किया.
हिंदू अधिकार नेता और वकील कुलभूषण भारद्वाज भी मंच पर आये. सबसे पहले उन्होंने अपना संक्षिप्त परिचय दिया. कुलभूषण भारद्वाज ने व्यंग्यात्मक टिप्पणी देते हुए कहा, “ऐसा (परिचय) मैं क्यों बता रहा हूं, क्योंकि जब पुलिस विश्व हिंदू परिषद की जब शोभा यात्रा निकलती है तो उस यात्रा के अंदर जब ये लोग FIR दायर करते हैं तो मेरा नाम और पता ग़लत लिख देते हैं, ये मैंने इसलिए बताया है.” उन्होंने दावा किया कि अधिकारियों ने ग़लत तरीके से निर्दोष हिंदुओं को गिरफ़्तार किया है. उन्होंने कहा, ”ऐसा मुख्यमंत्री (मनोहर लाल खट्टर) नहीं चाहिए. हमें चाहिए योगी जैसा मुख्यमंत्री.. अगर ये योगी जैसा मुख्यमंत्री नहीं दे सकते तो मेवात को उतरप्रदश में शामिल कर दें.. फिर हम देखते हैं कि किसकी मां ने दूध पिलाया है कि हिंदुओं की तरफ आंख उठाकर देख ले.” कुलभूषण भारद्वाज ने फिरोजपुर झिरका के विधायक मम्मन खान को खुली धमकी देते हुए कहा कि वो जानते हैं कि गुरुग्राम में उनका निवास है इसलिए उन्हें अपने जुबान को लगाम देना चाहिए.
कुलभूषण भारद्वाज को ये कहते हुए भी सुना गया, “इस गुरुग्राम के अंदर, सबसे ज़्यादा, रहड़ी हो, बढ़ई हो, कबाड़ी हो, कारपेंटर हो, कौन लोग हैं? मुस्लिम हैं, मुस्लिम. लेकिन क्या किसी मुस्लिम को थप्पड़ भी लगा? क्योंकि हिंदुओं की ताकत है, जो हमारी शरण में आ गया, हम उसकी रक्षा करने का काम करते हैं. हम डरपोक नहीं हैं.. हम आमने-सामने की लड़ाई लड़ने का दम रखते हैं…” उन्होंने वहां मौजूद लोगों से हिंदू मजदूरों का समर्थन करने और उनके उत्थान के लिए अनुरोध करते हुए अपना भाषण खत्म किया. उन्होंने अधिकारियों को (जिन्हें उन्होंने सत्ता के दायरे में नपुंसक व्यक्तियों के रूप में संबोधित किया) खरी-खोटी सुनाई और घोषणा की कि हिंदुओं को जुलूस और महापंचायत करने के लिए परमिशन की जरूरत नहीं है.
महापंचायत के सभी भाषणों में एक जैसे शब्द थे और वक्ताओं ने अधिकारियों के लिए एक जैसे सवाल ही उठाए. एक व्यक्ति ने यहां तक कहा कि “हमने मनोहर साहब, मोदी साहब को इसलिए वोट नहीं दिया था कि हमें GDP चाहिए, हमने वर्ल्ड की तीसरी अर्थव्यवस्था चाहिए, हमने सड़क चाहिए, हमने पानी चाहिए, हमने इसलिए वोट दिया था कि हमारी बहन बेटी जहां से जाए, अब्दुल्ला अपना सर झुका लें.”
दो दिन बाद, दो वक्ताओं (कुलभूषण भारद्वाज और बबीता गुर्जर) को कार्यक्रम में उनके भाषण के लिए बुक किया गया था. पुलिस ने कहा कि भारतीय दंड संहिता की धारा 153A (धर्म आदि के आधार पर अलग-अलग समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना), 153B (राष्ट्रीय एकता के लिए प्रतिकूल आरोप, दावा), 505 (सार्वजनिक रूप से उकसाने वाले बयान) और 188 (लोक सेवक द्वारा विधिवत रूप से प्रख्यापित आदेश की अवमानना) के तहत FIR दर्ज़ की गई थी.
हिसार, हरियाणा
विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं के नेतृत्व में 2 अगस्त को हांसी, हिसार में एक रैली आयोजित की गई थी. रैली के एक वीडियो में एक प्रदर्शनकारी इलाके के दुकानदारों को ये अल्टीमेटम देते हुए दिखाया गया है कि हर मुस्लिम कर्मचारी को नौकरी से निकालना होगा. “दो दिन का समय है, अगर उसके बाद किसी दुकानदार ने किसी मुसलमान को अपने दूकान पर रखा, उसके दूकान के बाहर उसके बहिष्कार का पोस्टर लगवाने का काम हम करेंगें, और उसको कौम का गद्दार घोषित करेंगे.” इसके बाद जय श्री राम और भारत माता की जय के नारे लगाए गए.
एक और प्रदर्शनकारी ये कहता है, “मेरे साथियों, नूंह में हुई घटना, ये मत सोचो कि हमारे से 100 किलोमीटर दूर है. हरियाणा हमारा घर है हमारे घर की ही घटना है. आप एक बात याद रखो हरियाणा के अंदर कितने ज़िले हैं? 22 ज़िले, और 22 ज़िले में मात्र एक ज़िला उन मुसलमानों का, उन कुत्तों का जहां हमारी यात्रा पर हमला हुआ.. मैं कहता हूं हिन्दू क्षत्रिय हैं और क्षत्रिय की इज्जत पर जब-जब हमला हुआ है क्षत्रियों ने हथियार उठाये हैं. जब ये क्षत्रिय हथियार उठाएगा, कोई भी बाकी नहीं रह जाएगा.” इसे हिंसा का खुला आह्वान माना जा सकता है. इसके बाद “मुल्ला काटे जायेंगे, राम राम चिल्लायेंगे” का नारा लगाया गया.
इस रैली के बाद चार लोगों के खिलाफ FIR दर्ज़ की गई, जबकि 12-15 अनजान लोगों पर भारतीय दंड संहिता की धारा 505 (सांप्रदायिक वैमनस्य भड़काना) और 153A (धार्मिक आधार पर अलग-अलग समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना) के तहत मामला दर्ज़ किया गया. FIR का कंटेंट अज्ञात है क्योंकि इसे अभी तक सार्वजनिक नहीं किया गया है. हांसी शहर के स्टेशन हाउस ऑफ़िसर (SHO) उदय भान गोदारा ने द वायर को बताया कि (5 अगस्त तक) कोई गिरफ़्तारी नहीं हुई थी. लेकिन रैली के बाद किसी भी अप्रिय घटना की सूचना नहीं मिली थी.
बहादुरगढ़, हरियाणा
31 जुलाई को बहादुरगढ़ में बजरंग दल के सदस्यों ने नूंह में हुई हिंसा के विरोध में रैली निकाली. हमने रैली का 20 मिनट का फ़ुटेज देखा जहां शुरू में जय श्री राम, इंकलाब जिंदाबाद और भारत माता की जय के नारे लगाए गए. इसके बाद “देश के गद्दारों को गोली मारो सालों को” का नारा लगाया गया. इस लोकप्रिय नारे का इस्तेमाल अक्सर भाजपा नेता और केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर द्वारा नागरिकता संशोधन अधिनियम के दौरान मुसलमानों के खिलाफ किया जाता था. पुलिसकर्मियों की मौजूदगी में 20 मिनट में ये नारा 50 से ज़्यादा बार लगाया गया.
हमने देखा कि रैली का नेतृत्व पुलिस वैन द्वारा किया जा रहा था और पुलिसकर्मी रैली करने वालों के साथ-साथ चल रहे थे.
मेवात हिंसा को लेकर बजरंग दल का बहादुरगढ़ में विरोध प्रदर्शन
बजरंग दल ने लगाए एक ही नारा एक नाम जय श्रीराम जय श्रीराम के नारे
सैक्टर 9 मोड़ से लेकर झज्जर मोड किया विरोध प्रदर्शन
Posted by बहादुरगढ़ की आवाज on Monday, 31 July 2023
इसके बाद एक बयान में प्रदर्शनकारियों ने अधिकारियों और सरकार पर कोई कार्रवाई नहीं करने का आरोप लगाया. “वे कुछ समुदायों के दबाव में हैं.” अधिकारियों से अपील में, बजरंग दल के प्रदर्शनकारियों ने अपने हिंदू भाइयों को सुरक्षित निकालने और उन्हें घर पहुंचाने के लिए कहा. “हर बार ये (मुसलमान) शांतिपूर्ण ढंग से नहीं निकालते हैं, ये हिंदू भाइयों के साथ जानबूझकर लड़ाई करना चाहते हैं. लेकिन ऐसा बिल्कुल भी सहन नहीं होगा. अब ये दिल्ली में हो रहा है, दिल्ली दूर नहीं है. कल को ये यहां पर भी आ सकते हैं. इसके लिए हमको तैयार रहना पड़ेगा. धरम की लड़ाई कभी भी हो सकती है.” एक और प्रदर्शनकारी ये कहता है, “मुसलमान इस देश के लिए नासूर हैं. इसका जब तक प्रॉपर ईलाज नहीं होगा न कोई समाधान नहीं दे सकता हमारी सरकार फ़ेल है. योगी की तरह ही प्रशासन अगर चलाएगा काम तो ये शांत हो पाएगा नहीं तो हो नहीं पाएगा…न तो ये भाईचारा समझते हैं न प्यार समझते हैं. हम 1947 से आज तक इस भाईचारे में कर कर के मर लिए लेकिन इनको अक्ल नहीं आई. इनका टिट फ़ॉर टैट, जैसे को तैसा, ये एक मारते हैं जब इनके दस मारेंगें और हिंदुओं में एकता होगी हमारे सबसे ज़्यादा हिंदुओं में एकता होने की जरूरत है.” उन्होंने ये भी दावा किया कि हिंदुत्व ख़त्म हो रहा है और सरकार हिंदुओं पर कोई ध्यान नहीं देती है. उन्होंने व्यंग्यात्मक चुटकी लेते हुए दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को ‘केजरूद्दीन’ कहा.
बजरंग दल का बहादुरगढ़ में विरोध प्रदर्शन
Posted by बहादुरगढ़ की आवाज on Monday, 31 July 2023
ये रैली दिल्ली-रोहतक कॉरिडोर के साथ दिल्ली अस्पताल और नर्सिंग होम, SR सेंचुरी पब्लिक स्कूल और बहादुरगढ़ मेट्रो स्टेशन को पार करते की गई.
सहारनपुर, उत्तर प्रदेश
2 अगस्त को विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ताओं ने एक मानव श्रृंखला बनाकर और बेहट में “देश के गद्दारों को, गोली मारो सालों को” और “देश के गद्दारों को, फांसी दो सालों को” जैसे नारे लगाकर नूंह में हिंसा के लिए ज़िम्मेदार लोगों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया साथ ही कारवाई की मांग की. मीडिया आउटलेट यूपी तक द्वारा अपलोड की गई रैली की एक क्लिप में, दर्शक “मेवात के कट्टरों को, फांसी दो सालों को” और “ना मुल्ला ना काजी का, ये देश है वीर शिवाजी का” के नारे सुने जा सकते हैं. ये रैली भी पुलिस जवानों की मौजूदगी में हुई.
हरियाणा के नूंह में हुई हिंसा का यूपी के सहारनपुर में हुआ विरोध
सहारनपुर: हरियाणा के नूंह में हुई विश्व हिंदू परिषद की यात्रा पर हमले के विरोध में हिंदू संगठनों के कार्यकर्ताओं ने मानव श्रृंखला बनाकर जताया विरोध।
बेहट में VHP के कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन किया और मानव श्रृंखला बनाकर नारेबाज़ी करते हुए आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।
#Saharanpur #UttarPradesh #NuhViolence #वायरल_यूपीतकPosted by UP Tak on Tuesday, 1 August 2023
मीडिया आउटलेट DPD न्यूज़ को बयान देते हुए, विश्व हिंदू परिषद के मनीष योगाचार्य ने कहा, “अभी दो दिन पूर्व मेवात में एक घटना हुई है, अपना जो पारंपरिक यात्रा है हिंदू समाज के द्वारा विश्व हिंदू परिषद के द्वारा एक यात्रा का आयोजन किया गया था. पर नूंह मेवात में जिहादियों के द्वारा एक आतंकवादी कायराना हमला किया गया जिसमें हिन्दू समाज के लगभग 10 से 15 कार्यकर्ता मौत के घाट उतार दिए गए, और जिहादियों ने एक षड़यंत्र के तहत इस घटना को अंजाम दिया है जिस प्रकार से पूर्व नियोजित तरीके से घटना को अंजाम देते हैं उसी प्रकार से सुनियोजित तरीके से इस घटना को अंजाम दिया है. इससे पूरा हिंदू समाज उत्पीड़ित है और आक्रोश में है. केन्द्रीय नेतृत्व द्वारा आवाहन किया गया था पूरे भारत वर्ष में जितने भी अपने ज़िला मुख्यालय हैं प्रत्येक ज़िला मुख्यालय पे एक धरने का आयोजन किया जाय, और सरकार को मैसेज दिया जाय बता दिया जाय..यदि इस प्रकार की घटनाएं देश में होगी तो बजरंग दल उसका जवाब देने में सक्षम है.”
रूड़की, उत्तराखंड
2 अगस्त को नूंह में हुई हिंसा के विरोध में विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ता रूड़की के चन्द्रशेखर चौक पर जमा हुए. उन्होंने पुतला फूंका और नारेबाजी की. मीडिया आउटलेट दैनिक रूड़की को दिए एक बयान में एक प्रदर्शनकारी ने कहा, ”हरियाणा के मेवात में जो एक शोभायात्रा पे ‘जिहादियों’ के द्वारा हमला किया गया है, उसी को लेकर पूरे देश में प्रदर्शन हो रहे हैं. यहां जिहाद का पुतला जलाया जाएगा बजरंग दल के कार्यकर्ताओं के द्वारा.” उन्होंने आगे कहा, “आपने देखा होगा मुहर्रम के समय जो पूरे देश में जो मुहर्रम के जुलूस निकले हैं, चाहे वो दिल्ली की घटना हो या अन्य-अन्य घटना हो, इनलोगों के द्वारा ऐसा मुहर्रम में भी किया गया है जबकि पूरे देश में आपने नहीं सुना होगा की किसी मुहर्रम पे हिंदू के द्वारा हमला किया गया है या हिंदुओं के द्वारा कोई घटना हुई है. जो भी हिन्दुओं की धार्मिक यात्राएं निकलती हैं चाहे वो रामनवमी हो, हनुमान जयंती हो या ये मेवात की घटना है. पूरे देश में जहां भी हिंदुओं की शोभायात्रा निकलती है उसे रोकने का काम ये जिहादी करते हैं इनकी जिहादी मानसिकता करती है. इन्हें मुल्ला-मौलवियों के द्वारा इस तरह की ही ट्रेनिंग दी जाती है, इसीलिए ये हिंदू यात्राओं पे हमला करने का काम करते हैं.”
“ये देश हिंदुओं का है, और यहां अभी भी पाकिस्तान घोषित नहीं हुआ. जिस दिन पाकिस्तान घोषित होगा, उस दिन हम नारे लगाने बंद कर देंगे. देश के विभाजन भी धरम के आधार पर हुआ था… मैं विश्व हिंदू परिषद का पदाधिकारी हूं, बजरंग दल का पदाधिकारी हूं- मैं हिंदुत्व की बात करूंगा. सरकार करेगी सबका साथ सबका विकास.“
एक और प्रदर्शनकारी ये कहता है, “आखिर भारत में हिंदुओं की ही यात्राओं पर ही पथराव क्यों?… अब कोई भी चीज़ हम नहीं सहेंगे, अगर कोई भी चीज़ हुई तो उसकी प्रतिकिया हम देंगें..हिन्दू कब तक चुप रहेंगे? क्या हिंदू ही पिटेंगे? क्या हिंदू केवल मरने का इंतजार कर रहे हैं?… जो हिंदू कल तक शांत थे, वे अब जाग गए हैं… पहले भी वहां (मेवात में) ऐसी स्थिति उत्पन्न हुई थी, आज भी उन अधर्मी लोगों की गंदी मानसिकता सामने आ गई है.”
नूह की घटना पर भड़का विश्व हिंदू परिषद-जमकर की नारेबाजी-पुतला फूंककर किया प्रदर्शन…..
नूह की घटना पर भड़का विश्व हिंदू परिषद-जमकर की नारेबाजी-पुतला फूंककर किया प्रदर्शन…..
Posted by Dainik Roorkee दैनिक रुड़की on Wednesday, 2 August 2023
ट्विटर हैंडल हिंदुत्ववॉच ने भी प्रदर्शन की एक क्लिप ट्वीट की जिसमें प्रदर्शनकारियों को “ना मुल्लों का, ना काज़ी का, ये देश है बजरंग बली का” और “ना अली का ना वली का, ये देश है बजरंग बली का” जैसे विभाजनकारी नारे लगाते हैं. इन नारों का मोटे तौर पर यही मतलब है कि देश हिंदुओं का है, मुसलमानों का नहीं. क्लिप के आखिर में “मुल्ला गर्दी नहीं चलेगी” का नारा भी सुना जा सकता है.
Location: Roorkee, Uttarakhand
Date: August 2, 2023Vishwa Hindu Parishad members organised a rally raising derogatory slogans against Muslims.
“Na mullon ka na qazi ka, yeh desh hai Veer Shivaji ka (Roughly translated as: This nation doesn’t belong to Muslims).” pic.twitter.com/TubShWGrnT
— HindutvaWatch (@HindutvaWatchIn) August 3, 2023
देहरादून, उत्तराखंड
देहरादून में बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद के सदस्यों ने 2 अगस्त को देहरादून लाइब्रेरी चौक पर नूंह में हुई हिंसा के खिलाफ विरोध प्रदर्शित किया. फ़ेसबुक पेज देवभूमि रायबर की एक वीडियो क्लिप में एक प्रदर्शनकारी ने अपनी बात रखते हुए भीड़ से कहा, “सिर्फ एक मजहब के कारण दुनिया पर संकट भारी है. जाग नहीं पाए यदि हम तो जीवन भर पछताना होगा, उठो सनातन के वीरों तुम्हें अपना धर्म बचाना होगा.” वीडियो में 5 मिनट 18 सेकेंड पर, व्यक्ति ये कहता है, “..उनको गोली मारी जाए. पत्थर का उतर सिर्फ गोली है.” उनका कहना है कि लोकतंत्र को जिंदा रखने के लिए हिंदुओं को सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन करने की जरूरत है. “हम किसी का छीनना नहीं चाहते. लेकिन कोई हमारा छीनेगा, तो उसको छोड़ा नहीं जाएगा.” वहां मौजूद भीड़ ने इस पर अपनी ज़ोरदार सहमती दी.
“अगर आज सरकारी गाडियां जलाई गई हैं, वो सरकारी गाड़ी है सरकार की नहीं आप सब की है. आप सबके मेहनत के पैसे से वो सरकार को प्राप्त हुई है. आज अगर देश की सेवा करने वाले पुलिसकर्मी पर गोली चलाई गई है तो वो पुलिसकर्मी आपके परिवार से है हमारे परिवार से है. वो देश की सुरक्षातंत्र को विकसित करने वाले लोग हैं. उनके (पुलिसकर्मियों) उपर अगर उन्होंने (मुसलमान) गोलीबारी कर दी, आगजनी कर दी तो आप समझिए हमलोग कहां खड़े हैं? हमारी औकात उनके सामने क्या है? कारण, कि वो लोग हर विषय पर हजारों की संख्या में एकत्रित होकर सड़कों पर आगजनी करते हैं, पथराव करते हैं, मारकाट करते हैं, तो केंद्र सरकार को तय करना होगा ऐसे लोगों के साथ किस प्रकार का बर्ताव हमको करना है… कोई अगर सामने से पत्थर मारे और आप तुरंत सामने से गोली मार दें शासन प्रशाशन, तो वह पत्थर क्या दुबारा उठेगा क्या, (जोर से) उठेगा क्या ? (भीड़ कहती है नहीं) तो क्यों केंद्र सरकार इतनी मौन है? कहीं न कहीं उसे वोट बैंक का घिनौना लालच है.”
बजरंग दल, विश्व हिन्दु परिषद के लोगों ने हरियाणा में हुयी हिंसा के खिलाफ, देहरादून लाइब्रेरी चौक पर मुस्लिम समुदाय के विरोध में आक्रोश प्रदर्शन किया।
Posted by देवभूमि रैबार on Wednesday, 2 August 2023
इस क्लिप के आखिर में मीडिया आउटलेट को दिए एक बयान में उसी आदमी ने कहा, “एक गाल पर थप्पड़ मारें, तो दूसरा गाल आगे कर दें, नहीं बिल्कुल नहीं. हम तमाचा मारने वाले की हाथ को तोड़ने की क्षमता रखते हैं. औरंगजेब के वंशज इस देश में अब नहीं पनपने देंगे, किसी हाल में पनपने नहीं देंगे और ये समय बदल चुका है, फिर से हिंदू छला जाय, और जिसको भारत स्वीकार नहीं वो पाकिस्तान चला जाए.”
प्रदर्शनकारियों को “देश हमारा हिंदुस्तान, भागो जिहादी पाकिस्तान” और “जिहादी मानसिकता मुर्दाबाद मुर्दाबाद” जैसे सांप्रदायिक वाक्यों वाले पोस्टर पकड़े हुए देखा गया.
असंध, हरियाणा
3 अगस्त को असंध के हिंदू युवाओं ने नूंह में हुई हिंसा के विरोध में एक रैली निकाली जहां उन्होंने “देश के गद्दारों को गोली मारो सालों को” और “अल्लाह-उल्लाह कहने नहीं देना, एक भी मुल्ला रहने नहीं देना” जैसे नारे लगाए. ट्विटर हैंडल हिंदुत्ववॉच ने रैली की एक क्लिप ट्वीट की.
Location: Assandh, Karnal, Haryana
Far-right supporters, along with Bajrang Dal members, took out a rally shouting anti-Muslim slogans.
“Allah-Ullah kehn nhi dena, ek bhi Mulla rehen nhi dena (Rough translation: We won’t let them say Allah, and we won’t let Muslims live).” pic.twitter.com/fsQXUPoVAC
— HindutvaWatch (@HindutvaWatchIn) August 4, 2023
विरोध प्रदर्शन की 27 मिनट की लाइव स्ट्रीम यहां देखी जा सकती है. रैली असंध पुलिस थाने के सामने से शुरू हुई और उपमंडल मजिस्ट्रेट कार्यालय के सामने रुकी. ये सांप्रदायिक और विभाजनकारी नारे उनकी पूरी रैली के दौरान लगाए गए.
जींद, हरियाणा
हरियाणा के जींद में 2 अगस्त को गौ रक्षा दल हरियाणा के अध्यक्ष आचार्य योगेन्द्र महाराज ने नूंह हिंसा के खिलाफ एक रैली में शामिल होते हुए फ़ेसबुक पर एक लाइव प्रसारण किया. रैली में शामिल लोगों ने नारों के जरिए हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर की निंदा की. उन्होंने “तेल लगाओ डाबर का, नाम मिटाओ बाबर का”, “हिंदू हिंदुस्तान का, मुल्ला पाकिस्तान का”, “तीन नहीं तो तीन हजार नहीं बचेगी एक मजार” और “भारत में यदि रहना होगा, वंदे मातरम कहना होगा” जैसे विभाजनकारी नारे भी लगाए. हिंसा के खुले आह्वान के रूप में प्रदर्शनकारियों ने “जब मुल्ले काटे जाएंगे, राम राम चिल्लाएंगे” का नारा भी लगाया.
Posted by आचार्य योगेन्द्र महाराज on Tuesday, 1 August 2023
4 अगस्त को एक अलग बयान में योगेन्द्र महाराज को ये कहते हुए सुना गया, “मुसलमानों के जो मौलवी हैं वो तो ये शिक्षा दे रहे हैं कि तुम.. दूसरे धर्म वालों को उनको काटो, मारो , अपने धरम में लेकर के आओ..ये धरम का उपदेश नहीं है, तो इसलिए यदि इस देश को ठीक-ठाक रखना है, इस देश को ठीक-ठाक चलाना है तो आपको बाबाओं को ठीक-ठीक नसीहत और वैदिक धरम के अनुसार प्रचार करना और सनातन सत्य धरम के अनुसार प्रचार करने की दीक्षा और शिक्षा लेकर के ही बाबाओं को ये चोला पहनना चाहिए.” योगेन्द्र महाराज अधिकारियों से कड़ी कार्रवाई करने की अपील करते भी नजर आ रहे हैं.
Nuh-Mewat हिं*सा में मुख्यमंत्री मनोहर लाल को बताया जिम्मेदार,अध्यक्ष गौरक्षा दल योगेंद्र आचार्य जी ने लगाये सीधे आरोप…
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ध्यान दें कि वंदे मातरम् गाने या कहने से मुसलमानों का ‘इनकार’ काफी समय से हिंदुत्व कार्यकर्ताओं के लिए विवाद का मुद्दा रहा है.
प्रयागराज, उत्तर प्रदेश
प्रयागराज के रिटायर्ड आईपीएस अधिकारी, K P सिंह अब विश्व हिंदू परिषद में शामिल हो गए हैं. इन्होंने हिंदू राईट विंग संगठन द्वारा आयोजित विरोध प्रदर्शन में भाग लिया और 2 अगस्त को सुभाष चौराहे के पास चक्का जाम किया. इस प्रदर्शन के दौरान लिए गए वीडियो में K P सिंह के नेतृत्व वाली भीड़ को एक ट्रैक्टर चालक के साथ मारपीट करते और उसकी शर्ट खींचकर उसे ट्रैक्टर से नीचे खींचते देखा जा सकता है. बैकग्राउंड में “देश के गद्दारों को, गोली मारो सालों को” का नारा सुना जा सकता है. एक और क्लिप में K P सिंह एक बस को रोकते और ड्राइवर को धमकी भरे इशारे करते हुए दिखाई दे रहे हैं. जब पुलिस ने हस्तक्षेप करने और नाकाबंदी को रोकने की कोशिश की, तो K P सिंह ने कथित तौर पर पुलिस के साथ भी विवाद किया. बैकग्राउंड में लोगों ने “बुलडोजर बाबा जिंदाबाद” के नारे लगाए. ये झड़प कैमरे में भी कैद हो गई है.
एक बयान में प्रयागराज में विश्व हिंदू परिषद के वरिष्ठ पदाधिकारी विनोद अग्रवाल ने कहा, “नूह में हिंसा पूर्व नियोजित थी. इतने कम समय में उन्होंने इतने सारे हथियार कैसे हासिल कर लिए? इस हिंसा की गहन जांच की जरूरत है और दोषियों को सख्त से सख्त सजा दी जानी चाहिए ताकि भविष्य में ऐसी कोई पुनरावृति न हो.”
उन्होंने आगे कहा, “इसकी NIA से जांच होनी चाहिए जितने भी दोषी हैं जिन्होंने ये घटना को घटित किया है उनके एक एक घर की छानबीन होनी चाहिए, और उनके घर में जो भी चीज़ है उसको पुलिस द्वारा बरामदगी करके और जिस प्रकार से योगी बाबा ने यूपी को शांत कराया है उसी प्रकार से योगी बाबा का बुलडोज़र उनके घरों पे विद्रोहियों के घरों पे चलना चाहिए.” इसके अलावा उन्होंने मुसलमानों की तुलना सांपों से करते हुए कहा, “इन सपेरों को आप कितना भी दूध पिला दीजिए लेकिन ये अपना फन फ़ैलाए बिना नहीं रुकेंगे.” द हिंदू के मुताबिक, कार्यकर्ताओं ने “इस्लामी आतंकवाद के पुतले भी जलाए” और ये ये मैसेज दिया हमला बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
प्रयागराज विश्व हिन्दु परिषद, बजरंग दल और अन्य हिंदूवादी संगठन ने प्रयागराज मे हरियाणा के मेवात की घटना को लेकर जबरदस्त विरोध प्रदर्शन किया। सरकार से मांग की राष्ट्रीय एजेंसी NIA मेवात की घटना की छानबीन करे। जिसप्रकार से इंटीलिजेंस की खामियाँ आयी है यह दुर्भाग्य पूर्ण है । हिन्दु संगठनों ने सरकार मांग की है कि मृतक के परिवार को 1 करोड़ रुपये और घायन को 20 लाख रुपये दिये जाए और दोषियों पर सख्त से सख्त कार्यवाही की जाए ।
बाइट विनोद अग्रवाल प्रांत प्रचारक VHP
Posted by Vilas Gupta on Wednesday, 2 August 2023
हिंदुत्ववॉच ने रैली का एक वीडियो भी ट्वीट किया जिसमें प्रदर्शनकारियों को “देश के गद्दारों को, गोली मारों सालों को” और “हर एक जिहादी को, फांसी दो” जैसे नारे लगाते हुए सुना जा सकता है.
Location: Prayagraj, Uttar Pradesh
Date: August 2, 2023Vishwa Hindu Parishad members organised a rally shouting hateful slogans: “Desh ke gaddaron ko, Goli maro salon ko (shoot the traitors of our country).” pic.twitter.com/HxtmS8VUCe
— HindutvaWatch (@HindutvaWatchIn) August 3, 2023
बहिष्कार का आह्वान अस्वीकार्य: सुप्रीम कोर्ट
11 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस संजीव खन्ना और SVN भट्ट की खंडपीठ ने कहा कि हरियाणा के नूंह में हाल ही में भड़की हिंसा के बाद मुस्लिम समुदाय के बहिष्कार का आह्वान अस्वीकार्य था. ये पीठ एक पत्रकार शाहीन अब्दुल्ला द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी जिसमें आरोप लगाया गया था कि अलग-अलग राज्यों में 27 से ज़्यादा रैलियां आयोजित की गईं जहां वक्ताओं ने नफरत भरे भाषण दिए. अदालत ने सुझाव दिया कि आरोपों की जांच करने और उचित कार्रवाई करने के लिए हरियाणा DGP के तहत एक समिति बनाई जाए.
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